दरभंगा: राज्यपाल सह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर सीनेट में आज यानी रविवार को भाग लेने पहुंचे. कुलाधिपति के आगमन पर संस्कृत विवि में व्यापक स्तर पर तैयारी की गई. कुलाधिपति पटना से निकलकर अपने कारकेट से 11 बजे सीधे बाघ मोड़ गेट से होते हुए संस्कृत विवि में प्रवेश किए. विवि परिसर में उन्हें राशि नक्षत्र वाटिका के उत्तर-पूर्वी दिशा में गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया.
ये भी पढे़ं- Bihar Diwas 2023 : 'गौरव गान में ही छिपी है बिहार की पहचान'.. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर
डॉ. सर कामेश्वर सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण: विश्वविद्यालय कुलाधिपति ने महाराजाधिराज डॉ. सर कामेश्वर सिंह के आदमकद प्रतिमा को माला पहनाकर सम्मानित किया. उसके बाद वे सीधे कुलपति सचिवालय पहुंचेंगे. जहां अल्पाहार करने के बाद सीधे सीनेट हॉल पहुंचकर मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए सीनेट की बैठक समाप्त होने के बाद तीन बजे सीधे पटना के लिए प्रस्थान करेंगे.
सीनेट बैठक में सभी अधिकारी मौजूद: विश्वविद्यालय परिसर के सीनेट हॉल की बैठक में पहली पंक्ति में कुलाधिपति, कुलपति, प्रतिकुलपति, राजभवन के प्रधान सचिव और आप्त सचिव के बैठने की व्यवस्था की गई. वहीं दूसरी लाइन में कुलाधिपति एडीसी के साथ ही कुलसचिव भी आसन ग्रहण करेंगे. वहीं इस बैठक में विश्वविद्यालय के 55 सदस्यों के भाग लेने की संभावना है.
पहली बार कुलाधिपति ने की अध्यक्षता: संस्कृत विवि के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है, जब कोई कुलाधिपति सीनेट की अध्यक्षता करने पहुंचे हैं. इसके लिए विवि प्रशासन के साथ सभी सीनेट के सदस्यों में उत्साह है. जानकारी के मुताबिक कुलाधिपति का स्वागत मिथिला परंपरा के अनुसार की गई. उनके भोजन में भी मिथिला के प्रसिद्ध तिलकोर और खम्हाउर का तरुआ, मखाने की खीर आदि की व्यवस्था की गई. राज्यपाल के आगमन के बाद पूरी समय सारणी का भी ध्यान रखा गया है. इसकी पूरी जानकारी तय की गई है.