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दरभंगा में गहराया जल संकट तो कुएं की तरफ लौटने लगे लोग, शुरू की कुएं की उड़ाही

मुफ़्ती मोहल्ले के 10 युवाओं की एक टीम 40 साल से कूड़े-कचरे से भरे कुएं की उड़ाही शुरू कर दी है.

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Published : Jun 11, 2019, 9:23 AM IST

दरभंगा में कुएं की उड़ाही में जुटे लोग

दरभंगा: अपनी जल संपदा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध मिथिलांचल का इलाका इस बार भीषण जल संकट के दौर से गुजर रहा है. दरभंगा में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते नजर आ रहे है. हालांकि लोग इस संकट से उबरने के उपाय भी ढूंढने में जुट गए हैं.

पानी के किल्लत के बीच लोगों ने उन पुराने कुंओं की तरफ अपना ध्यांन आकृष्ट किया है जिन से कभी नाता तोड़ नल-कूप की तरफ खुद को मोड़ लिया था. ये वो कुएं हैं जिन्हे लोगों ने अनुपयोगी मान कर वर्षों पहले कूड़े-कचरे से भर दिया था. हालांकि परस्थितिवश लोग अब कुंओं की साफ-सफाई में जुट गए हैं.

दरभंगा में कुएं की उड़ाही में जुटे लोग

कुएं की उड़ाही में जुटे युवा
मुफ़्ती मोहल्ले के 10 युवाओं की एक टीम 40 साल से कूड़े-कचरे से भरे कुएं की उड़ाही शुरू कर दी है. युवा मो. उमर कहते हैं कि कुआं करीब एक सौ साल पुराना है. इसकी खुदाई वर्ष 1921 में हुई थी. लोगों ने इसे अनुपयोगी मान कर कूड़े-कचरे से भर दिया था. इस बार के रमजान में पानी की एक-एक बूंद के लिये तरसना पड़ा. इसलिए मोहल्ले के युवाओं को इकट्ठा कर इस कुएं की उड़ाही शुरू की है. उम्मीद है कि बहुत जल्द कुएं से पानी निकलेगा. इसे जांच करा कर पीने योग्य बनायेंगे. अगर यह पीने लायक नहीं भी हुआ तब इसके पानी का उपयोग नहाने और कपड़े धोने के लिए करेंगे. मोहल्ले के गरीब लोगों को इससे काफी राहत मिलेगी. उन्होने शहर के युवाओं अपील करते हुए कहा कि इस संकट के दौर में बेकार पड़े कुएं की उड़ाही करने के लिए आगे आए. उनकी टोली इसमें शहर के लोगों की मदद भी करेगी.

darbhanga
कुएं की उड़ाही करते लोग

तीन सौ साल पुराना कुंआ बना सहारा
जल संकट के इस दौर में शहर के मशहूर चिकित्सक रहे स्व. डॉ. गणपति मिश्र का कुंआ भी आकर्षण का केन्द्र है. लालबाग स्थित आवासीय परिसर में करीब तीन सौ साल सेल यह कुआं उपयोग में आ रहा है. तीन सौ साल पुराना कुआं आज भी उपयोगी है. इसका पानी दैनिक जीवन में पीने के काम में आ रहा है. परिसर के मालिक मोदनाथ मिश्र ने बताया कि भीषण जल संकट में यह कुआं आसपास के लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है.

40 फीट ऊपर तक तक है पानी

इस कुएं से आस-पास के लोगों की कई पीढ़ियों ने उपयोग में लाया है. दरभंगा में जबव जल स्तर दो-ढाई सौ फीट नीचे चला गया है. ऐसे में इस कुएं में 40 फ़ीट ऊपर तक तक पानी है. इसके पानी का उपयोग पीने में भी होता है. वे इस कुएं की सफाई भी करवाते हैं. जिले में बेकार पड़े पुराने कुओं की उड़ाही करवाएं करवाकर जल संकट से राहत मिल सकती है.

darbhang
डॉ. गणपति मिश्र का कुंआ

दरभंगा: अपनी जल संपदा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध मिथिलांचल का इलाका इस बार भीषण जल संकट के दौर से गुजर रहा है. दरभंगा में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते नजर आ रहे है. हालांकि लोग इस संकट से उबरने के उपाय भी ढूंढने में जुट गए हैं.

पानी के किल्लत के बीच लोगों ने उन पुराने कुंओं की तरफ अपना ध्यांन आकृष्ट किया है जिन से कभी नाता तोड़ नल-कूप की तरफ खुद को मोड़ लिया था. ये वो कुएं हैं जिन्हे लोगों ने अनुपयोगी मान कर वर्षों पहले कूड़े-कचरे से भर दिया था. हालांकि परस्थितिवश लोग अब कुंओं की साफ-सफाई में जुट गए हैं.

दरभंगा में कुएं की उड़ाही में जुटे लोग

कुएं की उड़ाही में जुटे युवा
मुफ़्ती मोहल्ले के 10 युवाओं की एक टीम 40 साल से कूड़े-कचरे से भरे कुएं की उड़ाही शुरू कर दी है. युवा मो. उमर कहते हैं कि कुआं करीब एक सौ साल पुराना है. इसकी खुदाई वर्ष 1921 में हुई थी. लोगों ने इसे अनुपयोगी मान कर कूड़े-कचरे से भर दिया था. इस बार के रमजान में पानी की एक-एक बूंद के लिये तरसना पड़ा. इसलिए मोहल्ले के युवाओं को इकट्ठा कर इस कुएं की उड़ाही शुरू की है. उम्मीद है कि बहुत जल्द कुएं से पानी निकलेगा. इसे जांच करा कर पीने योग्य बनायेंगे. अगर यह पीने लायक नहीं भी हुआ तब इसके पानी का उपयोग नहाने और कपड़े धोने के लिए करेंगे. मोहल्ले के गरीब लोगों को इससे काफी राहत मिलेगी. उन्होने शहर के युवाओं अपील करते हुए कहा कि इस संकट के दौर में बेकार पड़े कुएं की उड़ाही करने के लिए आगे आए. उनकी टोली इसमें शहर के लोगों की मदद भी करेगी.

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कुएं की उड़ाही करते लोग

तीन सौ साल पुराना कुंआ बना सहारा
जल संकट के इस दौर में शहर के मशहूर चिकित्सक रहे स्व. डॉ. गणपति मिश्र का कुंआ भी आकर्षण का केन्द्र है. लालबाग स्थित आवासीय परिसर में करीब तीन सौ साल सेल यह कुआं उपयोग में आ रहा है. तीन सौ साल पुराना कुआं आज भी उपयोगी है. इसका पानी दैनिक जीवन में पीने के काम में आ रहा है. परिसर के मालिक मोदनाथ मिश्र ने बताया कि भीषण जल संकट में यह कुआं आसपास के लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है.

40 फीट ऊपर तक तक है पानी

इस कुएं से आस-पास के लोगों की कई पीढ़ियों ने उपयोग में लाया है. दरभंगा में जबव जल स्तर दो-ढाई सौ फीट नीचे चला गया है. ऐसे में इस कुएं में 40 फ़ीट ऊपर तक तक पानी है. इसके पानी का उपयोग पीने में भी होता है. वे इस कुएं की सफाई भी करवाते हैं. जिले में बेकार पड़े पुराने कुओं की उड़ाही करवाएं करवाकर जल संकट से राहत मिल सकती है.

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डॉ. गणपति मिश्र का कुंआ
Intro:दरभंगा। अपनी जल संपदा के लिये दुनिया भर में जाना जाने वाला मिथिलांचल का इलाका अब भीषण जल संकट झेल रहा है। दरभंगा में बूंद-बूंद पानी के लिये तरसते लोग अब संकट से उबरने के उपाय ढूंढने में लगे हैं। इसी कड़ी में लोगों का ध्यान शहर के उन कुओं की ओर गया है जिन्हें लोगों ने अनुपयोगी मान कर वर्षों पहले कूड़े-कचरे से भर दिया था। ऐसे लोगों के लिये शहर के मशहूर चिकित्सक रहे स्व. डॉ. गणपति मिश्र के लालबाग स्थित आवासीय परिसर में करीब तीन सौ साल से उपयोग में आ रहा कुआं प्रेरक बना है।


Body:मुफ़्ती मोहल्ले के 10 युवाओं की एक टीम ने वहां 40 साल से कूड़े-कचरे से भरे कुएं की उड़ाही शुरू कर दी है। युवा मो. उमर ने बताया कि ये कुआं करीब एक सौ साल पुराना है। यह वर्ष 1921 में खोदा गया था। बाद में लोगों ने इसे अनुपयोगी मान कर कूड़े-कचरे से भर दिया था। उसने बताया कि इस बार के रमजान में उन्हें पानी की बूंद-बूंद के लिये तरसना पड़ा। इसलिये मोहल्ले के युवाओं को इकट्ठा कर उन लोगों ने कुएं की उड़ाही शुरू की है। उन्हें उम्मीद है कि बहुत जल्द कुएं से पानी निकलेगा। वे लोग इस पानी की जांच करवा कर पता करेंगे कि यह पीने लायक है या नहीं। अगर यह पीने लायक नहीं भी हुआ तब भी इसके पानी का उपयोग नहाने और कपड़े धोने के काम में होगा। उससे मोहल्ले के गरीब लोगों को काफी राहत मिलेगी। उसने कहा कि शहर में जहां कहीं भी बेकार पड़ा कुआं हो उसकी उड़ाही होनी चाहिये। उनकी टोली इसमें शहर के लोगों की मदद करेगी।


Conclusion:उधर, शहर के लालबाग मोहल्ले के स्व. डॉ गणपति मिश्र के आवासीय परिसर में करीब तीन सौ साल पुराना कुआं आज भी उपयोगी है। उसका पानी पीने के काम में आ रहा है। परिसर के मालिक मोदनाथ मिश्र ने बताया कि भीषण जल संकट में यह कुआं आसपास के लोगों के लिये वरदान साबित हुआ है। लोग इससे पानी ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह कुआं कई पीढ़ियों से उनके उपयोग में है। दरभंगा में जब पानी का लेयर दो-ढाई सौ फीट नीचे चला गया है तब भी इसमें 40 फ़ीट ऊपर तक तक पानी है। उन्होंने बताया कि इसके पानी का उपयोग पीने में भी होता है। वे हर दिन कुएं की सफाई करते हैं। उन्होंने कहा कि आम लोग और सरकार मिल कर जिले के बेकार पड़े पुराने कुओं की उड़ाही करवाएं तो जल संकट से काफी राहत मिलेगी।


बाइट 1- मो. उमर, स्थानीय
बाइट 2- मोदनाथ मिश्र, स्थानीय


विजय कुमार श्रीवास्तव
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