दरभंगा: समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर नियोजित शिक्षकों की हड़ताल लगातार 12वें दिन भी जारी है. जिले में भी इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. जिस कारण स्कूलों में कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. हड़ताली शिक्षकों का कहना है कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. छात्रों का जो नुकसान हो रहा है उसके लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार है.
दरअसल, बीते 17 फरवरी से बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर सभी प्राथमिक नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. अब माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों ने भी समान काम के बदले समान वेतन, सेवा शर्त नियमावली लागू की मांग की है. जिस कारण स्कूलों में पठन-पाठन का काम पूरी तरह से ठप हो गया है.
'सरकार शिक्षकों के साथ कर रही राजनीति'
दरभंगा जिला मुख्यालय में धरना दे रहे टीचर्स का कहना है कि सरकार उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय और अपने ही संकल्प पत्र की घोषणाओं को दरकिनार कर शिक्षा और शिक्षकों के साथ राजनीति कर रही है. सरकार की तानाशाही रवैया के कारण वे हड़ताल को मजबूर हुए हैं. वहीं, जिला सचिव सरवन नारायण चौधरी ने कहा कि सरकार के तानाशाह रवैया के कारण उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा है. इस अनिश्चितकालीन हड़ताल की पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.