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दरभंगा: एनएच 57 पर प्रवासियों के लिए कारोबारी चला रहे राहत कैंप

जिले के एनएच 57 पर शहर के व्यवसायियों और सक्षम लोगों ने मिल कर राहत कैंप की शुरूआत की है. इसमें रोजाना 1,000 से 1,200 प्रवासी आगंतुक भोजन कर रहे हैं.

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Published : May 18, 2020, 10:21 PM IST

Updated : May 19, 2020, 4:42 PM IST

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दरभंगा: देश के कई राज्यों से लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों का आगमन जारी है. लोग पैदल या किसी वाहन में बैठ कर किसी तरह भूखे-प्यासे वापस लौट रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए जिले के एनएच 57 पर शहर के व्यवसायियों और सक्षम लोगों ने मिल कर राहत कैंप की शुरूआत की है.

इन राहत कैंपों में आगंतुकों के खाने-पीने और सुस्ताने की व्यवस्था की गई है. यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रवासियों को राहत पहुंचाई जा रही है. लगभग 2,000 किलोमीटर बाइक चलाकर दरभंगा पहुंचे चंदेश्वर सहनी ने बताया कि वो 13 मई को मुंबई से चले थे. आज यहां पहुंच कर बेहद सुकून महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस कैंप में उन्हें खाने-पीने की मदद मिली है. अब यहां से वो अपने गांव मनीगाछी जाएंगे. इस सुविधा के लिए उन्होंने कैंप से संचालकों को धन्यवाद दिया.

देखें पूरी रिपोर्ट

रोज हजारों लोगों को मिल रहा खाना
वहीं, कैंप के संचालकों में से एक श्रवण कुमार ने बताया कि ये कैंप पिछले कुछ दिनों से यहां चल रहा है. इसमें रोज 1,000 से 1,200 लोग भोजन कर रहे हैं. यहां साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस कैंप को कुछ व्यवसायी और शहर के सक्षम लोग मिल कर चला रहे हैं.

दरभंगा: देश के कई राज्यों से लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों का आगमन जारी है. लोग पैदल या किसी वाहन में बैठ कर किसी तरह भूखे-प्यासे वापस लौट रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए जिले के एनएच 57 पर शहर के व्यवसायियों और सक्षम लोगों ने मिल कर राहत कैंप की शुरूआत की है.

इन राहत कैंपों में आगंतुकों के खाने-पीने और सुस्ताने की व्यवस्था की गई है. यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रवासियों को राहत पहुंचाई जा रही है. लगभग 2,000 किलोमीटर बाइक चलाकर दरभंगा पहुंचे चंदेश्वर सहनी ने बताया कि वो 13 मई को मुंबई से चले थे. आज यहां पहुंच कर बेहद सुकून महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस कैंप में उन्हें खाने-पीने की मदद मिली है. अब यहां से वो अपने गांव मनीगाछी जाएंगे. इस सुविधा के लिए उन्होंने कैंप से संचालकों को धन्यवाद दिया.

देखें पूरी रिपोर्ट

रोज हजारों लोगों को मिल रहा खाना
वहीं, कैंप के संचालकों में से एक श्रवण कुमार ने बताया कि ये कैंप पिछले कुछ दिनों से यहां चल रहा है. इसमें रोज 1,000 से 1,200 लोग भोजन कर रहे हैं. यहां साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस कैंप को कुछ व्यवसायी और शहर के सक्षम लोग मिल कर चला रहे हैं.

Last Updated : May 19, 2020, 4:42 PM IST
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