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दरभंगा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में शुरू हुई नाव एंबुलेंस सेवा, सामान्य मरीजों और कोरोना पीड़ितों का हो रहा इलाज

जिले का सुदूर कुशेश्वरस्थान पीएचसी पिछले कई महीनों से बाढ़ के पानी में डूबा है. पीएचसी के एंबुलेंस भी पानी में डूब कर सड़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने नाव एंबुलेंस की व्यवस्था की है.

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Published : Sep 4, 2020, 11:08 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 7:27 PM IST

दरभंगा
दरभंगा

दरभंगा: जिले में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने अनोखी पहल की शुरुआत की है. साल के तकरीबन 6 महीने बाढ़ के पानी से डूबे रहने वाले कुशेश्वरस्थान के लोग अमूमन गंभीर बीमारी के इलाज के लिए भी अस्पताल नहीं पहुंच पाते थे. वहीं अब सरकार ने उन्हें बड़ी राहत दी है. पहली बार कुशेश्वरस्थान पीएचसी के अंतर्गत नाव एंबुलेंस सेवा की शुरुआत हुई है. इस एंबुलेंस में मरीज के चिकित्सक, एएनएम, बेड, चिकित्सा उपकरण और जरूरत की दवाएं भी उपलब्ध हैं. इसमें सामान्य मरीजों से लेकर कोरोना संक्रमितों के इमरजेंसी इलाज की व्यवस्था है.

दरअसल, जिले का सुदूर कुशेश्वरस्थान पीएचसी पिछले कई महीनों से बाढ़ के पानी में डूबा है. पीएचसी के एंबुलेंस भी पानी में डूब कर सड़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने नाव एंबुलेंस की व्यवस्था की है. इस एंबुलेंस की खासियत यह है कि जरूरत पड़ने पर इसे कॉल करके भी बुलाया जा सकता है. वहीं एंबुलेंस सेवा के शुरू होने पर स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन को धन्यवाद दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'गरीबों को मिली सुविधा'
स्थानीय शंकर यादव ने कहा कि इस नाव एंबुलेंस के चलने से इस बाढ़ ग्रस्त इलाके के गरीबों को इलाज की जो सुविधा मिली है. इसकी हम लोग कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. इसके लिए हम लोग प्रशासन को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कहा कि जब हमारे कॉल करने पर चिकित्सा सुविधा से लैस ये नाव एंबुलेंस पहुंचकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता है. साथ ही जरूरत पड़ने पर मरीज को इस पर बैठाकर पीएचसी भी ले जाया जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'इमरजेंसी सूचना मिलने पर करते हैं इलाज'
कुशेश्वरस्थान पीएचसी के चिकित्सक डॉ. ज्ञानेश कुमार पाठक ने बताया कि इस एंबुलेंस नाव की सहायता से हम कोविड कैंप के लिए सुदूर के गांव केवटगामा जा रहे हैं. यहां चारों तरफ बाढ़ का पानी भरा हुआ है. आवागमन की कोई दूसरी सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि इस नाव एंबुलेंस में कई तरह की इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध है. अगर किसी गर्भवती महिला का इलाज करना हो तो इसके लिए भी इस नाव एंबुलेंस पर सुविधा है. साथ ही इस पर कोरोना के इमरजेंसी इलाज की भी सुविधा है. जहां कहीं से भी इमरजेंसी की सूचना मिलती है. हम लोग इस नाव एंबुलेंस को लेकर जाते हैं.

दरभंगा
दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम

'ऑक्सीजन सिलेंडर की भी होगी व्यवस्था'
वहीं दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि कुशेश्वरस्थान का इलाका करीब 6 महीने बाढ़ के पानी से घिरा रहता है. इसी परिस्थिति को देखते हुए नाव एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. इससे उस इलाके के कोविड के मरीजों के इलाज में भी सुविधा हुई है. उन्होंने कहा कि कोविड के एक गंभीर मरीज को अस्पताल लाने में काफी दिक्कत हुई थी. उसी अनुभव के आधार पर नाव एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि अगले चरण में नाव एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर और पीपीई किट भी रखे जाएंगे. ताकि उस क्षेत्र के कोविड मरीज के इलाज में सुविधा हो सके. साथ ही ये एंबुलेंस सामान्य मरीजों के इलाज के लिए भी उपलब्ध कराया गया है.

दरभंगा: जिले में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने अनोखी पहल की शुरुआत की है. साल के तकरीबन 6 महीने बाढ़ के पानी से डूबे रहने वाले कुशेश्वरस्थान के लोग अमूमन गंभीर बीमारी के इलाज के लिए भी अस्पताल नहीं पहुंच पाते थे. वहीं अब सरकार ने उन्हें बड़ी राहत दी है. पहली बार कुशेश्वरस्थान पीएचसी के अंतर्गत नाव एंबुलेंस सेवा की शुरुआत हुई है. इस एंबुलेंस में मरीज के चिकित्सक, एएनएम, बेड, चिकित्सा उपकरण और जरूरत की दवाएं भी उपलब्ध हैं. इसमें सामान्य मरीजों से लेकर कोरोना संक्रमितों के इमरजेंसी इलाज की व्यवस्था है.

दरअसल, जिले का सुदूर कुशेश्वरस्थान पीएचसी पिछले कई महीनों से बाढ़ के पानी में डूबा है. पीएचसी के एंबुलेंस भी पानी में डूब कर सड़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने नाव एंबुलेंस की व्यवस्था की है. इस एंबुलेंस की खासियत यह है कि जरूरत पड़ने पर इसे कॉल करके भी बुलाया जा सकता है. वहीं एंबुलेंस सेवा के शुरू होने पर स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन को धन्यवाद दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'गरीबों को मिली सुविधा'
स्थानीय शंकर यादव ने कहा कि इस नाव एंबुलेंस के चलने से इस बाढ़ ग्रस्त इलाके के गरीबों को इलाज की जो सुविधा मिली है. इसकी हम लोग कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. इसके लिए हम लोग प्रशासन को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कहा कि जब हमारे कॉल करने पर चिकित्सा सुविधा से लैस ये नाव एंबुलेंस पहुंचकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता है. साथ ही जरूरत पड़ने पर मरीज को इस पर बैठाकर पीएचसी भी ले जाया जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'इमरजेंसी सूचना मिलने पर करते हैं इलाज'
कुशेश्वरस्थान पीएचसी के चिकित्सक डॉ. ज्ञानेश कुमार पाठक ने बताया कि इस एंबुलेंस नाव की सहायता से हम कोविड कैंप के लिए सुदूर के गांव केवटगामा जा रहे हैं. यहां चारों तरफ बाढ़ का पानी भरा हुआ है. आवागमन की कोई दूसरी सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि इस नाव एंबुलेंस में कई तरह की इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध है. अगर किसी गर्भवती महिला का इलाज करना हो तो इसके लिए भी इस नाव एंबुलेंस पर सुविधा है. साथ ही इस पर कोरोना के इमरजेंसी इलाज की भी सुविधा है. जहां कहीं से भी इमरजेंसी की सूचना मिलती है. हम लोग इस नाव एंबुलेंस को लेकर जाते हैं.

दरभंगा
दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम

'ऑक्सीजन सिलेंडर की भी होगी व्यवस्था'
वहीं दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि कुशेश्वरस्थान का इलाका करीब 6 महीने बाढ़ के पानी से घिरा रहता है. इसी परिस्थिति को देखते हुए नाव एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. इससे उस इलाके के कोविड के मरीजों के इलाज में भी सुविधा हुई है. उन्होंने कहा कि कोविड के एक गंभीर मरीज को अस्पताल लाने में काफी दिक्कत हुई थी. उसी अनुभव के आधार पर नाव एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि अगले चरण में नाव एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर और पीपीई किट भी रखे जाएंगे. ताकि उस क्षेत्र के कोविड मरीज के इलाज में सुविधा हो सके. साथ ही ये एंबुलेंस सामान्य मरीजों के इलाज के लिए भी उपलब्ध कराया गया है.

Last Updated : Oct 15, 2020, 7:27 PM IST
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