दरभंगाः जिले में डॉक्टरों के ऊपर हुए हमले का डॉक्टरों के लिए काम करने वाली संस्था भाषा ने विरोध किया है. भाषा का कहना है कि दोषियों पर एपिडेमिक एक्ट 2020 के तहत अविलंब गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई की जाए. भाषा के जनरल सेक्रेटरी डॉ. रंजीत कुमार ने डॉक्टरों के ऊपर हुए हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई करने की मांग की है.
डॉक्टरों पर हमला
भाषा के जनरल सेक्रेटरी डॉ. रंजीत कुमार ने बताया कि दरभंगा में शनिवार को सुबह पुलिस की ओर से चार कैदियों को कोविड-19 का जांच कराने की लिए ले आया गया था. जिसके बाद कोरोना की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने पुलिस प्रशासन को कैदियों के चेहरे पर मास्क लगवाने और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो कराने की बात कही. बस यही बात पुलिस प्रशासन को नागवारा गुजरी और उन्होंने डॉक्टरों की पिटाई कर दी. उन्होंने बताया कि इस मसले पर उन्होंने दरभंगा के एसपी और डीएम को लगातार सुबह से कॉल किया, मगर वह फोन तक नहीं उठा रहे हैं. उन्हें लगता है कि इस मामले को प्रशासन की ओर से डिफ्यूज कर दोषियों को बचाने की साजिश की जा रही है.
'एपिडेमिक एक्ट 2020 के तहत हो कार्रवाई'
डॉ. रंजीत कुमार ने दुःखी मन से कहा कि हमें कोरोना वॉरियर्स मत कहिए बस हमें अपना काम करने दीजिए. दोषियों पर अगर एपिडेमिक एक्ट 2020 के तहत कार्रवाई नहीं होती है, तो फिर वह आगे खुली लड़ाई पर विचार करेंगे. उन्होंने बताया कि वह सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर हो रहे हमले पर सिर्फ कानून ना बनाइए. कानून का क्रियान्वयन कैसे हो इस पर काम होना चाहिए.
'इस मसले पर संघ शांत नहीं बैठने वाला शांत'
डॉ. रंजीत कुमार ने बताया कि बिहार में स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर भी लगातार हमले हो रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी डॉक्टरों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जिस प्रकार से कमरे में बैठकर रणनीति बना रहे हैं और समय-समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे है, लगातार दिशानिर्देश बदल रहे हैं. ऐसे में बिहार में आने वाले समय में स्थिति और भयावह होने जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मसले पर संघ शांत नहीं बैठने जा रहा है और जल्द ही हम लोग इस पर कुछ डिसीजन लेंगे.