दरभंगा: अखिल भारतीय किसान सभा के राज्यव्यापी आह्वान पर जिला इकाई की ओर से समाहरणालय में किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक दिवसीय धरना दिया. धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी अमीरों की ओर से लाया गया है. लेकिन इसका सबसे ज्यादा कहर देश के किसानों और मजदूरों पर बरपा है. इस महामारी से किसान और मजदूर बर्बाद हो गये हैं. अलोकतांत्रिक मोदी सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति की वजह से देश की जनता परेशान है.
'किसानों के कर्ज को माफ करे सरकार'
जिलाध्यक्ष ने कहा कि डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी और पुलिस ही मात्र कोरोना योद्धा नहीं है. इस लॉकडाउन में जान पर खेलकर किसानों ने लोगों के लिए अनाज, सब्जी, फल, दूध और मछली का उत्पादन कर लोगों में काम करने की शक्ति पैदा करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि किसानों ने मेहनत करके अनाज के गोदाम को भरा. जिसके बल पर केंद्र सरकार ने देशवासियो को आश्वासन दिया कि कोई भूखा नहीं मरेगा. देश का गोदाम भरा है, प्रति व्यक्ति को अनाज दिया जाएगा. किसानों पर भरोसा करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया. इसी हक से सरकार से मांग करते है कि किसानों की परेशानी का जल्द से जल्द निदान किया जाए.
किसानों को 10 हजार मासिक पेंशन की मांग
राजीव चौधरी ने कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा बिहार के सभी जिला मुख्यालय पर किसानों ने मांग के समर्थन में राज्यव्यापी सांकेतिक धरना देने का फैसला लिया है. उन्होंने धरना के माध्यम से सरकार से मांग की है कि समर्थन मूल्य पर किसानों का मक्के और गेहूं की अविलंब खरीदारी की जाए. किसानों की पैदावार का पर एक देश एक बाजार के बदले एक देश एक रेट तय हो. साथ ही कोरोना से तबाह किसानों को 10 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि 2019 के धान की फसल और वर्तमान साल में रवि की फसल के सहकारिता बीमा के बकाया लाभ का भुगतान किया जाए. साथ ही 60 साल से ऊपर के सभी किसानों को 10 हजार मासिक पेंशन दी जाए.