दरभंगा: मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने शनिवार को एम्स निर्माण (AIIMS construction in Darbhanga) को लेकर समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिसवीय धरना दिया. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि एम्स निर्माण को लेकर केंद्र व राज्य की सरकारें पर मिथिला के लोगों को लगातार मूर्ख बनाने का आरोप लगाया. उनका कहा था कि एम्स निर्माण मामले को पिछले 8 सालों से एक पाले से दूसरे पाले करके लटकाने की साजिश की जा रही है. उनलोगों ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे मिथिला से जुड़े किसी मुद्दे को समय पर पूरा होने नहीं दे रहे हैं.
इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: 'एम्स की नींव यहीं डलेगी, मैं भी रहूंगा और तुम्हारी गोली सुनी पड़ जाएगी'- अश्विनी चौबे
राजनीतिक मुद्दा बनाः MSU के नेता अविनाश भारद्वाज ने बताया कि DMCH का हाल देख गरीब से गरीब लोग वहां जाना नहीं चाहते हैं. सुविधा के अभाव में उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने जाना पड़ता है. अगर कम पैसा में सरकारी इलाज चाहते हैं तो उन्हें पटना या दूसरे राज्य पर निर्भर रहना पड़ता है. इसलिए दरभंगा में एम्स बहुत जरुरी है. लेकिन यहां की राज्य सरकार और केंद्र सरकार राजनीतिक मुद्दा बना कर यहां के लोगो के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है.
नेताओं को घर पर जाकर घेरना होगाः अविनाश ने कहा कि इसके खिलाफ अब आवाज उठाना बहुत जरूरी हो गया है, ताकि 2024 लोकसभा चुनाव से पूर्व एम्स का शिलान्यास दरभंगा में हो सके. इसके लिए हम सभी को जाति, धर्म और पार्टी से ऊपर उठकर दरभंगा एम्स के लिए जन-प्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ेगा. यहां के नेताओं को घर पर जाकर घेरना होगा. बाहरी नेता को दरभंगा में नहीं घुसने देना होगा. तभी अब दरभंगा एम्स के ऊपर सरकार की नजर जा पायेगी.
"हमलोगों का प्रयास है कि दरभंगा में अविलंब एम्स का निर्माण हो. मिथिला सहित पड़ोसी देश नेपाल के लोगों को स्वास्थ्य सेवा के अभाव में अन्य राज्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मिथिला के 7 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास किसी भी तरह की स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. 4 करोड़ लोग डीएमसीएच पर आश्रित हैं, जिसका हाल बहुत बुरा है"- अविनाश भारद्वाज, नेता, MSU