पटना: 30 मई को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर दुबारा शपथ लेंगे. इस दौरान कई मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. 2014 की तुलना में इस बार बिहार से एनडीए के ज्यादा सांसद दिल्ली पहुंचे हैं. अब सबकी नजर इसपर लगी है कि मोदी सरकार में किसे मंत्री पद दिया जाएगा.
लोजपा में पिता-पुत्र की जोड़ी पर दांव
एलजेपी को इस बार 6 सीटें मिली हैं. चर्चा है कि एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ही पार्टी के कोटे से मंत्री बनेंगे. सूत्रों का कहना है कि रामविलास की जगह चिराग को जगह मिल सकती है. लेकिन, चिराग पहले ही संकेत दे चुके हैं कि कैबिनेट में जगह उनके पिता को ही मिले.
जेडीयू के नवनिर्वाचित 16 सांसद
वहीं जेडीयू से 16 सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे हैं. खबरों के मुताबिक जेडीयू के कोटे से दो सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. इसमें सबसे पहला नाम सीएम के खास ललन सिंह का है. वहीं, आरसीपी सिंह के नाम की खूब चर्चा हो रही है. जबकि, पूर्णिया से जीतनेवाले संतोष कुशवाहा के बारे में भी बातें हो रही है. कहा जा रहा है कि कुशवाहा वोट बैंक पर नीतीश कुमार की कड़ी नजर है. इस वजह से संतोष कुशवाहा के लिए नीतीश मंत्री पद की कोशिश कर सकते हैं.
इन्हें मिल सकता है मंत्रालय
एनडीए से गिरिराज सिंह ने बेगूसराय से भी प्रचंड जीत हासिल की है. वहीं राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने मुंगेर से बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह को मात दी. बक्सर में अश्विनी चौबे ने जगदानंद सिंह को हराया. बात करें आरा की तो वहां से आर के सिंह ने राजू यादव को शिकस्त दी. इन सभी नवनिर्वाचित सांसदों को नई मोदी सरकार में मंत्रालय मिल सकता है. ललन सिंह ने बीते दिनों ही विधान-परिषद से इस्तीफा भी दे दिया है. हालांकि इन सबके बीच बक्सर से निर्वाचित अश्विनी चौबे पर अब भी संशय बरकरार है. उनको लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है.