ETV Bharat / state

पटना एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल को हाईकोर्ट से राहत नहीं, सुनवाई में क्या हुआ, जानें - PATNA HIGH COURT

पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक पद से हटाये गये डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली. सुनवाई के दौरान क्या हुआ, पढ़िये.

Patna AIIMS
डॉक्टर जीके पाल. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 20, 2024, 10:52 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने पटना एम्स के पूर्व कार्यकारी निदेशक डा. गोपाल कृष्ण पाल को पटना एम्स के निदेशक पद पर पदस्थापित करने सम्बन्धी याचिका को ख़ारिज करते हुए अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया. जस्टिस पी बी बजानथ्री की खंडपीठ ने डा. गोपाल कृष्ण पाल की याचिका पर सुनवाई की. इस मामले की सुनवाई कैट के समक्ष चल रही है. खंडपीठ ने कैट को याचिकाकर्ता की मामले की सुनवाई शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया.

क्या है मामलाः एम्स,पटना के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक डा. गोपाल कृष्ण पाल गोरखपुर एम्स के भी इंचार्ज थे. इसी दौरान उनके बेटे आरो प्रकाश पाल ने पटना एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एमडी पाठ्यक्रम में एडमिशन लिया. उसने ओबीसी क्रीमीलेयर के आरक्षण के प्रमाणपत्र के आधार पर एमडी पाठ्यक्रम में एडमिशन लिया था, जबकि ये उस श्रेणी से सम्बन्धित नहीं था.

जांच में क्या आये सामनेः जब इस सम्बन्ध में हंगामा होने लगा, तो उनके प्रमाणपत्र को समाप्त करने के लिए आवेदन दिया गया. साथ ही एमडी पाठ्यक्रम से उसने अपना एडमिशन वापस ले लिया. इसके बाद केंद्रीय और राज्य स्तर पर इस मामले की जांच हुई. जहां राज्य की कमिटी ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों की गलती से जाति प्रमाणपत्र बन गया. इसमें पटना,एम्स के कार्यकारी निदेशक की कोई भूमिका नहीं थी.

हाईकोर्ट में क्यों दायर की याचिकाः दूसरी ओर केंद्र स्वास्थ्य विभाग ने जांच में यह कहा कि डा. पाल की भूमिका इसमें प्रतीत होती है, इसलिए उन्हें पटना,एम्स के कार्यकारी निदेशक के पद से हटा कर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग में पदस्थापित किया गया. इसी को चुनौती देते हुए डा. पाल ने कैट में याचिका दायर की. कैट ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया, तो उन्होंने पटना हाई कोर्ट में उस आदेश को चुनौती दी. पटना,एम्स के कार्यकारी निदेशक के पद पर पदस्थापित करने की याचिका दायर की.

इसे भी पढ़ेंः पटना AIIMS डायरेक्टर के बेटे के OBC सर्टिफिकेट की जांच शुरू, जानिए पूरा मामला - patna aiims director

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने पटना एम्स के पूर्व कार्यकारी निदेशक डा. गोपाल कृष्ण पाल को पटना एम्स के निदेशक पद पर पदस्थापित करने सम्बन्धी याचिका को ख़ारिज करते हुए अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया. जस्टिस पी बी बजानथ्री की खंडपीठ ने डा. गोपाल कृष्ण पाल की याचिका पर सुनवाई की. इस मामले की सुनवाई कैट के समक्ष चल रही है. खंडपीठ ने कैट को याचिकाकर्ता की मामले की सुनवाई शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया.

क्या है मामलाः एम्स,पटना के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक डा. गोपाल कृष्ण पाल गोरखपुर एम्स के भी इंचार्ज थे. इसी दौरान उनके बेटे आरो प्रकाश पाल ने पटना एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एमडी पाठ्यक्रम में एडमिशन लिया. उसने ओबीसी क्रीमीलेयर के आरक्षण के प्रमाणपत्र के आधार पर एमडी पाठ्यक्रम में एडमिशन लिया था, जबकि ये उस श्रेणी से सम्बन्धित नहीं था.

जांच में क्या आये सामनेः जब इस सम्बन्ध में हंगामा होने लगा, तो उनके प्रमाणपत्र को समाप्त करने के लिए आवेदन दिया गया. साथ ही एमडी पाठ्यक्रम से उसने अपना एडमिशन वापस ले लिया. इसके बाद केंद्रीय और राज्य स्तर पर इस मामले की जांच हुई. जहां राज्य की कमिटी ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों की गलती से जाति प्रमाणपत्र बन गया. इसमें पटना,एम्स के कार्यकारी निदेशक की कोई भूमिका नहीं थी.

हाईकोर्ट में क्यों दायर की याचिकाः दूसरी ओर केंद्र स्वास्थ्य विभाग ने जांच में यह कहा कि डा. पाल की भूमिका इसमें प्रतीत होती है, इसलिए उन्हें पटना,एम्स के कार्यकारी निदेशक के पद से हटा कर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग में पदस्थापित किया गया. इसी को चुनौती देते हुए डा. पाल ने कैट में याचिका दायर की. कैट ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया, तो उन्होंने पटना हाई कोर्ट में उस आदेश को चुनौती दी. पटना,एम्स के कार्यकारी निदेशक के पद पर पदस्थापित करने की याचिका दायर की.

इसे भी पढ़ेंः पटना AIIMS डायरेक्टर के बेटे के OBC सर्टिफिकेट की जांच शुरू, जानिए पूरा मामला - patna aiims director

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.