पटनाः बिहार के लाखों नियोजित शिक्षकों को आज बड़ी निराशा हाथ लगी जब सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया. पटना हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर 2017 को बिहार के नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षक हताश हैं. कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर आगे दो चरणों के चुनाव पर पड़ेगा.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा है कि इस फैसले से शिक्षकों में निराशा हाथ लगी है. लेकिन इसके बाद भी फैसले की कॉपी हाथ में आने के बाद वे इस पर समीक्षा करेंगे और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल करेंगे.
एनडीए पर असर
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस फैसले का बिहार के चुनाव पर भी बड़ा असर पड़ सकता है. अभी चुनाव के दो चरण बाकी हैं और इन दो चरणों में बिहार में16 सीटों पर मतदान होना है. जिनमें केंद्र के पांच मंत्री चुनाव मैदान में हैं. इस लिहाज से माध्यमिक शिक्षक संघ का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है. अगर जेडीयू और बीजेपी के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोला तो इसका बड़ा नुकसान एनडीए को उठाना पड़ सकता है.
चुनाव प्रकिया और शिक्षा व्यवस्था पर असर
वहीं, बिहार नियोजित शिक्षक संघर्ष समिति के प्रवक्ता गौरी शंकर का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया में बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं. उनके साथ उनके रिश्तेदार, परिवार जुड़े हुए हैं तो इस फैसले के बाद चुनाव प्रक्रिया पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इसके साथ ही जो शिक्षा व्यवस्था पहले से ही चरमराई है वह और प्रभावित होगी. वे कहते हैं कि आने वाले दिनों में जब तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं होती और जब तक उस पर फैसला नहीं आता, तब तक शिक्षक हताश रहेंगे और शिक्षा व्यवस्था चौपट रहेगी.