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DIG के आदेशों की उड़ रही धज्जियां, थाने में PRO सिस्टम बना मजाक

पटना में डीआईजी राजेश कुमार के आदेश पर पीआरओ सिस्टम की शुरुआत की गई थी. लेकिन आज के समय में एक भी थाने में पीआरओ मौजूद नहीं हैं.

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Published : Jun 12, 2019, 10:40 PM IST

पटना: डीआईजी राजेश कुमार ने पिछले साल हर थाने में एक पीआरओ को तैनात करने के निर्देश दिए थे. जिससे शिकायत दर्ज कराने आने वाले फरियादियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो. लेकिन पांच महीनों के अंदर ही डीआईजी के आदेशों की धज्जियां उड़ती दिख रही है.

इन थानों का है बुरा हाल
ईटीवी भारत के रिपोर्ट ने जब कदमकुआं थाना, बहादुरपुर थाना, पत्रकार नगर थाना और कंकड़बाग थाने का जायजा लिया तो इन सभी थानों से पीआरओ साहब नदारद दिखे. इस बाबत जब पूछताछ की गई तो यहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कई तरह के बहाने देने शुरू कर दिए. यही नहीं कदमकुआं थाने में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. यहां पीआरओ की कुर्सी पर थाने में फरियाद लेकर आई एक बुजुर्ग महिला आराम फरमाते नजर आईं.

संवाददाता नीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट

PRO सिस्टम की हुई थी शुरुआत
दरअसल, पटना और नालंदा के सभी थानों में पिछले साल 29 दिसंबर से डीआईजी राजेश कुमार के आदेश पर पीआरओ सिस्टम की शुरुआत की गई थी. डीआईजी के अनुसार इसका मुख्य उद्देश्य शिकायत दर्ज कराने आने वाले फरियादियों को बेहतर सुविधा प्रदान कराना था. लेकिन पांच महीने के अंदर ही इन आदेशों को नजरअंदाज कर दिया गया.

पटना: डीआईजी राजेश कुमार ने पिछले साल हर थाने में एक पीआरओ को तैनात करने के निर्देश दिए थे. जिससे शिकायत दर्ज कराने आने वाले फरियादियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो. लेकिन पांच महीनों के अंदर ही डीआईजी के आदेशों की धज्जियां उड़ती दिख रही है.

इन थानों का है बुरा हाल
ईटीवी भारत के रिपोर्ट ने जब कदमकुआं थाना, बहादुरपुर थाना, पत्रकार नगर थाना और कंकड़बाग थाने का जायजा लिया तो इन सभी थानों से पीआरओ साहब नदारद दिखे. इस बाबत जब पूछताछ की गई तो यहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कई तरह के बहाने देने शुरू कर दिए. यही नहीं कदमकुआं थाने में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. यहां पीआरओ की कुर्सी पर थाने में फरियाद लेकर आई एक बुजुर्ग महिला आराम फरमाते नजर आईं.

संवाददाता नीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट

PRO सिस्टम की हुई थी शुरुआत
दरअसल, पटना और नालंदा के सभी थानों में पिछले साल 29 दिसंबर से डीआईजी राजेश कुमार के आदेश पर पीआरओ सिस्टम की शुरुआत की गई थी. डीआईजी के अनुसार इसका मुख्य उद्देश्य शिकायत दर्ज कराने आने वाले फरियादियों को बेहतर सुविधा प्रदान कराना था. लेकिन पांच महीने के अंदर ही इन आदेशों को नजरअंदाज कर दिया गया.

Intro:पटना डीआईजी राजेश कुमार ने पिछले साल के 29 दिसंबर को एक नायाब पहल की थी जब थाने में शिकायत दर्ज करवाने आने वाले फरियादियों के लिए थाने में तैनात किए जाएंगे पीआरओ आम लोगों की शिकायत सुनने के साथ साथ शिकायत करने आने वाले लोगों को पानी तक पिलाएंगे पर महज 5 महीनों के अंदर डीआईजी के आदेश की हवा निकलती दिख रही है और इसी कड़ी में ईटीवी भारत में कई थानों का रियलिटी टेस्ट किया तो उठा लो बीपीआरओ की टेबल तो जरूर थाने के बाहर लगी दिखी पर उस टेबल पर यारों साहब नदारद दिखे


Body:हमारे पटना संवाददाता ने पटना के कदम कुआं थाना बहादुरपुर थाना पत्रकार नगर थाना और कंकड़बाग थाने का जायजा लिया तो थाने के बाहर पीआरओ साहब की टेबल और कुर्सी तो लगी तो जरूर दिखी पर टेबुल कुर्सी से पीआरओ साहब नदारद दिखे जब इस बाबत हमने थानों में छानबीन शुरू की तो कई तरह के बहाने थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों के द्वारा सुनने को मिले,वही सबसे बढ़िया नजारा तो पटना के कदमकुआं थाने को देखने को मिली वहां पीआरओ साहब की कुर्शी पर खुद थाने में फरियाद करने आई एक बुजुर्ग महिला आराम फरमाते दिखी....


Conclusion:दरअसल पटना और नालंदा के सभी थानों में पिछले साल के 29 दिसंबर से डीआईजी राजेश कुमार के आदेश पर पी आर ओ सिस्टम की शुरुआत की गई इस सिस्टम का शुरुआत करने के पीछे डीआईजी राशि राजेश कुमार का मकसद था थाने में शिकायत दर्ज करवाने आने वाले फरियादियों को बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके और थाना के प्रति आम जनमानस में सकारात्मक छवि बन सके हालांकि डीआईजी के इस पहल की शुरुआत में काफी सराहना हुई पर धीरे-धीरे यह सिस्टम को लेकर चला गया और अभी डीआईजी साहब का यह आदेश के 6 महीने भी नहीं हुए थे कि पटना के कई थानों में डीआईजी के आदेश की धज्जियां उड़ती दिख रही है ।।
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