पटना: डीआईजी राजेश कुमार ने पिछले साल हर थाने में एक पीआरओ को तैनात करने के निर्देश दिए थे. जिससे शिकायत दर्ज कराने आने वाले फरियादियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो. लेकिन पांच महीनों के अंदर ही डीआईजी के आदेशों की धज्जियां उड़ती दिख रही है.
इन थानों का है बुरा हाल
ईटीवी भारत के रिपोर्ट ने जब कदमकुआं थाना, बहादुरपुर थाना, पत्रकार नगर थाना और कंकड़बाग थाने का जायजा लिया तो इन सभी थानों से पीआरओ साहब नदारद दिखे. इस बाबत जब पूछताछ की गई तो यहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कई तरह के बहाने देने शुरू कर दिए. यही नहीं कदमकुआं थाने में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. यहां पीआरओ की कुर्सी पर थाने में फरियाद लेकर आई एक बुजुर्ग महिला आराम फरमाते नजर आईं.
PRO सिस्टम की हुई थी शुरुआत
दरअसल, पटना और नालंदा के सभी थानों में पिछले साल 29 दिसंबर से डीआईजी राजेश कुमार के आदेश पर पीआरओ सिस्टम की शुरुआत की गई थी. डीआईजी के अनुसार इसका मुख्य उद्देश्य शिकायत दर्ज कराने आने वाले फरियादियों को बेहतर सुविधा प्रदान कराना था. लेकिन पांच महीने के अंदर ही इन आदेशों को नजरअंदाज कर दिया गया.