पटना: लोकसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले जदयू ने गुगली फेंकी है. बिहार को स्पेशल स्टेटस देने के मुद्दे पर जेडीयू के तमाम नेता अचानक आक्रामक हो गए हैं. सभी एकबार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसकी मांग उठाने लगे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान जेडीयू ने स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी थी. लेकिन, जैसे ही चुनाव खत्म हुए और उन्हें अपनी मजबूती का एहसास हुआ तो वह एकबार फिर स्पेशल स्टेटस की मांग लेकर बैठ गए.
विशेष राज्य की मांग
जदयू की ओर से विशेष राज्य के दर्जे की मांग ऐसे वक्त में की गई है, जब कुछ ही घंटों में केंद्र की सरकार का भविष्य तय होना है. मिल रही जानकारी के मुताबिक जदयू सरकार बनाने में अगर निर्णायक भूमिका में होगी तो वैसी स्थिति में पार्टी स्पेशल स्टेटस की मांग मजबूती से केंद्र सरकार के समक्ष रख सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह समेत तमाम जदयू के नेता एक सुर में यह कहने लगे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर लड़ा जाएगा.
राजद का तंज
वहीं, विपक्ष जदयू के बदले स्टैंड पर सवाल खड़े कर रहा है. राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार कब क्या करेंगे यह किसी को पता नहीं है. चुनाव के नतीजे से ठीक पहले जेडीयू नेता स्पेशल स्टेटस की मांग करने लगे हैं यह मेरे समझ से परे है.
BJP खेमे में हलचल
स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर भाजपा में भी दो फाड़ है. प्रदेश स्तर के नेता बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इस बात की वकालत इसलिए करते हैं कि बिहार विधान सभा से सर्व सम्मत प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा चुका है. लेकिन, भाजपा के केंद्रीय नेता स्पेशल स्टेटस के कांसेप्ट को ही खारिज करते हैं. भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि केंद्र सरकार बिहार को पूरा सहयोग कर रही है. अगर स्पेशल स्टेटस के नियमों में बदलाव होता है और दूसरे राज्यों को दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में बिहार को ही तवज्जो दी जाएगी.
जदयू प्रवक्ता की राय
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि स्पेशल स्टेटस के मुद्दे को जेडीयू ने कभी भी नहीं छोड़ा है. यह बिहार विधानसभा का सर्व सम्मत प्रस्ताव है और यह लड़ाई हम लोग लड़ते रहेंगे. बिहार को हर कीमत पर विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.