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मिड-डे मील में बेहतर भोजन देने वाले स्कूल होंगे पुरस्कृत - दोपहर का खाना

सरकार मिड-डे मील की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ाने के लिए स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा कराने की तैयारी में है. इसके तहत स्कूलों में बने भोजन के स्वाद के हिसाब से उसे इनाम दिया जायेगा.

मिड-डे मील
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Published : Jun 24, 2019, 5:22 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने मिड डे मील के तहत दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नया कदम उठाया है. इसके तहत सरकार स्वादिष्ट भोजन देने वाले स्कूलों को पुरस्कृत करेगी. इसकी शुरूआत जुलाई महीने से की जाएगी.

1 से 8वीं तक के बच्चों को मिलता है भोजन
बता दें कि मिड डे मील योजना के तहत देशभर में पहली से आठवीं तक के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाता है. सरकार ने यह कदम ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के लिए उठाया है.

विनोद कुमार, निदेशक, मिड-डे मील

12वीं तक विस्तार करने की तैयारी
पिछले कुछ सालों में इसके अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं. इसके बाद से सरकार अब इस स्कीम को 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए विस्तार करने की तैयारी में है. इसके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य सभी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ बेहतर भोजन भी उपलब्ध कराना है.

बेहतर भोजन देने वालों स्कूलों को मिलेगा ईनाम
सरकार मिड डे मील की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ाने के लिए स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा कराने जा रही है. इसके तहत स्कूलों में बने भोजन के स्वाद के हिसाब से उसे इनाम दिया जायेगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक यह पूरी कवायद स्कूलों में बच्चों को बेहतर और स्वादिष्ट भोजन मुहैया कराने के लिए की जा रही है.

पटना: बिहार सरकार ने मिड डे मील के तहत दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नया कदम उठाया है. इसके तहत सरकार स्वादिष्ट भोजन देने वाले स्कूलों को पुरस्कृत करेगी. इसकी शुरूआत जुलाई महीने से की जाएगी.

1 से 8वीं तक के बच्चों को मिलता है भोजन
बता दें कि मिड डे मील योजना के तहत देशभर में पहली से आठवीं तक के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाता है. सरकार ने यह कदम ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के लिए उठाया है.

विनोद कुमार, निदेशक, मिड-डे मील

12वीं तक विस्तार करने की तैयारी
पिछले कुछ सालों में इसके अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं. इसके बाद से सरकार अब इस स्कीम को 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए विस्तार करने की तैयारी में है. इसके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य सभी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ बेहतर भोजन भी उपलब्ध कराना है.

बेहतर भोजन देने वालों स्कूलों को मिलेगा ईनाम
सरकार मिड डे मील की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ाने के लिए स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा कराने जा रही है. इसके तहत स्कूलों में बने भोजन के स्वाद के हिसाब से उसे इनाम दिया जायेगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक यह पूरी कवायद स्कूलों में बच्चों को बेहतर और स्वादिष्ट भोजन मुहैया कराने के लिए की जा रही है.

Intro:स्कूली खानो मे लगेगा ईनाम का तडका, यानी स्कूलो मे मिलने वाले एमडीएम के गुणवत्ता को देखते हुए स्कूलो किया जायेगा पुरूस्कृत

*** इसकी शुरुआत जुलाई माह से होगी
*** ब्लॉक से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर स्वादिष्ट खाना बनाने वाली स्कूल होंगे पुरस्कृत
***मिड डे मील की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने उठाया कदम


Body:मिड डे मील योजना के तहत देशभर के पहली से आठवीं तक के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाता है, सरकार ने यह कदम ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूलों से जुड़ने के लिए उठाया था, पिछले कुछ सालों में इसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिले हैं, यही वजह है कि सरकार अपनी इस स्कीम को अब 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए विस्तार देने की तैयारी में हैं
वहीं अब दोपहर के परोसे जाने वाले भोजन यानी मिड-डे-मील की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ाने के लिए स्कूल वाइज प्रतिस्पर्धा कराने की तैयारी में है,यानी स्कूलो मे टेस्ट के हिसाब से भोजन की गुणवत्ता पर उसे इनाम दिया जायेगा और उसको लेकर स्कूलो के बिच कंपटीशन करवाया जायेगा।
फिलहाल इस साल इसकी शुरुआत जुलाई से होगी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक यह पूरी कवायद स्कूलों में बेहतर और स्वादिष्ट खाना बनाने को लेकर एक माहौल विकसित करने को लेकर हैं इस योजना के तहत बेहतर खाना बनाने वाले स्कूलों को पुरस्कृत किया जाएगा


Conclusion:स्कूलों के बीच दोपहर के भोजन की गुणवत्ता को परखने के लिए होने वाली प्रतिस्पर्धा के जज स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे और पोषण विशेषज्ञ होंगे मंत्रालय की योजना के मुताबिक इनमें 2 बच्चे हो रहे होंगे एक प्राइमरी स्तर का और एक अपर प्राइमरी स्तर का इसे साथ कोई एक पोषण विशेषज्ञ या कॉलेज में गृह विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षक शामिल हो सकते हैं

बाइट :-विनोद कुमार
निदेशक, मध्यान भोजन, बिहार


नोट:-प्रेस रिलीज के आधार पर बनाई गई खबर
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