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बक्सरः बाढ़ के पानी से फसलें हो रही हैं बर्बाद, आने-जाने के लिए नाव एक मात्र सहारा - फसलें हो रही हैं बर्बाद

किसानों ने बताया कि हम कर्ज लेकर खेती किए थे. अब प्रकृति की मार से हमारी फसलें नष्ट हो गईं. हमारे पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं है. आगे का हमारा जीवन कैसे चलेगा?

बक्सर
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Published : Sep 21, 2019, 5:29 PM IST

बक्सर: गंगा के बढ़ते जलस्तर ने तटवर्ती इलाके के लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है. इलाके में बाढ़ का पानी घुस जाने से गांव में लोग नावों से चल रहे हैं. बाढ़ के पानी से कहीं सड़कें टूट गई तो कहीं फसल बर्बाद हो रही है. जिले किसानों के मुश्किलों का आलम यह है कि वो एक तरफ बाढ़ का दंश झेल रहे हैं तो कहीं सूखे की चपेट में आने से उनकी फसलें सूख रही हैं.

गंगा के जलस्तर में वृद्धि
स्थानीय लोगों ने कहा पिछले 15 दिनों से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. तटवर्ती इलाकों में कटाव जारी है. लेकिन जिला प्रशासन को इसका कोई सुध नहीं है. सरकार से अब तक कोई मदद नहीं पहुंची है. गांव के लोग निजी खर्च पर नाव के सहारे आना-जाना कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि सरकार को यहां नाव उपलब्ध कराना चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ और सूखा का दोहरा मार
जिले के किसान बाढ़ और सूखा का दोहरा मार झेल रहे हैं. किसानों ने कहा कि खेती अब मंहगा सोदा हो गया है. खेती करने के लिए भी पूंजी की जरूरत होती है. हम कर्ज लेकर खेती किए थे. अब प्रकृति की मार से हमारी फसलें नष्ट हो गईं. हमारे पास आय का कोई दूसरी साधन नहीं है. आगे का हमारा जीवन कैसे चलेगा. हमारा परिवार क्या खाएगा, हम बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे?

बक्सर
बाढ़ के पानी से बर्बाद हुई फसल दिखाते किसान

सरकार से है उम्मीदें
किसानों ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता यह है कि हम कर्ज कैसे चुकाएंगे. अब सरकार से ही उम्मीदें हैं. जिला प्रशासन हमारी नहीं सुन रहा है. उन्होंने बताया कि कृषि पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग, एडीएम से लेकर डीएम से सम्पर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी.

बक्सर
गांव में चल रही है नाव

बक्सर: गंगा के बढ़ते जलस्तर ने तटवर्ती इलाके के लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है. इलाके में बाढ़ का पानी घुस जाने से गांव में लोग नावों से चल रहे हैं. बाढ़ के पानी से कहीं सड़कें टूट गई तो कहीं फसल बर्बाद हो रही है. जिले किसानों के मुश्किलों का आलम यह है कि वो एक तरफ बाढ़ का दंश झेल रहे हैं तो कहीं सूखे की चपेट में आने से उनकी फसलें सूख रही हैं.

गंगा के जलस्तर में वृद्धि
स्थानीय लोगों ने कहा पिछले 15 दिनों से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. तटवर्ती इलाकों में कटाव जारी है. लेकिन जिला प्रशासन को इसका कोई सुध नहीं है. सरकार से अब तक कोई मदद नहीं पहुंची है. गांव के लोग निजी खर्च पर नाव के सहारे आना-जाना कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि सरकार को यहां नाव उपलब्ध कराना चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ और सूखा का दोहरा मार
जिले के किसान बाढ़ और सूखा का दोहरा मार झेल रहे हैं. किसानों ने कहा कि खेती अब मंहगा सोदा हो गया है. खेती करने के लिए भी पूंजी की जरूरत होती है. हम कर्ज लेकर खेती किए थे. अब प्रकृति की मार से हमारी फसलें नष्ट हो गईं. हमारे पास आय का कोई दूसरी साधन नहीं है. आगे का हमारा जीवन कैसे चलेगा. हमारा परिवार क्या खाएगा, हम बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे?

बक्सर
बाढ़ के पानी से बर्बाद हुई फसल दिखाते किसान

सरकार से है उम्मीदें
किसानों ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता यह है कि हम कर्ज कैसे चुकाएंगे. अब सरकार से ही उम्मीदें हैं. जिला प्रशासन हमारी नहीं सुन रहा है. उन्होंने बताया कि कृषि पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग, एडीएम से लेकर डीएम से सम्पर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी.

बक्सर
गांव में चल रही है नाव
Intro:बाढ़ से बेहाल हुए लोग,कहि सड़को से टूट गया है संपर्क,कहि नाव पर ही दौड़ रही है,जिंदगी,कही सूखे से सुख रहे है,फशल, तो किसी को भूख की सत्ता रही है चिंता, तो कोई कर्ज चुकाने के लिए है,परेशान।मुशीबत में भी मुह नही खोल रहे है,अधिकारी तो,आंदोलन की रणनीति बना रहे है,किसान।


Body:बिहार के बक्सर जिलां में पिछले 15 दिनों से जीवनदायिनी गंगा के साथ गंगा की सहायक नदियों ने लोगो की जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है,कहि सड़को से सम्पर्क टूटने से तो कही फशलो के डूबने,से अब लोगो की सब्र की बांध भी टूटने लगा है, बक्सर में एक साथ बाढ़ सुखाङ की मार झेल रहे किसानों को अपने परिवार की भूख मिटाने से लेकर महाजनों की कर्ज चुकाने तक कि चिंता सताने लगी है,अपनी समश्याओ को लेकर बक्सर जिलां के किसानों ने बताया कहि सुखाङ से हमारी फशले बर्बाद हो गई तो कही बाढ़ से हजारो एकड़ फशल जल समाधि ले लिया हमारे बच्चे कैसे पढेंगे,महाजनों का कर्ज कैसे दिलाएगा ,परिवार के लिए भोजन कहा से आएगा, इस बात को सोचकर ही मन शोकाकुल है। जल्द ही सरकार और जिला प्रशासन ने हमारी मदद नही की तो हम सड़को पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे क्योकि हम छोटे किसानों के पास अब दूसरा कोई विकल्प नही। byte किसान पीटीसी वही किसानों की इस समश्या और चिंता को लेकर जिला अधिकारी राघवेन्द्र कुमार सिंह से लेकर आपदा प्रबंधन बिभाग के अधिकारी,कृषि पदाधिकारी के साथ ही बक्सर एडीएम तक सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन लेकिन किसी ने कुछ कहना मुनाशिब नही समझा।


Conclusion:गौरतलब है,की बक्सर जिलां में पहले ही सुखाङ ने किसानों का कमर तोड़ दिया था,किसान ट्यूबेल के सहारे किसी तरह अपना फशल को जिंदा रखा तो ,अब बाढ़ ने तबाही मचा दी डीजल अनुदान के नाम पर सरकार से लेकर अधिकारी तक केवल गुमराह करने में लगे रहे हालात ऐसा है, कि हजारो आवेदन कृषि कार्यालय में ही लम्बित है,और सरकार बयान बाजी करने में परेशान है। ऐसे में किसान आत्म हत्या न करे तो क्या करे।
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