ETV Bharat / state

लावारिस पशु-पक्षियों के मसीहा बने हरिओम, अब तक 3 हजार सांपों का कर चुके हैं रेस्क्यू

बक्सर में एक युवक हरिओम ने लगभग 3000 के आसपास सांपों की जान बचाई है. इसके साथ ही हरिओम 'नेचर वाइल्ड लाइफ केयर' के नाम से एक केंद्र भी चलाते हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

etv bharat
हरिओम
author img

By

Published : Dec 30, 2021, 10:36 AM IST

Updated : Dec 30, 2021, 1:19 PM IST

बक्सर: बिहार के बक्सर जिले के सदर प्रखंड के दलसागर गांव के रहने वाले हरिओम (Snack Saver Hariom) के बचपन का शौक अब जीवन का उद्देश्य बन गया है. स्नैक सेवर के नाम से मशहूर हो चुके हरिओम को बचपन में ही सांपों को पकड़ने और फिर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ने में मन लगने लगा था. मात्र 10-12 वर्ष की उम्र में ही हरिओम के मन में वन्य जीव-जंतुओं को संरक्षण देने का विचार पनपने लगा था. आलम यह हुआ कि हरिओम ने अब, न केवल सांप बल्कि किसी भी घायल और बेसहारा पशु-पक्षियों की सेवा और संरक्षण के लिए बाकायदा एक वाइल्ड लाइफ केंद्र (Nature Wildlife Care Center In Buxar) खोल दिया है.

इसे भी पढ़ें: पटना के पर्यावरण प्रेमी : बॉटनी से स्नातक कर मनीष ने बनाया सफल व्यवसाय, प्लांटेशन को बनाया करियर

हरिओम बचपन से ही खेल-खेल में सांपों को पकड़ना और उनकी रक्षा करना अब तो उनके जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. हरिओम सांपों का रेस्क्यू कर उसे जंगलों में छोड़ आते हैं. जहां सांपों का जीवन सुरक्षित रहे. हरिओम का मानना है कि प्रकृति की खूबसूरती पशु पक्षियों और विभिन्न प्रकार के जानवरों से ही है. ऐसे में उनकी रक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: यहां मिलेंगे आपको हर तरह के विदेशी पक्षी, जानिए इस 'बर्ड लवर' के क्या हैं अरमान

सांपों के साथ-साथ उन्होंने पक्षियों के जीवन रक्षा के लिए भी लगातार कार्य किया है. हालांकि इतने बड़े खतरनाक कार्य को करने के लिए हरिओम ने कहीं से प्रशिक्षण नहीं लिया है लेकिन कहते हैं 'जहां चाह वहां राह'. बचपन से ही इस कार्य के प्रति इतना जुनून था कि कुछ टीवी देखकर तो कुछ किताबें पढ़कर तो वहीं कुछ सोशल साइट्स से जानकारी प्राप्त कर आज मशहूर वाइल्ड लाइफ सेवर बन गए हैं. अब स्थिति यह है कि जिले में कहीं भी किसी भी जगह विषैले सांप देखे जा रहे हैं, तो लोग तुरंत हरिओम को याद कर रहे हैं. हरिओम तुरंत वहां से जहरीले सांपों को पकड़ कर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ आते हैं.

आपकों बता दें कि लावारिस पशु पक्षियों की देखभाल हरिओम बिना किसी सरकारी सहायता के करते हैं. हरिओम ने औद्योगिक थाना क्षेत्र अंतर्गत चुरामनपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-84 पर के किनारे लीज पर स्थान लेकर लावारिस पशु-पक्षियों की देखभाल के लिए शाहाबाद का पहला नेचर वाइल्डलाइफ केयर सेंटर का शुभारंभ किया है. इसके लिए उन्हें लोगों से मदद की उम्मीदें है.

हरिओम ने आगे कहा कि इस सेंटर में लावारिस पशु पक्षियों को रहने की व्यवस्था की जाएगी. घायल पशु-पक्षियों की चिकित्सा की व्यवस्था की जाएगी. स्वस्थ होने के बाद उन्हें पुनः वहीं पर ले जाकर छोड़ दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई पशु अथवा पक्षी कहीं आने-जाने में सक्षम नहीं है, तो उसे यहीं रख कर उसकी देखभाल भी की जाएगी. हरिओम ने बताया कि बक्सर में सबसे ज्यादा करैत (सांप की प्रजाति) के काटने से लोग मरते हैं. सांप के काटने के बाद तुरंत उसके इलाज के लिए अस्पताल जाना चाहिए न कि झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ना चाहिए. एक अनुमान के मुताबिक बक्सर जिले में प्रतिवर्ष करीब 300 व्यक्ति की मृत्यु सांप काटने से हो जाती है.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

बक्सर: बिहार के बक्सर जिले के सदर प्रखंड के दलसागर गांव के रहने वाले हरिओम (Snack Saver Hariom) के बचपन का शौक अब जीवन का उद्देश्य बन गया है. स्नैक सेवर के नाम से मशहूर हो चुके हरिओम को बचपन में ही सांपों को पकड़ने और फिर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ने में मन लगने लगा था. मात्र 10-12 वर्ष की उम्र में ही हरिओम के मन में वन्य जीव-जंतुओं को संरक्षण देने का विचार पनपने लगा था. आलम यह हुआ कि हरिओम ने अब, न केवल सांप बल्कि किसी भी घायल और बेसहारा पशु-पक्षियों की सेवा और संरक्षण के लिए बाकायदा एक वाइल्ड लाइफ केंद्र (Nature Wildlife Care Center In Buxar) खोल दिया है.

इसे भी पढ़ें: पटना के पर्यावरण प्रेमी : बॉटनी से स्नातक कर मनीष ने बनाया सफल व्यवसाय, प्लांटेशन को बनाया करियर

हरिओम बचपन से ही खेल-खेल में सांपों को पकड़ना और उनकी रक्षा करना अब तो उनके जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. हरिओम सांपों का रेस्क्यू कर उसे जंगलों में छोड़ आते हैं. जहां सांपों का जीवन सुरक्षित रहे. हरिओम का मानना है कि प्रकृति की खूबसूरती पशु पक्षियों और विभिन्न प्रकार के जानवरों से ही है. ऐसे में उनकी रक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: यहां मिलेंगे आपको हर तरह के विदेशी पक्षी, जानिए इस 'बर्ड लवर' के क्या हैं अरमान

सांपों के साथ-साथ उन्होंने पक्षियों के जीवन रक्षा के लिए भी लगातार कार्य किया है. हालांकि इतने बड़े खतरनाक कार्य को करने के लिए हरिओम ने कहीं से प्रशिक्षण नहीं लिया है लेकिन कहते हैं 'जहां चाह वहां राह'. बचपन से ही इस कार्य के प्रति इतना जुनून था कि कुछ टीवी देखकर तो कुछ किताबें पढ़कर तो वहीं कुछ सोशल साइट्स से जानकारी प्राप्त कर आज मशहूर वाइल्ड लाइफ सेवर बन गए हैं. अब स्थिति यह है कि जिले में कहीं भी किसी भी जगह विषैले सांप देखे जा रहे हैं, तो लोग तुरंत हरिओम को याद कर रहे हैं. हरिओम तुरंत वहां से जहरीले सांपों को पकड़ कर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ आते हैं.

आपकों बता दें कि लावारिस पशु पक्षियों की देखभाल हरिओम बिना किसी सरकारी सहायता के करते हैं. हरिओम ने औद्योगिक थाना क्षेत्र अंतर्गत चुरामनपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-84 पर के किनारे लीज पर स्थान लेकर लावारिस पशु-पक्षियों की देखभाल के लिए शाहाबाद का पहला नेचर वाइल्डलाइफ केयर सेंटर का शुभारंभ किया है. इसके लिए उन्हें लोगों से मदद की उम्मीदें है.

हरिओम ने आगे कहा कि इस सेंटर में लावारिस पशु पक्षियों को रहने की व्यवस्था की जाएगी. घायल पशु-पक्षियों की चिकित्सा की व्यवस्था की जाएगी. स्वस्थ होने के बाद उन्हें पुनः वहीं पर ले जाकर छोड़ दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई पशु अथवा पक्षी कहीं आने-जाने में सक्षम नहीं है, तो उसे यहीं रख कर उसकी देखभाल भी की जाएगी. हरिओम ने बताया कि बक्सर में सबसे ज्यादा करैत (सांप की प्रजाति) के काटने से लोग मरते हैं. सांप के काटने के बाद तुरंत उसके इलाज के लिए अस्पताल जाना चाहिए न कि झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ना चाहिए. एक अनुमान के मुताबिक बक्सर जिले में प्रतिवर्ष करीब 300 व्यक्ति की मृत्यु सांप काटने से हो जाती है.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Dec 30, 2021, 1:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.