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BJP के मंत्रियों के ऐशो-आराम के लिए लुटाये जा रहे हैं गरीब जनता के पैसे: भाकपा (माले) MLA

बिहार के बक्सर में भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, एक तरफ सरकार पैसा नहीं होने की बात कहती है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के मंत्रियों के निजी कार्यक्रमों पर भी सरकारी खजाने (ajit kumar singh on government treasury) का पैसा खर्च किया जाता है.

MLA ajit kumar singh attack on ministers of bjp
MLA ajit kumar singh attack on ministers of bjp
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Published : Jan 24, 2022, 3:39 PM IST

बक्सर: डुमराव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह (MLA ajit kumar singh attack on ministers of bjp) ने भारतीय जनता पार्टी के कोटे के मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के निजी कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारी सरकारी पैसे खर्च कर रहे हैं. सरकारी पैसों से मंत्रियों की गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल डलवाए जाते हैं. इतना ही नहीं रहने से लेकर खाने पीने के लिए भी सरकारी खजाना खाली किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- साल 2021 में तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुई बिहार की सियासत गाली गलौज तक आ पहुंची, कई दलों के दामन हुए दागदार

डुमराव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह पिछले 2 महीनों से जिले के सभी छोटे बड़े सरकारी अस्पतालों का दौरा कर उनका जायजा ले रहे हैं. कहीं कागजों पर ही अस्पताल चल रहा है और उसमें एमबीबीएस डॉक्टर ड्यूटी कर रहे हैं. तो कहीं उप स्वास्थ्य केंद्र को भैंस का तबेला बना दिया गया है. सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि, जिस बीमार अस्पतालों का इलाज कराने के नाम पर कोरोना काल में विधायकों के फंड से दो करोड़ की राशि की कटौती की गई. वह पैसा कहां गया.

उन्होंने कहा कि, पैसों का दुरूपयोग किया जा रहा है. आखिर गरीबों पर कितना पैसा खर्चा हो रहा है, उसे ही खोजने के लिए अस्पतालों का निरीक्षण कर रहा हूं . लेकिन मेरे विधानसभा क्षेत्र के किसी भी अस्पताल में उन पैसों से एक भी उपकरण खरीदकर नहीं दिया गया है. सरकारी खजाने पर हाकिम और हुकूमत करने वाले लोग केवल एश कर रहे हैं और गरीब 2 जून की रोटी के लिए तरस रहा है.

वही उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा जहां लगातार यह दावा किया जा रहा है, कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन है. हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. लेकिन जमीन पर उसकी कोई तैयारी नहीं है. कोरोना अपना विकराल रूप धारण कर ले तो, सरकारी अस्पतालों के पास हाथ खड़ा करने के सिवा दूसरा कोई उपाय नहीं है. जब अस्पतालों में डॉक्टर ,टेक्निशियन एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली ही नहीं होगी, तो मरीजों का इलाज कौन करेगा.

इसे भी पढ़ें: मांझी के ब्राह्मण महाभोज पर 'खरमास का ग्रहण', पंडित बोले- 'ये भोज का वक्त है क्या.. जो जाएंगे वो अपवित्र खाएंगे'

माले विधायक ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, सरकार को इस बात से लगातार अवगत करा रहा हू कि अस्पतालों में मैन पावर की कमी है. संसाधनों को बढ़ाया जाए. ऑक्सीजन प्लांट चलाने वाले एवं अन्य टेक्नीशियन को बहाल किया जाए. लेकिन सरकार का इसपर कोई ध्यान नहीं है. कोरोना के नाम पर विधायकों का फंड काट लिया गया. लेकिन उस पैसे से एक भी उपकरण अस्पतालों को नहीं दिया गया. मेरे विधानसभा क्षेत्र में सड़कें टूटी पड़ी हैं. 2 कमरे के स्कूल में कार्यालय एवं मध्यान भोजन के साथ ही 300 बच्चे भी पढ़ रहे हैं. तो फिर सरकार विकास किनका कर रही है.

उन्होंने कहा कि, अस्पतालों के पास भवन नहीं है. जाड़ा ,गर्मी ,बरसात में जनता आज भी हांथो में चप्पल उठाकर कीचड़ भरी सड़क पर आने जाने को मजबूर है. जिस जनता ने हमें अपना अनमोल मत देकर सदन में पहुंचाया है, वह क्षेत्र का भ्रमण करने के दौरान हम विधायकों से सवाल पूछ रही है कि, विधायक जी सड़क कब बनेगा. लेकिन मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं होता है.

ये भी पढ़ें: मांझी का डैमेज कंट्रोल भोजः पूर्व CM बोले- ब्राह्मणों का सम्मान है.. मुझसे कोई नाराज नहीं

"सरकार 2020 से केवल एक ही बात कह रही है कि पैसा नहीं है. वर्ल्ड बैंक से कर्ज मांगा गया है. जब सरकार के पास खजाना ही नहीं है तो सचिवालय के साहब अपने कार्यालय के सौन्दरिकर्ण करने में 50 लाख कैसे खर्च कर रहे हैं कुछ ही दिन पहले जब बीजेपी कोटे के 5-5 मंत्री बक्सर में अपना निजी कार्यक्रम करने के लिए आये थे, तो उनके गाड़ियों में डीजल, पेट्रोल डलवाने से लेकर, उनके रहने खाने में सरकारी खजाना क्यों खर्च किया गया. वह सरकारी कार्यक्रम या सरकार की ओर से क्षेत्र भ्रमण करने तो आये नहीं थे."- अजित कुमार सिंह, भाकपा विधायक

गौरतलब है कि, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही, क्षेत्र की जनता अपनी समस्याओं को लेकर जनप्रतिनधियो के पास आ रही है और उनको उनके चुनावी वादे याद दिला रही है. 2 साल का समय गुजर जाने के बाद भी क्षेत्र में एक नाली का भी निर्माण विधायक फंड से अब तक नहीं हो पाया है. सड़क के अभाव में बीमार परिजनों को आज भी कई इलाके से खाट पर उठाकर लोग अस्पताल लेकर जाते हैं.

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बक्सर: डुमराव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह (MLA ajit kumar singh attack on ministers of bjp) ने भारतीय जनता पार्टी के कोटे के मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के निजी कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारी सरकारी पैसे खर्च कर रहे हैं. सरकारी पैसों से मंत्रियों की गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल डलवाए जाते हैं. इतना ही नहीं रहने से लेकर खाने पीने के लिए भी सरकारी खजाना खाली किया जा रहा है.

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डुमराव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह पिछले 2 महीनों से जिले के सभी छोटे बड़े सरकारी अस्पतालों का दौरा कर उनका जायजा ले रहे हैं. कहीं कागजों पर ही अस्पताल चल रहा है और उसमें एमबीबीएस डॉक्टर ड्यूटी कर रहे हैं. तो कहीं उप स्वास्थ्य केंद्र को भैंस का तबेला बना दिया गया है. सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि, जिस बीमार अस्पतालों का इलाज कराने के नाम पर कोरोना काल में विधायकों के फंड से दो करोड़ की राशि की कटौती की गई. वह पैसा कहां गया.

उन्होंने कहा कि, पैसों का दुरूपयोग किया जा रहा है. आखिर गरीबों पर कितना पैसा खर्चा हो रहा है, उसे ही खोजने के लिए अस्पतालों का निरीक्षण कर रहा हूं . लेकिन मेरे विधानसभा क्षेत्र के किसी भी अस्पताल में उन पैसों से एक भी उपकरण खरीदकर नहीं दिया गया है. सरकारी खजाने पर हाकिम और हुकूमत करने वाले लोग केवल एश कर रहे हैं और गरीब 2 जून की रोटी के लिए तरस रहा है.

वही उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा जहां लगातार यह दावा किया जा रहा है, कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन है. हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. लेकिन जमीन पर उसकी कोई तैयारी नहीं है. कोरोना अपना विकराल रूप धारण कर ले तो, सरकारी अस्पतालों के पास हाथ खड़ा करने के सिवा दूसरा कोई उपाय नहीं है. जब अस्पतालों में डॉक्टर ,टेक्निशियन एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली ही नहीं होगी, तो मरीजों का इलाज कौन करेगा.

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माले विधायक ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, सरकार को इस बात से लगातार अवगत करा रहा हू कि अस्पतालों में मैन पावर की कमी है. संसाधनों को बढ़ाया जाए. ऑक्सीजन प्लांट चलाने वाले एवं अन्य टेक्नीशियन को बहाल किया जाए. लेकिन सरकार का इसपर कोई ध्यान नहीं है. कोरोना के नाम पर विधायकों का फंड काट लिया गया. लेकिन उस पैसे से एक भी उपकरण अस्पतालों को नहीं दिया गया. मेरे विधानसभा क्षेत्र में सड़कें टूटी पड़ी हैं. 2 कमरे के स्कूल में कार्यालय एवं मध्यान भोजन के साथ ही 300 बच्चे भी पढ़ रहे हैं. तो फिर सरकार विकास किनका कर रही है.

उन्होंने कहा कि, अस्पतालों के पास भवन नहीं है. जाड़ा ,गर्मी ,बरसात में जनता आज भी हांथो में चप्पल उठाकर कीचड़ भरी सड़क पर आने जाने को मजबूर है. जिस जनता ने हमें अपना अनमोल मत देकर सदन में पहुंचाया है, वह क्षेत्र का भ्रमण करने के दौरान हम विधायकों से सवाल पूछ रही है कि, विधायक जी सड़क कब बनेगा. लेकिन मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं होता है.

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गौरतलब है कि, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही, क्षेत्र की जनता अपनी समस्याओं को लेकर जनप्रतिनधियो के पास आ रही है और उनको उनके चुनावी वादे याद दिला रही है. 2 साल का समय गुजर जाने के बाद भी क्षेत्र में एक नाली का भी निर्माण विधायक फंड से अब तक नहीं हो पाया है. सड़क के अभाव में बीमार परिजनों को आज भी कई इलाके से खाट पर उठाकर लोग अस्पताल लेकर जाते हैं.

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