बक्सरः तीन साल के अंदर एक ही एंबुलेंस का केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा चार बार उद्घाटन करने का मामला अभी थमा भी नहीं था कि एक और ऐसा मामला सामने आ गया. एक ही अस्पताल का 8 महीने के अंदर मंत्री जी ने 2 बार उद्घाटन कर दिया. एक बार फिर मंत्री जी अपने ही संसदीय क्षेत्र बक्सर में घिर गए हैं.
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नाम बदलकर 8 महीने बाद ही उद्घाटन
दरअसल, 2015 बिहार विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनी. उसके बाद स्थानीय सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी के पहल पर बंद पड़े पुराने अनुमंडल अस्पताल को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर कन्वर्ट कर दिया गया. जिससे आसपास के लोगों के लिए काफी राहत हो गई. इस अस्पताल का उद्घाटन होता, उससे पहले ही महागठबंधन की सरकार गिर गई. बीजेपी ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर सरकार बना ली. जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने 4 नवंबर 2017 में इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का पहली बार उद्घाटन किया.
तीन साल बाद सौगात देने का आया याद
केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे के कार्यकाल का 3 साल गुजर चुका था. तभी उन्हें एहसास हुआ कि अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को कोई सौगात तो दिया ही नहीं. 8 महीने बाद उसी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम बदल दिया गया. शिलापट्ट पर लिखे हर्फ को भी बदल दिया गया. अब शहरी प्राथमिक केंद्र हो चुका था, हेल्थ वैलनेस सेंटर. उसे 15 सितंबर 2018 को दूसरी बार उदघाट्न कर दिया. उद्घाटन के दौरान ही श्रेय लेने के होड़ में बीजेपी एवं कांग्रेस के नेताओं के बीच जमकर विवाद भी हुआ था. कुर्सियां भी एक दूसरे चली थीं.
सौगात भी मिला तो बंद ताले के साथ
जिस वक्त इस शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दूसरी बार (15 सितंबर 2018) उद्घाटन किया गया था. उसके साथ ही 76 प्रकार के जांच के लिए आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित, 6 ला-बाइक, मेडिसिन एटीएम, वाटर एटीएम, टेलीमेडिसिन एवं प्रसूता महिलाओं की डिलिवरी के लिए विशेष व्यवस्था करने का दावा किया गया था. लेकिन उद्घाटन होने के साथ ही 6 ला-बाइक कहां चली गई इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों को भी नहीं है.
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मेडिसिन एटीएम और टेलीमेडिसिन सेवा में तालाबंदी
हेल्थ वेलनेस सेंटर में लगे मेडिसिन एटीएम एवं टेलीमेडिसिन सेवा में उद्घाटन के 2 दिन बाद से ही ताला बंद है. इस अस्पताल में उपस्थित डॉक्टर ने बताया कि मेडिसिन एटीएम एवं टेलीमेडिसिन सेवा के लिए जिस व्यक्ति की यहां पर नियुक्ती की गई थी, वह कुछ दिन बाद ही यहां से चला गया था. क्योंकि उसको उतने ही दिन के लिए नियुक्त किया गया था. आलम यह है कि इस अस्पताल में एक्स-रे करने वाले टेक्नीशियन से मरीजों को दवा बंटवाया जा रहा है. पूरे जिले में फार्मासिस्ट की कमी है. एम्बुलेंस की कमी है.
कोरोना काल में एक भी उपकरण मंत्री जी के फंड से नहीं
2020 एवं 2021 को कोरोना काल कहें तो गलत ना होगा. इसमें मंत्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा बक्सर के सरकारी अस्पतालों के मरीजों के इलाज के लिए अपने फंड से एक भी उपकरण नहीं दिया गया है. योजना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कोरोना काल में मंत्री जी ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की सहायता एवं इलाज की बेहतर व्यवस्था की बात कही थी. इसके लिए उन्होंने 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी. उसके बाद योजना विभाग के अधिकारी राशि के लिए मंत्री से स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर कराने गए. तब मंत्री जी ने यह कहते हुए हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया कि केंद्र सरकार के द्वारा सांसद निधि से राशि की कटौती कर ली गई है. जिसके कारण यह राशि नहीं दी जाएगी.
विपक्ष के निशाने पर मंत्री जी!
गौरतलब है कि इस कोरोना काल में एसजेवीएन कंपनी द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को गिफ्ट किया गया एंबुलेंस मंत्री जी ने धनुष फाउंडेशन को दे दिया. उसके बाद 4 बार उदघाट्न कर विपक्ष के निशाने पर आ खड़े हुए. एक ही अस्पताल में उदघाट्न के 2 शिलापट्ट की तस्वीर सामने आने के बाद अब लोग मंत्री जी से कई तीखे सवाल पूछ रहे हैं.
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