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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आंगनबाड़ी सेविकाओं के मिली है ये बड़ी जिम्मेदारी, फैलाव रोकने में मिलेगी मदद

जिले में संक्रमित मरीजों की पहचान करने को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. आंगनबाड़ी सेविकाएं डोर टू डोर सर्वे करेंगी.

buxar
आंगनबाड़ी सेविकाओं को बड़ी जिम्मेदारी
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Published : May 3, 2021, 8:58 AM IST

बक्सरः जिले में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है, उसने प्रशासन व स्वास्थ्य समिति दोनों को चिंता में डाल दिया है. गत दिनों मौसम में हो रहे बदलाव के कारण लोग कोरोना के लक्षणों को नजरअंदाज कर रहे थे. बाद में यह उनके लिए मुसीबत का कारण बन रहा है. ऐसें में खराब स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने आईसीडीएस विभाग के अंतर्गत आने वाली सेविकाओं को नई जिम्मेदारी दी है.

इसे भी पढे़ंः बक्सरः जिला प्रशासन की अपील- कोरोना को लेकर सतर्क रहें, लापरवाही पड़ेगी भारी

संक्रमण के लक्षण दिखने पर जांच आवश्यक
अब ये सेविकाएं अपने पोषण क्षेत्र में डोर टू डोर भ्रमण करेंगी और वैसे लोगों को चिह्नित करेंगी, जिनमें कोविड-19 संक्रमण के लक्षण दिखाई देंगे. लोगों की पहचान करने के बाद उनकी कोरोना जांच होगी, ताकि समय रहते इलाज शुरू हो सके.

बीते दिनों कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों की लापरवाही ही परेशानी का कारण बनी है. जिसके कारण जिलाधिकारी ने यह निर्णय लिया है.

डीपीएम संतोष कुमार ने इस बारे में बताया कि कई बार संक्रमण के लक्षण दिखने के बावजूद जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, लेकिन ऐसा होने पर भी एहतियात बरतते हुए होम आइसोलेट होना जरूरी है. कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं. जो उनके लिए नुकसानदेह है. लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए सर्तक रहने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के लक्षण दिखने पर इसकी जांच व ससमय ही इलाज कराना आवश्यक है. कोरोना संक्रमण के दौरान खांसी, गले में खराश, आंखों के पीछे के हिस्से में दर्द, सर्दी, तेज बुखार व बदनदर्द, स्वाद व गंध का पता नहीं चलना, सीने में दर्द व दबाव, सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना व थकान आदि जैसे लक्षण दिखते हैं. इनमें से कोई भी लक्षण नजरअंदाज न करें और जांच कराएं.

नियमानुसार साथ खान-पान
डीपीएम संतोष कुमार ने बताया जिन लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण होते हैं, उनको होम आइसोलेट रखा जाता है. जहां उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मेडिकल किट दिया जाता है और घर में भी कोविड के नियमों का पालन करने को कहा जाता है. जिससे परिवार के अन्य लोग संक्रमण से सुरक्षित रह सकें.

कोरोना का संक्रमण रोगी को बहुत कमजोर कर देता है, इसलिए रोगी के लिए उच्च प्रोटीन, विटामिन व मिनरल्स के साथ जिंक व आयरन वाले खाद्य पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है. साथ ही, भरपूर पानी पीकर अपने शरीर को हाइड्रेट रखने को कहा जाता है.

उन्हें बताया जाता है कि खाने में दूध व उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ के साथ हरी साग-सब्जी व मौसमी फल खायें. तेल मसाले वाले खाद्य पदार्थों से दूरी रखें. घर से बाहर का भोजन खाने से बचें और घर में बना ताजा भोजन ही खायें.

बक्सरः जिले में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है, उसने प्रशासन व स्वास्थ्य समिति दोनों को चिंता में डाल दिया है. गत दिनों मौसम में हो रहे बदलाव के कारण लोग कोरोना के लक्षणों को नजरअंदाज कर रहे थे. बाद में यह उनके लिए मुसीबत का कारण बन रहा है. ऐसें में खराब स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने आईसीडीएस विभाग के अंतर्गत आने वाली सेविकाओं को नई जिम्मेदारी दी है.

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संक्रमण के लक्षण दिखने पर जांच आवश्यक
अब ये सेविकाएं अपने पोषण क्षेत्र में डोर टू डोर भ्रमण करेंगी और वैसे लोगों को चिह्नित करेंगी, जिनमें कोविड-19 संक्रमण के लक्षण दिखाई देंगे. लोगों की पहचान करने के बाद उनकी कोरोना जांच होगी, ताकि समय रहते इलाज शुरू हो सके.

बीते दिनों कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों की लापरवाही ही परेशानी का कारण बनी है. जिसके कारण जिलाधिकारी ने यह निर्णय लिया है.

डीपीएम संतोष कुमार ने इस बारे में बताया कि कई बार संक्रमण के लक्षण दिखने के बावजूद जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, लेकिन ऐसा होने पर भी एहतियात बरतते हुए होम आइसोलेट होना जरूरी है. कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं. जो उनके लिए नुकसानदेह है. लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए सर्तक रहने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के लक्षण दिखने पर इसकी जांच व ससमय ही इलाज कराना आवश्यक है. कोरोना संक्रमण के दौरान खांसी, गले में खराश, आंखों के पीछे के हिस्से में दर्द, सर्दी, तेज बुखार व बदनदर्द, स्वाद व गंध का पता नहीं चलना, सीने में दर्द व दबाव, सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना व थकान आदि जैसे लक्षण दिखते हैं. इनमें से कोई भी लक्षण नजरअंदाज न करें और जांच कराएं.

नियमानुसार साथ खान-पान
डीपीएम संतोष कुमार ने बताया जिन लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण होते हैं, उनको होम आइसोलेट रखा जाता है. जहां उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मेडिकल किट दिया जाता है और घर में भी कोविड के नियमों का पालन करने को कहा जाता है. जिससे परिवार के अन्य लोग संक्रमण से सुरक्षित रह सकें.

कोरोना का संक्रमण रोगी को बहुत कमजोर कर देता है, इसलिए रोगी के लिए उच्च प्रोटीन, विटामिन व मिनरल्स के साथ जिंक व आयरन वाले खाद्य पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है. साथ ही, भरपूर पानी पीकर अपने शरीर को हाइड्रेट रखने को कहा जाता है.

उन्हें बताया जाता है कि खाने में दूध व उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ के साथ हरी साग-सब्जी व मौसमी फल खायें. तेल मसाले वाले खाद्य पदार्थों से दूरी रखें. घर से बाहर का भोजन खाने से बचें और घर में बना ताजा भोजन ही खायें.

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