बक्सर: बिहार के बक्सर में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिस वजह यहां बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. आलम ये है कि गंगा खतरे के निशान से 3 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बाढ़ से जिले के (Flood in Bihar) पांच प्रखंड प्रभावित हैं. दियारा इलाके के कई गांवों में पानी घुस गया है. चौसा का बनारपुर इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. सदर प्रखंड के नुआंव पंचायत के गोविंदपुर के पास सड़क पर 3 फीट तक पानी चढ़ गया है. इससे चलते कई गांवों का संपर्क टूट गया है.
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स्कूली बच्चे को हो रही परेशानीः बाढ़ का दायरा इस कदर बढ़ गया है कि स्कूली बच्चे भी जान जोखिम में डाल कर स्कूल जा रहे हैं. नौवीं कक्षा की छात्रा संगीता गुप्ता ने कहा कि प्रति वर्ष ऐसे ही सड़क पर पानी भर जाता है. पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए हमलोग जान जोखिम में डाल कर स्कूल जाते हैं. हालांकि जिला प्रशासन बाढ़ के खतरे को लेकर काफी सतर्क है. सभी को अलर्ट मोड पर रखा गया है. स्थिति का निरीक्षण करने पहुंचे बक्सर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि हर स्थिति से निपटने के लिए हमारी तैयारी है. जिला प्रशासन बेहद बारीकी से इन स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं.
''इलाके में प्रशासनिक अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, जेसीबी मशीन से लेकर जेनरेटर एवं जरूरत के सभी उपकरणों को तैयार रखा गया है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट है '' -अमन समीर, जिलाधिकारी
हर घंटे दो सेंटीमीटर बढ़ रहा गंगा का जलस्तर: गंगा का जलस्तर अभी भी प्रत्येक घण्टे 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और थानेदारों सख्त निर्देश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि अपने-अपने इलाके में राहत और बचाव कार्य को तेज कर दें. केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की सुबह 7 बजे गंगा का जलस्तर 60.35 दर्ज किया गया, जो चेतावनी बिंदु से 1 मीटर 03 सेंटीमीटर ऊपर और खतरे के निशान से महज 03 सेंटीमीटर ऊपर है. वृद्धि की रफ्तार करीब 2 सेंटीमीटर प्रति घंटा है.
''हर स्थिति से निपटने के लिए हमारी तैयारी है. जिला प्रशासन बेहद बारीकी से इन स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं. अभी जो जलस्तर बढ़ा है उससे मानव जीवन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन पशुओं को चारे की समस्या हो गई है'' - धीरेंद्र मिश्रा, एसडीएम बक्सर
''पानी बढ़ने से स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. अभी सबसे खराब स्थिति पशु चारे को लेकर हो रही है. खेतों में पानी भर जाने के कारण पशु चारे की दिक्कत होने लगी है. हमारे यहां आने जाने का सब रास्ता बंद हो गया है''- संजय राय, पूर्व उपमुखिया, नुआंव पंचायत
अभी एक सप्ताह तक बढ़ेगा जलस्तरः यमुना के पानी से गंगा में दबाव बना हुआ है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यह स्थिति अगले एक सप्ताह तक बने रहने की आशंका जताई जा रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बीते 26 अगस्त को हिमालय के तलहटी और संबंधित राज्यों में भारी वर्षापात के पूर्वानुमान से संबंधित विशेष मौसम बुलेटिन जारी किया था. इसके अनुसार दिनांक 27 अगस्त 2022 और 28 अगस्त 2022 को हिमालय की तलहटी इलाकों और राज्य के निकटवर्ती जिलों में भारी से भारी वर्षापात होने की संभावना व्यक्त की गई है. साथ ही भारी वर्षापात के कारण नदियों के समीपवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति की भी संभावना व्यक्त की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी चेतावनी के आलोक में आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर ली गई है और संबंधित कर्मियों और एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है.
''अभी स्कूल जाने के रास्ते में पानी घुटने से ऊपर है. प्रति वर्ष ऐसे ही सड़क पर पानी भर जाता है. पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए हमलोग जान जोखिम में डाल कर स्कूल जाते हैं'' -संगीता गुप्ता, छात्रा
''स्कूल आने-जाने में काफी दिक्कत होती है. फिर भी स्कूल जाना पड़ता है, क्योंकि परीक्षा चल रहा है. पढ़ाई में हमलोग पीछे छूट जाएंगे, इसलिए पानी में डूबकर भी स्कूल जाना पड़ता है''- रेखा कुमारी, छात्रा
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