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उर्वरक पर हाहाकार: बैठक पर बैठक.. लेकिन नहीं हुई खाद की आपूर्ति, किसान परेशान

डीएपी की बोरियों की कालाबाजारी (Black marketing of DAP) और जमाखोरी के कारण किसानों को मजबूरी में इसे 1200 रुपये की जगह 1900 रुपये में खरीदना पड़ रहा है. स्थानीय विधायक और अधिकारियों के साथ डीएम ने बैठक कर जमाखोरी करने वाले माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही है. पढ़ें पूरी खबर..

उर्वरक की किल्लत
उर्वरक की किल्लत
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Published : Dec 11, 2021, 7:44 AM IST

Updated : Dec 11, 2021, 1:22 PM IST

बक्सरः अभी रबी फसल की बुआई का सीजन (Rabi sowing season) चल रहा है. लेकिन उर्वरक की किल्लत (Shortage Of Fertilizers In Buxar) के कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अकेले बक्सर जिले में 2 लाख 9 हजार रजिस्टर्ड किसान हैं, जिनके द्वारा एक लाख 6 हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी फसल की बुआई कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं, सरकारी आंकड़ों के ही अनुसार अब तक महज 20 प्रतिशत भूमि पर ही फसल की बुआई हुई है, जो चिंताजनक है.

इसे भी पढ़ें- किसानों को खाद के लिए अभी और करना होगा इंतजार, कृषि मंत्री ने कहा- कोरोना की वजह से हुई देरी

15 नवंबर से 25 नवंबर तक का समय रबी फसल की बुआई के लिए काफी उत्तम माना जाता है. लेकिन खाद की किल्लत ऐसी है कि इस दौरान तो क्या, दिसंबर करीब आधा महीना बीतने को है, किसानों का हाल खस्ता है. उर्वरक मिल जाने और बेहतर फसल की उम्मीद लिए अब भी किसान उर्वरक मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

उर्वरक की किल्लत पर हाहाकार, देखें रिपोर्ट

हालांकि, लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिलाधिकारी अमन समीर ने उर्वरक नियंत्रण समिति की बैठक बुलाई और गलत जानकारी देने पर जिला कृषि पदाधिकारी को फटकार भी लगायी. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी हाल में किसानों को खाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. वहीं, किसानों से डीएपी के बदले फॉस्फेट, पोटास, यूरिया आदि का मिश्रण कर रबी फसल की बुआई करने की बात कही. साथ ही उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि जिले में 2 हजार 600 मीट्रिक टन डीएपी जल्द उपलब्ध कराई जाएगी.

इसे भी पढ़ें- बिहार में खाद की किल्लत को लेकर CM नीतीश कर रहे हैं समीक्षा बैठक

बता दें कि डीएपी की बोरियों की कालाबाजारी (Black marketing of DAP ) और जमाखोरी के कारण किसानों को मजबूरी में इसे 1200 रुपये की जगह 1900 रुपये में खरीदना पड़ रहा है. स्थानीय विधायक और अधिकारियों के साथ डीएम ने बैठक कर जमाखोरी करने वाले माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही.

इसे भी पढ़ें-'बिहार में 2 लाख मीट्रिक टन खाद की कमी'.. लेकिन तेजस्वी का नाम लेते ही भड़क गए कृषि मंत्री

वहीं, स्थानीय डुमरांव के भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि डीएपी को लेकर पूरे जिले के किसान परेशान हैं. स्थिति को जानने के लिए वे खुद बैठक में शामिल होने आए. उन्होंने कहा कि यह जानकर हैरानी होती है कि जिले में 7500 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, और सरकार के द्वारा अब तक मात्र 3200 मीट्रिक टन डीएपी ही उपलब्ध कराया गया है. विधायक ने भी कृषि पदाधिकारी के महिलाओं पर दिए बयान की निंदा की.

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बक्सरः अभी रबी फसल की बुआई का सीजन (Rabi sowing season) चल रहा है. लेकिन उर्वरक की किल्लत (Shortage Of Fertilizers In Buxar) के कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अकेले बक्सर जिले में 2 लाख 9 हजार रजिस्टर्ड किसान हैं, जिनके द्वारा एक लाख 6 हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी फसल की बुआई कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं, सरकारी आंकड़ों के ही अनुसार अब तक महज 20 प्रतिशत भूमि पर ही फसल की बुआई हुई है, जो चिंताजनक है.

इसे भी पढ़ें- किसानों को खाद के लिए अभी और करना होगा इंतजार, कृषि मंत्री ने कहा- कोरोना की वजह से हुई देरी

15 नवंबर से 25 नवंबर तक का समय रबी फसल की बुआई के लिए काफी उत्तम माना जाता है. लेकिन खाद की किल्लत ऐसी है कि इस दौरान तो क्या, दिसंबर करीब आधा महीना बीतने को है, किसानों का हाल खस्ता है. उर्वरक मिल जाने और बेहतर फसल की उम्मीद लिए अब भी किसान उर्वरक मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

उर्वरक की किल्लत पर हाहाकार, देखें रिपोर्ट

हालांकि, लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिलाधिकारी अमन समीर ने उर्वरक नियंत्रण समिति की बैठक बुलाई और गलत जानकारी देने पर जिला कृषि पदाधिकारी को फटकार भी लगायी. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी हाल में किसानों को खाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. वहीं, किसानों से डीएपी के बदले फॉस्फेट, पोटास, यूरिया आदि का मिश्रण कर रबी फसल की बुआई करने की बात कही. साथ ही उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि जिले में 2 हजार 600 मीट्रिक टन डीएपी जल्द उपलब्ध कराई जाएगी.

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बता दें कि डीएपी की बोरियों की कालाबाजारी (Black marketing of DAP ) और जमाखोरी के कारण किसानों को मजबूरी में इसे 1200 रुपये की जगह 1900 रुपये में खरीदना पड़ रहा है. स्थानीय विधायक और अधिकारियों के साथ डीएम ने बैठक कर जमाखोरी करने वाले माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही.

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वहीं, स्थानीय डुमरांव के भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि डीएपी को लेकर पूरे जिले के किसान परेशान हैं. स्थिति को जानने के लिए वे खुद बैठक में शामिल होने आए. उन्होंने कहा कि यह जानकर हैरानी होती है कि जिले में 7500 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, और सरकार के द्वारा अब तक मात्र 3200 मीट्रिक टन डीएपी ही उपलब्ध कराया गया है. विधायक ने भी कृषि पदाधिकारी के महिलाओं पर दिए बयान की निंदा की.

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Last Updated : Dec 11, 2021, 1:22 PM IST
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