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बक्सर: मौनी अमावस्या पर पुण्य स्नान के लिए रामरेखा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

मिनी काशी कहे जाने वाला बक्सर आज श्रद्धालुओं की भीड़ से पटा पड़ा है. बिहार, उत्तर प्रदेश, नेपाल और झारखंड से हजारों श्रद्धालु उत्तर वाहिनी गंगा में डुबकी लगा रहे हैं.

रामरेखा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Feb 4, 2019, 10:37 AM IST

बक्सर: आज माघ महीने की अमावस्या तिथि है. इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है. इसके साथ ही सोमवारी अमावस्या भी है. आज के दिन एक साथ तीन पवित्र स्नान का मुहूर्त है. आज के स्नान को लेकर जिले के विभिन्न घाटों पर चहल-पहल देखी जा रही है.

यहां गंगा उत्तर वाहिनी हैं और बक्सर का बहुत ही विशेष धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि बक्सर के इसी रामरेखा घाट पर भगवान राम और लक्ष्मण, महर्षि विश्वामित्र के साथ आये थे. इसी कारण इस घाट का नाम भी रामरेखा घाट पड़ा. यही वजह है कि इस घाट पर स्नान करने पीढ़ी दर पीढ़ी लोग आते हैं.

रामरेखा घाट के पौराणिक महत्व बताते पुजारी
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एक तरफ जहां प्रयागराज में आज दूसरे शाही स्नान की धूम है, तो वहीं मिनी काशी कहे जाने वाले बक्सर में भी आज के स्नान को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है. हालांकि व्यवस्था से कई श्रद्धालु संतुष्ट नहीं है. उनका कहना है कि यहां शौचालय, पीने के पानी समुचित व्यवस्था नहीं है.

बक्सर: आज माघ महीने की अमावस्या तिथि है. इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है. इसके साथ ही सोमवारी अमावस्या भी है. आज के दिन एक साथ तीन पवित्र स्नान का मुहूर्त है. आज के स्नान को लेकर जिले के विभिन्न घाटों पर चहल-पहल देखी जा रही है.

यहां गंगा उत्तर वाहिनी हैं और बक्सर का बहुत ही विशेष धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि बक्सर के इसी रामरेखा घाट पर भगवान राम और लक्ष्मण, महर्षि विश्वामित्र के साथ आये थे. इसी कारण इस घाट का नाम भी रामरेखा घाट पड़ा. यही वजह है कि इस घाट पर स्नान करने पीढ़ी दर पीढ़ी लोग आते हैं.

रामरेखा घाट के पौराणिक महत्व बताते पुजारी
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एक तरफ जहां प्रयागराज में आज दूसरे शाही स्नान की धूम है, तो वहीं मिनी काशी कहे जाने वाले बक्सर में भी आज के स्नान को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है. हालांकि व्यवस्था से कई श्रद्धालु संतुष्ट नहीं है. उनका कहना है कि यहां शौचालय, पीने के पानी समुचित व्यवस्था नहीं है.

Intro:मिनी काशी कहे जाने वाले बक्सर आज स्नानार्थियों की भीड़ से पटा पड़ा है । बिहार ,उत्तर प्रदेश, नेपाल और झारखंड से हजारों श्रद्धालु आज बक्सर स्थित उत्तर वाहिनी गंगा में डुबकी लगा रहे हैं ।


Body:एक तरफ जहाँ प्रयागराज में आज दूसरे शाही स्नान की धुभ है वही मिनी काशी कहे जाने वाले बक्सर में भी आज के स्नान को लेकर कम धूम नही है । आज के दिन एक साथ तीन तीन पूण्य दायीं स्नान का मुहूर्त है । आज माघ महीने का अमावस्या तो है ही साथ सोमवारी अमावस्या भी है ।इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है ।
बाइट पुजारी रामरेखा घाट बक्सर
चूँकि बक्सर में गंगा उत्तर वाहिनी बहती हैं और बक्सर का बहुत ही विशेष धार्मिक महत्व है । माना जाता है कि बक्सर के इसी रामरेखा घाट पर भगवान राम और लक्ष्मण महर्षि विश्वामित्र के साथ आये थे ।इसी कारण इस घाट का नाम भी रामरेखा घाट पड़ा ।यही वजह है कि यहाँ स्नान करने के लिए देश विदेश से पीढ़ी दर पीढ़ी लोग आते हैं ।
बाइट । श्रद्धालु पश्चिम चंपारण


Conclusion:बात आध्यात्मिक पहलू की जाए तो निश्चय ही बक्सर का विशेष महत्व रहा है ।वर्ष भर में कई महत्वपूर्ण स्नान करने लाखों श्रद्धालु आते हैं लेकिन श्रद्धालुओं के ठहरने आदि की कोई समुचित व्यवस्था नही की जाती है यहाँ तक कि पीने का पानी भी नही मुहैया कराई जाति है।अगर समुचित व्यवस्था की जाए तो निश्चय ही बक्सर भी पर्यटन के मानचित्र पर एक नया आयाम प्राप्त कर सकता है ।
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