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बिहार NDA में जारी है शह-मात का खेल, संक्रांति बाद बनेंगे नए समीकरण: कांग्रेस

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Published : Jan 6, 2021, 6:36 PM IST

बिहार में बीजेपी और जेडीयू के तल्ख हो रहे रिश्तों पर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि जेडीयू और बीजेपी के बीच सियासी खिचड़ी पकने लगी है और अब सभी को खाने का इंतजार है.

सदर विधायक, मुन्ना तिवारी
सदर विधायक, मुन्ना तिवारी

बक्सर: भारतीय जनता पार्टी और जदयू नेताओं के बीच चल रहे जुबानी जंग कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, बीजेपी और जदयू के बीच सियासी घमासान जारी है. शह-मात के खेल में बीजेपी और जदयू के नेताओं के बीच चल रहे खींचतान को लेकर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने यह कयास लगाना शुरू कर दिया है कि आने वाले में बिहार में नए समीकरण के साथ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी.

नए साल के पहले ही दिन जदयू नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के नेताओं की ओर से जदयू के साथ किए गए भितरघात का बदला वह बिहार में जरुर लेंगे. जिसके बाद से ही बिहार में नए समीकरण के साथ मकर संक्रांति बाद विपक्षी पार्टी के नेता सरकार बनाने का दावा करने में लगे हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जदयू के नेताओं ने दिया संकेत
नए साल के पहले ही दिन जदयू पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक कुमार यादव की ओर से बक्सर के वृंदावन गार्डन में लिट्टी चोखा का मैत्री भोज दिया गया था. इस भोज में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर विपक्षी पार्टी के लगभग सभी नेता मौजूद थे. इस दौरान जदयू नेता संजय सिंह ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश प्रदेश का बदला जदयू बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से जरुर लेगी. वहीं, आने वाले मकर संक्रांति का भोज जदयू नए साथियों के साथ करेगी.

दबाव में नीतीश कुमार नहीं ले पा रहे निर्णय!
जदयू नेता के इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि बीजेपी के नेताओं के दबाव में नीतीश कुमार निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. राबड़ी देवी के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री के बचाव में उतरे राज्य सरकार के पूर्व मंत्री संतोष निराला ने यह स्पष्ट कर दिया था कि नीतीश कुमार किसी के भी दबाव में नहीं रहते हैं. जब भी उनके सम्मान को ठेस पहुंचता है तो वह खुद निर्णय ले लेते हैं. संतोष निराला के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओ भले ही चुप्पी साध लिया है, लेकिन जदयू के नेता कभी लोजपा तो कभी अरुणाचल प्रदेश मामले को मुद्दा बनाकर बीजेपी पर लगतार हमलावर हैं.

'बीजेपी और जदयू के बीच सियासी खिचड़ी पकने लगी है. खिचड़ी कितना पक कर तैयार है, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन एक बात साफ है कि बीजेपी और जदयू में जिस तरह से शह-मात का खेल चल रहा है. इससे नीतीश कुमार काफी असहज हैं और आने वाले समय में नीतीश कुमार कोई बहुत बड़ा निर्णय जरुर लेंगे, क्योंकि बीजेपी के नेता ना तो मंत्रिमंडल का विस्तार करने दे रहे हैं और ना ही विधान परिषद के सीटों पर सामंजस्य बैठा रहे हैं. केवल नीतीश कुमार को डैमेज करने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं'.- संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, सदर विधायक, कांग्रेस

बता दें कि बीजेपी और जदयू के नेताओं के बीच चल रहे खींचतान को लेकर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने यह कयास लगाना शुरू कर दिया है कि आने वाले मकर संक्रांति में दही चूड़ा के भोज के साथ बिहार में नए समीकरण के साथ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी.

बक्सर: भारतीय जनता पार्टी और जदयू नेताओं के बीच चल रहे जुबानी जंग कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, बीजेपी और जदयू के बीच सियासी घमासान जारी है. शह-मात के खेल में बीजेपी और जदयू के नेताओं के बीच चल रहे खींचतान को लेकर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने यह कयास लगाना शुरू कर दिया है कि आने वाले में बिहार में नए समीकरण के साथ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी.

नए साल के पहले ही दिन जदयू नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के नेताओं की ओर से जदयू के साथ किए गए भितरघात का बदला वह बिहार में जरुर लेंगे. जिसके बाद से ही बिहार में नए समीकरण के साथ मकर संक्रांति बाद विपक्षी पार्टी के नेता सरकार बनाने का दावा करने में लगे हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जदयू के नेताओं ने दिया संकेत
नए साल के पहले ही दिन जदयू पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक कुमार यादव की ओर से बक्सर के वृंदावन गार्डन में लिट्टी चोखा का मैत्री भोज दिया गया था. इस भोज में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर विपक्षी पार्टी के लगभग सभी नेता मौजूद थे. इस दौरान जदयू नेता संजय सिंह ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश प्रदेश का बदला जदयू बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से जरुर लेगी. वहीं, आने वाले मकर संक्रांति का भोज जदयू नए साथियों के साथ करेगी.

दबाव में नीतीश कुमार नहीं ले पा रहे निर्णय!
जदयू नेता के इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि बीजेपी के नेताओं के दबाव में नीतीश कुमार निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. राबड़ी देवी के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री के बचाव में उतरे राज्य सरकार के पूर्व मंत्री संतोष निराला ने यह स्पष्ट कर दिया था कि नीतीश कुमार किसी के भी दबाव में नहीं रहते हैं. जब भी उनके सम्मान को ठेस पहुंचता है तो वह खुद निर्णय ले लेते हैं. संतोष निराला के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओ भले ही चुप्पी साध लिया है, लेकिन जदयू के नेता कभी लोजपा तो कभी अरुणाचल प्रदेश मामले को मुद्दा बनाकर बीजेपी पर लगतार हमलावर हैं.

'बीजेपी और जदयू के बीच सियासी खिचड़ी पकने लगी है. खिचड़ी कितना पक कर तैयार है, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन एक बात साफ है कि बीजेपी और जदयू में जिस तरह से शह-मात का खेल चल रहा है. इससे नीतीश कुमार काफी असहज हैं और आने वाले समय में नीतीश कुमार कोई बहुत बड़ा निर्णय जरुर लेंगे, क्योंकि बीजेपी के नेता ना तो मंत्रिमंडल का विस्तार करने दे रहे हैं और ना ही विधान परिषद के सीटों पर सामंजस्य बैठा रहे हैं. केवल नीतीश कुमार को डैमेज करने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं'.- संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, सदर विधायक, कांग्रेस

बता दें कि बीजेपी और जदयू के नेताओं के बीच चल रहे खींचतान को लेकर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने यह कयास लगाना शुरू कर दिया है कि आने वाले मकर संक्रांति में दही चूड़ा के भोज के साथ बिहार में नए समीकरण के साथ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी.

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