बक्सर: पर्यावरण को संतुलित करने और जल संचय के लिए राज्य सरकार ने 'जल जीवन हरियाली मिशन योजना' की शुरुआत की. अब इस योजना का बक्सर नगर परिषद के अधिकारी और जिला प्रशासन ही मजाक उड़ा रहे हैं. जिलाधिकारी के कार्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित नहर को ही कूड़ा डंपिंग जोन बना दिया गया है.
'कूड़ा डंप करने के लिए कोई जगह निर्धारित नहीं'
राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने 31 दिसंबर तक सभी तलाब, नहर, आहर- पोखर को अतिक्रमण मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके बाद भी शहर से निकलने वाले सैकड़ो क्विंटल कचरे को रोजाना धड़ल्ले से बाईपास नहर में डाला जा रहा है. हालांकि मामले में सफाई प्रबन्धक इशरत हुसैन खान ने नगर परिषद पर ही ठीकरा फोड़ते हुए लीपापोती की कोशिश की. उन्होंने कहा कि क्योंकि कूड़ा डंप करने के लिए कोई जगह निर्धारित नहीं है, इसीलिए परिषद के निर्देश पर कूड़ा नहर के किनारे डाला जा रहा है.
अंचलाधिकारी ने दिया जांच का भरोसा
मामले में अंचलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने अपनी सफाई पेश की. उन्होंने बताया कि कूड़ा गिराने के लिए तय मानकों के अनुसार ही डंपिग यार्ड का चुनाव कर नगर परिषद को दिया गया है. उसके बावजूद भी कूड़ा नहरों में क्यों डाला जा रहा है, इसकी जांच करवाई जाएगी. उन्होंने जांच के बाद उचित कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया.