बक्सर: आम सभा की बैठक में आग बबूला हुए मुखिया प्रतिनिधि ओमप्रकाश यादव (Mukhiya representative beat up people in Buxar ) ने विरोध करने वाले ग्रामीणों को मुखिया के सामने ही दौड़ा दौड़ाकर पीटा. इस घटना का वीडियो (viral video of dominance of mukhiya supporters in Buxar ) तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. घटना के चौबीस घंटे बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. ईटीवी भारत की पहल पर पुलिस ने मुखिया प्रतिनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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बक्सर के वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मुखिया उर्मिला देवी के प्रतिनिधि और उनके समर्थकों के द्वारा कुछ ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा जा रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर इसकी जमकर निंदा कर रहे हैं और घटना को तालिबानी लोकतंत्र बताया जा रहा है. वीडियो की पड़ताल करते हुए जब ईटीवी भारत की टीम डुमराव अनुमंडल के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जवही दियर पंचायत के स्थानीय गांव में पहुंची तो, मामले की सत्यता की पुष्टि हुई. मुखिया प्रतिनिधि के डर से सहमे ग्रामीणों ने खुलकर ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां किया है.
क्या है पूरा मामला?: 22 फरवरी मंगलवार के दिन पंचायत की मुखिया उर्मिला देवी के द्वारा आम सभा बुलाई गई थी जिसमें पहुंचे विपक्ष के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के द्वारा पुरानी योजनाओं को पहले पूरा करने और उसके बाद नई योजना को चयनित करने का सुझाव दिया. जिसके बाद उस बैठक में मौजूद मुखिया प्रतिनिधि ओम प्रकाश यादव आग बबूला हो गए. इतना ही नहीं मुखिया के सामने ही विरोध कर रहे लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर ओम प्रकाश यादव ने पीटना शुरू कर दिया. जो लोग छुड़ाने के लिए आ रहे थे मुखिया प्रतिनिधि एवं उनके समर्थक ने उसकी भी पिटाई कर दी. जिसके बाद किसी तरह लोग जान बचाकर वहां से भागे. वहां से गुजर रहे किसी राहगीर ने मुखिया प्रतिनिधि के दबंगई का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है.
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पुलिस की कार्यशैली पर सवाल: इस घटना के बाद ग्रामीण पहले शिकायत लेकर डुमरांव अनुमंडल के एएसपी श्रीराज के पास गए लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हुई. उसके बाद पीड़ित लोगों ने स्थानीय थाना में आवेदन देकर न्याय के लिए गुहार लगायी. वायरल वीडियो को साक्ष्य के तौर पर उपलब्ध कराया गया था. लेकिन 24 घंटे बाद भी पुलिस ने ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज नहीं की. उल्टे पुलिस ने मुखिया जी को शह देकर ग्रामीणों पर ही सरकारी काम में बाधा डालने का एफआईआर दर्ज करा दिया.
जब ईटीवी भारत की टीम दियर पंचायत पहुंची तो स्थानीय लोगों ने बताया कि, मुखिया जी के दबंगई के कारण हम लोगों का एफआईआर तक दर्ज नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद हमारे संवाददाता ने वरीय अधिकारियों से बात कर इसकी सूचना दी तो आनन फानन में धक्का मुक्की का केस दर्ज कर कोरम पूरा कर लिया गया. जबकि वायरल वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि कैसे मुखिया समर्थक चौतरफा घेरकर 2 लोगों की पिटाई कर रहे हैं.
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क्या कहते हैं ग्रामीण: इस घटना की जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया के द्वारा आम सभा बुलाया गया था, जहां हम लोगों ने पहले पुरानी योजनाओं को पूरा करने एवं उसके बाद नई योजनाओं को चयनित करने का सुझाव दिया. इस पर मुखिया प्रतिनिधि आग बबूला हो गए और अपने समर्थकों के साथ दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई करना शुरू कर दिया. मुखिया जी की दबंगई इस कदर है कि पुलिस ग्रामीणों का एफआईआर तक दर्ज करने से घबरा रही है. कभी आवेदन में घटना के समय का जिक्र होने का बहाना तो कभी आवेदन पर दो लोगों का हस्ताक्षर और तारीख नहीं दिए जाने का बहाना बनाकर एफआईआर दर्ज नहीं की गई.
"जब हमलोगों ने वरीय अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही तो थाना प्रभारी हमलोगों पर ही धौंस दिखना शुरू कर दिए. हमें बताया गया कि मुखिया ने पहले ही एफआईआर दर्ज कराया है. पहले तुमलोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजूंगा. उसके बाद तुमलोगों का मामला दर्ज करूंगा. पूरा इलाका जानता है कि मुखिया प्रतिनधि शराब का कारोबार करता है. उसके लोग हाल ही में पकड़े भी गए थे. उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ. अब तो प्रशासन पैसा लेकर हमलोगों को ही प्रताड़ित कर रही है. अब मीडिया ही न्याय दिलवा सकती है."- ग्रामीण
क्या कहते हैं मुखिया प्रतिनिधि: ग्रामीणों के इस आरोप के बाद मुखिया प्रतिनिधि ओम प्रकाश यादव ने सफाई देते हुए कहा कि, ग्रामीणों के द्वारा जो भी आरोप लगाया जा रहा है, वह बेबुनियाद है. मेरा ही वीडियो वायरल हो रहा है. लेकिन जो लोग मेरे खिलाफ शिकायत कर रहे हैं वही लोग दबंग हैं और सरकारी काम में बाधा डालते हैं. मेरा शराब का कारोबार से कोई लेना देना नहीं है. पुलिस किसके आवेदन पर कब एफआईआर दर्ज करेगी यह पुलिस का मामला है. लेकिन इस पूरे मामले में हम लोग बेकसूर हैं. यदि हम दबंग होते तो जनता हमें अपना समर्थन नहीं देती.
पुलिस का बयान: इस घटना को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल पर एएसपी श्री राज ने कहा कि, पीड़ित पक्ष का एफआईआर दर्ज होने में विलंब हुआ है, जिसका कारण, एफआईआर में त्रुटि है. इस पूरी घटना को मैं व्यक्तिगत तौर पर मॉनिटरिंग करूंगा और दोषी कितना भी बड़ा दबंग क्यों न हो कार्रवाई होगी.
गौरतलब है कि यह पहला मामला नहीं है. हाल ही में कुछ महीने पहले बक्सर के ही एक मुखिया प्रतिनिधि के द्वारा एक युवक को खंभे से बांधकर नंगा कर रात भर पीटा गया था. जब सोशल मीडिया में वीडियो तेजी से वायरल हुआ उसके बाद भी पुलिस कार्रवाई करने से बचती रही. उल्टे पीड़ित युवक पर ही मोटरसाइकल चोरी का आरोप लगकर उसे जेल भेज दिया गया. मीडिया ने जब मामले को उठाया तब जाकर दोषियों पर एफआईआर दर्ज किया गया था.
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