बक्सर: देश के किसानों को उनका हक देने के लिए साल 2019 में सरकार पार्ट टू ने केंद्रीय बजट के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की. पीयूष गोयल की इस पहल की घोषणा की थी. इसके तहत 12 करोड़ छोटे और सीमान्त किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर यानि 4.9 एकड़ से कम भूमि है, उन्हें न्यूनतम आय सहायता के तौर पर हर साल 6 हजार रूपए तक मिलेंगे.
किसानों को नहीं मिल सका फायदा
मोदी सरकार ने इस साल के बजट में किसानों के लिए इस योजना की घोषणा तो कर दी, लेकिन इसका फायदा अब तक किसानों को नहीं मिल सका है. जिले के किसान सम्मान राशि की उम्मीद में ऑनलाइन आवेदन कर योजना से मिलने वाले लाभ का इंतजार कर रहे हैं.
कागजात जांच करने के नाम पर हो रहा टालमटोल
पूरे मामले में किसानों का आरोप है कि आवेदन के 10 महीने बीत जाने के बाद भी इस योजना का लाभ अबतक नहीं मिल सका है. आवेदक किसान कहते हैं कि सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद भी लगातार अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है. किसानों का आरोप है कि अधिकारी कागजात जांच करने की बात कह कर सिर्फ टालमटोल करते है.
कैमरे पर बोलने से बचते रहे अधिकारी
हैरानी की बात तो यह है कि किसानों के इन आरोपों का अधिकारी कोई भी जवाब देने से बचते नजर आए. नौबत यह रही कि अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ इंकार किया. केंद्र सरकार की किसानों के लिए शुरु की गई कल्याणकारी योजनाओं के प्रति ऐसी लापरवाही सरकारी अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर रही है. देखना होगा कि साल 2019 में घोषित इस योजना का लाभ आखिरकार देश के अन्नदाताओं को कब तक मिल पाता है.