बक्सर: बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने शुक्रवार देर शाम बक्सर पहुंचकर सबसे पहले डॉ. भीम राव अम्बेडकर प्रतिमा के नीचे मौन व्रत पर बैठे स्थानीय बीजेपी सांसद अश्विनी चौबे से मुलाकात की. सादे कागज पर अपनी बातें लिखकर उनसे बात की. उसके बाद बनारपुर पहुंचकर के किसानों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि 1974 के जेपी आंदोलन के दौरान भी पुलिस ने आंदोलनकारियों के साथ इतनी बर्बरता नहीं की थी, जितनी बनारपुर के किसानों के साथ की गई है.
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किसानों की मांग को प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाए सरकार: सुशील मोदी ने कहा कि जिस अधिकारी का 8 महीना पहले जिला बदर तबादला हो गया था. आखिर उसको किसकी शह पर 8 महीने तक इस थाने में थानेदार बनाए रखा गया. लाइन हाजिर किसी समस्या का समाधान नहीं है. इस प्रकरण में शामिल तमाम अधिकारियों को पहले बर्खास्त किया जाए. उन्होंने कहा कि किसानों को अनावश्यक बदले की भावना से पुलिस परेशान ना करें. 4 महीने पहले नीतीश कुमार के साथ आप ही सरकार में थे, उसके बाद भी समस्याओं का समाधान क्यों नहीं हुआ? इस प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इसका अधिकार केवल सरकार के मुखिया के पास होता है, सहयोगी के पास नहीं.
"राज्य सरकार के मुखिया नीतीश कुमार अविलंब 2022 के सर्किल रेट से किसानों की जमीन की मुआवजा का भुगतान करने का आदेश करें, क्योंकि यह अधिकार ना तो सरकार में शामिल कांग्रेस, राजद, भाकपा समेत अन्य पार्टियों के पास है और ना ही भाजपा के पास है. सरकार के मुखिया ही इसका आदेश दे सकता है. इसलिए सरकार में होते हुए भी हम किसानों के लिए कुछ नहीं कर पाए. बक्सर के किसानों की जायज मांगें स्वीकार नहीं की, तो भविष्य की परियोजनाओं को लागू करने में कठिनाई होगी"- सुशील मोदी, सांसद, बीजेपी
'शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें मुख्यमंत्री": वहीं उन्होंने रामचरितमानस विवाद पर बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यदि किसी अन्य धर्म ग्रंथ के बारे में इस तरह की विवादित टिप्पणी की होती तो आज वह जिंदा नहीं होते. हम लोग हिंदू हैं, इसलिए जिसको जो मन करता है बयान देता रहता है. उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि मुख्यमंत्री फौरन शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें, नहीं तो आगे क्या करना है वह बीजेपी तय करेगी. सुशील मोदी ने कहा कि हैरानी होती है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब भी किसी बड़ी घटना के बारे में पत्रकार पूछते हैं तो वह यह कहकर बच जाते हैं कि हमें इस बात की जानकारी ही नहीं है. फिर आप काहे के मुख्यमंत्री बने हुए हैं, जब आप की पकड़ प्रशासन पर इतनी ढीली है.