ETV Bharat / state

चमकी की चपेट में बिहार: मौत से जूझ रहे मासूम, 17 दिन बाद भी नहीं है पुख्ता इंतजाम

मुजफ्फरपुर के बाद धीरे-धीरे यह बीमारी अब बक्सर, नालंदा, भोजपुर और पूर्णिया में भी फैल चुकी है. अबतक सैकड़ों बच्चे इसका शिकार हो चुके हैं.

बेबस परिजन
author img

By

Published : Jun 18, 2019, 8:17 PM IST

बक्सर: बिहार के ज्यादातर जिले फिलहाल चमकी की चपेट में है. मुजफ्फरपुर के बाद धीरे-धीरे यह बीमारी अब बक्सर, नालंदा, भोजपुर और पूर्णिया में भी फैल चुकी है. अबतक सैकड़ों बच्चे इसका शिकार हो चुके हैं. लगातार यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि बक्सर के लोगों को अबतक इसकी सुध नहीं है.

buxar
मरीजों से पटा अस्पताल

जिले के महादलित बस्ती के लोगों को चमकी बुखार का नाम भी अबतक नहीं सुना है. इससे साफ जाहिर है कि प्रशासन का जागरूकता अभियान चलाने का दावा खोखला है. चमकी से अनजान परिजन अपने बच्चों को तेज धूप और गंदगी में खेलता छोड़ दे रहे हैं.

बक्सर सदर अस्पताल में नहीं है इंतजाम
चमकी मरीजों के लिए सदर अस्पताल में व्यवस्था पूछने पर बक्सर सिविल सर्जन ने बताया कि इसकी लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल एक भी आईसीयू बेड है. अगर कोई गंभीर मरीज आ जाए तो उसके उपचार के लिए भी कोई उपकरण नहीं है. ऐसे में मरीजों को रेफर करने के अलावा अस्पताल के पास कोई विकल्प नहीं है.

buxar
बेबस परिजन

नालंदा में बच्चे ने तोड़ा दम
बता दें कि नालंदा में भी हालात गंभीर है. मंगलवार सुबह को सदर अस्पताल में एक साथ 7 बच्चों को भर्ती किया गया था, जिसमें 1 बच्चा गंभीर था. उसे पटना भेजा गया. लेकिन, आखिरकार बच्चे ने दम तोड़ दिया.

पूर्णिया में चमकी का डर
चमकी बुखार का कहर अब पूर्णिया में भी फैल रहा है. मंगलवार को तेज बुखार के 5 मामले अस्पताल में आए. जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई. हालांकि मृतका चमकी से पीड़ित थी या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो सकी.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

भोजपुर में आया पहला मामला
भोजपुर में मंगलवार को चमकी बुखार का पहला मामला सामने आया. जिले की एक तीन वर्षीय बच्ची में यह बीमारी पाई गई है. फिलहाल, बच्ची का प्राथमिकी इलाज चल रहा है.

मुख्य बातें

  • मुजफ्फरपुर में अब तक चमकी बुखार से 148 बच्चों की मौत
  • राज्य के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडे ने अस्पताल का लिया जायजा
  • CM नीतीश कुमार ने भी किया मुजफ्फरपुर का दौरा
  • परिजनों ने सीएम का किया विरोध
  • केन्द्रीय स्वास्थय मंत्री हर्ष वर्धन भी पहुंचे

बक्सर: बिहार के ज्यादातर जिले फिलहाल चमकी की चपेट में है. मुजफ्फरपुर के बाद धीरे-धीरे यह बीमारी अब बक्सर, नालंदा, भोजपुर और पूर्णिया में भी फैल चुकी है. अबतक सैकड़ों बच्चे इसका शिकार हो चुके हैं. लगातार यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि बक्सर के लोगों को अबतक इसकी सुध नहीं है.

buxar
मरीजों से पटा अस्पताल

जिले के महादलित बस्ती के लोगों को चमकी बुखार का नाम भी अबतक नहीं सुना है. इससे साफ जाहिर है कि प्रशासन का जागरूकता अभियान चलाने का दावा खोखला है. चमकी से अनजान परिजन अपने बच्चों को तेज धूप और गंदगी में खेलता छोड़ दे रहे हैं.

बक्सर सदर अस्पताल में नहीं है इंतजाम
चमकी मरीजों के लिए सदर अस्पताल में व्यवस्था पूछने पर बक्सर सिविल सर्जन ने बताया कि इसकी लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल एक भी आईसीयू बेड है. अगर कोई गंभीर मरीज आ जाए तो उसके उपचार के लिए भी कोई उपकरण नहीं है. ऐसे में मरीजों को रेफर करने के अलावा अस्पताल के पास कोई विकल्प नहीं है.

buxar
बेबस परिजन

नालंदा में बच्चे ने तोड़ा दम
बता दें कि नालंदा में भी हालात गंभीर है. मंगलवार सुबह को सदर अस्पताल में एक साथ 7 बच्चों को भर्ती किया गया था, जिसमें 1 बच्चा गंभीर था. उसे पटना भेजा गया. लेकिन, आखिरकार बच्चे ने दम तोड़ दिया.

पूर्णिया में चमकी का डर
चमकी बुखार का कहर अब पूर्णिया में भी फैल रहा है. मंगलवार को तेज बुखार के 5 मामले अस्पताल में आए. जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई. हालांकि मृतका चमकी से पीड़ित थी या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो सकी.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

भोजपुर में आया पहला मामला
भोजपुर में मंगलवार को चमकी बुखार का पहला मामला सामने आया. जिले की एक तीन वर्षीय बच्ची में यह बीमारी पाई गई है. फिलहाल, बच्ची का प्राथमिकी इलाज चल रहा है.

मुख्य बातें

  • मुजफ्फरपुर में अब तक चमकी बुखार से 148 बच्चों की मौत
  • राज्य के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडे ने अस्पताल का लिया जायजा
  • CM नीतीश कुमार ने भी किया मुजफ्फरपुर का दौरा
  • परिजनों ने सीएम का किया विरोध
  • केन्द्रीय स्वास्थय मंत्री हर्ष वर्धन भी पहुंचे
Intro:बक्सर/एंकर-चमकी बुखार की दस्तक से सहमे बकसर वसीयो को नही पता चमकी बुखार की क्या है, पहचान, इस बीमारी के प्रति लोगो को जागरूक करने का स्वास्थ्य बिभाग एवं जिला प्रशासन का दावा निकला हवा हवाई। महादलित बस्ती में चमकी को चुनवती देते दिखे महादलित के बच्चे। तो स्वास्थय बिभाग की तैयारी का भी सिविल सर्जन ने खोली पोल।


Body:एक तरफ लगातार चमकी बुखार की बढ़ते प्रभाव एवं बच्चों की हो रही मौत से जंहा पूरा देश मर्माहत है। वही अब मुजफ्फरपुर से दूरदराज के जिलों में चमकी बुखार ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। जिसे लेकर लोग डरे सहमे हुए है। स्वास्थ्य बिभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा चमकी बुखार के प्रति लोगो को जागरूक करने का दावा का रियल्टी चेक करने बक्सर किला मैदान के महादलित बस्ती में पहुँची etv भारत की टीम ने लोगो से वार्ता की, जंहा के बच्चे तो बच्चे बड़े बुजुर्ग भी इस बीमारी से अनजान दिखे, इस महादलित परिवार के बच्चे खुलयाम चमकी बुखार को चुनवती देते दिखाई दे रहे थे। ,नंगे बदन खले आसमान के नीचे आइसक्रीम खाकर बचपना करते दिखाई दे रहे थे। जंहा के लोगो ने बताया कि अब तक कोई व्यक्ति इस बीमारी के बारे में नही बताने आया और न ही हम लोगो को इसके बारे में कोई जानकारी है।

byte - वाक थ्रू

वही चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वाथ्य बिभाग की तैयारियों को देखने के लिए सदर अस्पताल में पहुँचे etv भारत के टीम ने सिविल सर्जन से पूछा कि एक साथ कितने बच्चों को आईसीयू में रखने की व्यवस्था है। तो सिविल सर्जन की बाते सुन सायेद आपके भी पैर तले जमीन खिसक जाएगी कि ,जिस संसदीय क्षेत्र से केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री है। उनके जिला के सबसे बड़े अस्पताल में ना तो एक भी आईसीयू बेड है। और न ही इस तरह के एक भी उपकरण अगर गम्भीर बच्चे अस्पताल आ जाये तो, अस्पताल से उनको बाहर भेजने के सिवा कोई दूसरा विकल्प स्वास्थ्य बिभाग के पास नही है। उसके बाद भी आल इज वेल का दावा किया जाता है। जरा आप भी सुनिए स्वास्थ्य महकमे के सिविल सर्जन की बात जो खुद कहती है। कि जिला के लिए दुर्भाग्य है।

byte-डॉक्टर उषा किरण वर्मा सिविल सर्जन बक्सर


Conclusion:गौरतलब है। कि 24 घण्टा पहले चमकी बुखार से पीड़ित सदर अस्पताल में इलाजरत श्रेया चौबे की खबर को etv भारत ने प्रमुखता के साथ उठाया था। जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर डॉक्टर की टीम ने लगातार बच्ची का मोनिटरिंग किया बच्ची अब खतरे से बाहर।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.