बक्सर: जिले में भैया दूज के त्योहार को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. बहनों की ओर से मनाए जाने वाला यह त्योहार बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में काफी प्रचलित है. इस त्योहार को गोधन के नाम से भी जाना जाता है. यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्लपक्ष के द्वितीया तिथि को मनाया जाता है.
महिलाएं कूटती हैं गोधन
भैया दूज के दिन महिलाएं एकत्रित होकर एक स्थान पर गोधन कूटती हैं. जिसमें गोबर से यम और यमी की प्रतिमा बनाई जाती है. साथ ही सांप और बिच्छू की भी आकृतियां बनाई जाती हैं. फिर पूजा के बाद इन्हें डंडे से कूटा जाता है. इसके बाद उसमें चना सुपारी चढ़ाया जाता है. जिसको बड़ी आस्था के साथ भाई को खिलाया जाता है. भैया दूज के दिन भाई बदले में बहन को उपहार देते हैं.
बहनें करती हैं मंगल कामना
स्थानीय बनारसी देवी ने बताया कि भैया दूज पर्व की ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहनें अपने भाइयों को शाप देकर मंगल की कामना करती हैं. जिसमें बहनों की ओर से भाइयों को खूब कोसा जाता है. इसके अलावा बहनें अपनी जीभ में कांटो वाले पौधे को चुभाती हैं. जिसे शापना कहते हैं. माना जाता है कि कार्तिक मास के द्वितीया के दिन भाई को शाप देने से उन्हें यम का भय नहीं होता है.