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औरंगाबादः परिवार नियोजन जागरुकता में मीडिया की भूमिका अहम, कार्यशाला में सहभागिता पर चर्चा - कार्यशाला

कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ कुमार मनोज के मुताबिक जिला में परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जानकारी और उन साधनों की पहुंच बढ़ी है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार बिहार की प्रजनन दर 3.4 से 3.0 पर आ गयी है.

कार्यशाला
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Published : Jan 28, 2021, 1:18 PM IST

औरंगाबादः परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता लाने में मीडिया की सहभागिता को बढ़ाने की जरूरत पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. ये कार्यशाला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आयोजित की गई. सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में आयोजित मीडिया उन्मुखीकरण कार्यशाला की अध्यक्षता सिविल सर्जन डाॅ अकरम अली ने की.

इस मौके पर परिवार नियोजन की आवश्यकता, महत्व और भ्रांतियों पर चर्चा की गई. कार्यशाला का आयोजन सेंटर फाॅर एडवोकेसी एंड रिसर्च द्वारा किया गया था.

कार्यशाला में मौजूद अधिकारी
कार्यशाला में मौजूद अधिकारी

'परिवार नियोजन के महत्व को समझना होगा. परिवार या समाज को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक रूप से सुखी व स्वस्थ्य रखने के लिए परिवार नियोजन की समझ बनाने की जरूरत सभी को है'- डाॅ अकरम अली, सिविल सर्जन

ये भी पढ़ेंः पटना नगर निगम जैव विविधता समिति की बैठक, लिए जाएंगे कई अहम फैसले

सिविल सर्जन ने कहा- वंचित समाज में अधिक बच्चे होने के कारण परिवार पर सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पड़ता है परिवार नियोजन के लिए कई आधुनिक साधन मौजूद हैं. जिसका इस्तेमाल दंपति कर सकते है.

औरंगाबाद जिला कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ कुमार मनोज ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार बिहार की प्रजनन दर 3.4 से 3.0 पर आ गयी है. मिशन परिवार विकास के तहत इसको 2.0 पर लाने का लक्ष्य है.

औरंगाबादः परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता लाने में मीडिया की सहभागिता को बढ़ाने की जरूरत पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. ये कार्यशाला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आयोजित की गई. सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में आयोजित मीडिया उन्मुखीकरण कार्यशाला की अध्यक्षता सिविल सर्जन डाॅ अकरम अली ने की.

इस मौके पर परिवार नियोजन की आवश्यकता, महत्व और भ्रांतियों पर चर्चा की गई. कार्यशाला का आयोजन सेंटर फाॅर एडवोकेसी एंड रिसर्च द्वारा किया गया था.

कार्यशाला में मौजूद अधिकारी
कार्यशाला में मौजूद अधिकारी

'परिवार नियोजन के महत्व को समझना होगा. परिवार या समाज को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक रूप से सुखी व स्वस्थ्य रखने के लिए परिवार नियोजन की समझ बनाने की जरूरत सभी को है'- डाॅ अकरम अली, सिविल सर्जन

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सिविल सर्जन ने कहा- वंचित समाज में अधिक बच्चे होने के कारण परिवार पर सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पड़ता है परिवार नियोजन के लिए कई आधुनिक साधन मौजूद हैं. जिसका इस्तेमाल दंपति कर सकते है.

औरंगाबाद जिला कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ कुमार मनोज ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार बिहार की प्रजनन दर 3.4 से 3.0 पर आ गयी है. मिशन परिवार विकास के तहत इसको 2.0 पर लाने का लक्ष्य है.

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