औरंगाबाद: जिले के समाहरणालय सभाकक्ष में जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष जिला बागवानी विकास समिति सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में जिला उद्यान कार्यालय द्वारा संपादित योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की गयी. बैठक में डीएम ने बताया कि किसानों के लिए कई योजनाओं को लागू किया गया है. इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य कृषकों को उद्यान से जोड़कर कृषकों के अतिरिक्त आय में वृद्धि कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है.
बता दें कि एकीकृत उद्यान विकास योजना के अन्तर्गत कृषकों के अतिरिक्त आय सृजन के लिए शुष्क क्षेत्रों में फलों का प्रत्यक्षण कर 0.2 हेक्टेयर प्रति प्रत्यक्षण के अनुसार कुल 221 जगहों पर इसकी खेती कराने का लक्ष्य प्राप्त है. इस योजना के तहत अनार, शरीफा, बैर , नींबू और मीठा नींबू का प्रत्यक्षण कर इससे कृषकों के अतिरिक्त आय में सृजन करना है. साथ ही 4,000 विदेशी प्रभेद की सब्जी जैसे शिमला मिर्च, बीज रहित बैगन, बीज रहित खीरा चेरी टमाटर इत्यादि सहित 80000 हाइब्रिड सब्जियों का पौधा वितरण करने का लक्ष्य प्राप्त है.
कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य
डीएम सौरभ जोरवाल बताया कि बिहार में सहजन एक बहुवर्षीय सब्जी देने वाला पौधा है. इसके सभी भागों का उपयोग भोजन, दवा, औषधीय आदि कार्यों में किया जाता है. सहजन का क्षेत्र विस्तार योजना के तहत राष्ट्रीय उद्यानिक अनुसंधान विकास फाउंडेशन द्वारा सहजन के अलग अलग प्रभेद के बीज प्राप्त कर वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसकी खेती कुल 60 हेक्टेयर में करने की योजना है. शेडनेट में संरक्षित पान की खेती योजना के अन्तर्गत ड्रीप एवं फागर से पटवन कराने की व्यवस्था है. इससे उच्च गुणवत्ता के पान के पौधों का उत्पादन किया जाना है. इसके तहत कम लागत में अधिक उत्पादन होता है. शेड में बचे हुए रिक्त स्थानों पर सब्जी की खेती कराकर किसानों को अतिरिक्त आय दिलाने की कार्ययोजना बनाई गई है. बैठक में उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार, सहायक निदेशक उद्यान जितेंद्र कुमार, ज़िला कृषि पदाधिकारी सह प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा, महाप्रबंधक ज़िला उद्योग केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक नित्यानंद राय उपस्थित थे.