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औरंगाबाद: सामूहिक निकाह में 8 जोड़ों ने थामे एक-दूजे के हाथ

शहर के मदरसा इस्लामिया परिसर में आयोजित सामूहिक निकाह में 8 जोड़ों ने एक-दूजे के हाथ थामे. इस्लामी बढ़ते कदम कमेटी की ओर से इस सामूहिक निकाह समारोह का आयोजन किया गया.

Aurangabad
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Published : Dec 8, 2019, 9:31 PM IST

औरंगाबाद: जिले में मदरसा इस्लामिया के प्रांगण में इस्लामी बढ़ते कदम की ओर से दहेज मुक्त 8वां सामूहिक निकाह संपन्न हुआ. इस मौके पर इस्लामी मैदान में 8 जोड़ों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर निकाह किया.

aurangabad
सामूहिक निकाह को लेकर की गई भव्य तैयारी

जोड़ों ने एक-दूसरे का थामा हाथ
बता दें कि मदरसा इस्लामिया के मैदान में जोड़ों ने एक-दूसरे से का हाथ थामा और साथ रहने का वादा किया. इसी के साथ नवविवाहिता ने एक-दूसरे के साथ दांपत्य जीवन की शुरुआत की. वहीं, एक अच्छी पहल इस्लामिया बढ़ते कदम की ओर से दहेज मुक्त निकाह के अवसर पर शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे और नव दंपति को आशीर्वाद देकर उनके खुशहाली की कामना की.

सामूहिक निकाह का आयोजन

'लड़कियां होती हैं कुदरत की उपहार'
इस्लामी बढ़ते कदम के सदस्य अफताब राणा ने बताया कि वर्ष 2012 से अब तक 64 कन्याओं की शादी कराई जा चुकी है. इस सामूहिक निकाह की चर्चा बिहार-झारखंड समेत अन्य राज्यों में भी हो रही है. उन्होंने बताया कि लड़कियां कुदरत की उपहार हैं और उनकी शादियां कराकर उन्हें दहेज प्रथा से बचाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. वहीं, इस आयोजन की लोगों ने जमकर प्रशंसा की.

औरंगाबाद: जिले में मदरसा इस्लामिया के प्रांगण में इस्लामी बढ़ते कदम की ओर से दहेज मुक्त 8वां सामूहिक निकाह संपन्न हुआ. इस मौके पर इस्लामी मैदान में 8 जोड़ों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर निकाह किया.

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सामूहिक निकाह को लेकर की गई भव्य तैयारी

जोड़ों ने एक-दूसरे का थामा हाथ
बता दें कि मदरसा इस्लामिया के मैदान में जोड़ों ने एक-दूसरे से का हाथ थामा और साथ रहने का वादा किया. इसी के साथ नवविवाहिता ने एक-दूसरे के साथ दांपत्य जीवन की शुरुआत की. वहीं, एक अच्छी पहल इस्लामिया बढ़ते कदम की ओर से दहेज मुक्त निकाह के अवसर पर शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे और नव दंपति को आशीर्वाद देकर उनके खुशहाली की कामना की.

सामूहिक निकाह का आयोजन

'लड़कियां होती हैं कुदरत की उपहार'
इस्लामी बढ़ते कदम के सदस्य अफताब राणा ने बताया कि वर्ष 2012 से अब तक 64 कन्याओं की शादी कराई जा चुकी है. इस सामूहिक निकाह की चर्चा बिहार-झारखंड समेत अन्य राज्यों में भी हो रही है. उन्होंने बताया कि लड़कियां कुदरत की उपहार हैं और उनकी शादियां कराकर उन्हें दहेज प्रथा से बचाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. वहीं, इस आयोजन की लोगों ने जमकर प्रशंसा की.

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एंकर:-औरंगाबाद में मदरसा इस्लामिया के प्रांगण में इस्लामी बढ़ते कदम की ओर से दहेज मुक्त 8वां सामूहिक निकाह संपन्न हुआ। इस्लामी मैदान में 8 जोड़ो एक दूसरे से का हाथ थामा कबूल है।


Body:V.O.1गौरतलब है कि सामाजिक कार्यों में शहर की अग्रणी संस्था इस्लामिया बढ़ते कदम के सौजन्य से औरंगाबाद मदरसा इस्लामिया मैदान में 8 जोड़ो ने एक दूसरे से का हाथ थामा और कबूल है। कह कर एक दूसरे साथ दांपत्य जीवन शुरुआत की। एक अच्छी पहल इस्लामिया बढ़ते कदम की ओर से दहेज मुक्त निकाह के अवसर पर शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद थे। और नव दंपति को आशीर्वाद देकर उन्हें खुशहाली की कामना की।


Conclusion:V.O2. औरंगाबाद इस्लामी बढ़ते कदम के सदस्य अफताब राणा ने बताया कि वर्ष 2012 से अब तक 64 कन्याओं की साथिया कराई जा चुकी है और आज इस सामूहिक निकाह की गूंज बिहार झारखंड होते हुए पहुंच गई है क्योंकि इस वर्ष गया गुरुआ की लड़की का निकाह कानपुर एवं गुरुआकी एक और लड़की के विवाह उत्तर प्रदेश इटावा के लड़के साथ कराया गया है। उन्होंने बताया कि लड़कियां कुदरत की उपहार है और उनकी शादियां कराकर उन्हें दहेज की लानत से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर शहरवासी आयोजन की मुक्त कण्डों से प्रशंसा की।
1.बाईट- अफताब राणा,सदस्य -इस्लामी बढ़ते कदम
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