औरंगाबाद: अधिवक्ता पुत्र संजय शर्मा हत्याकांड मामले को लेकर व्यवहार न्यायालय के अपर सत्र और न्यायाधीश-4 अशोक राज ने मामलें में सुनवाई की है. उन्होंने तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष मनीष कुमार शर्मा और मनोज कुमार शर्मा को कांड में संलिप्तता पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जबकि 15-15 हजार का जुर्माना लगाया है. जुर्माना की राशि न देने पर तीन माह का अतिरिक्त सजा भुगताना होगा.
बता दें कि घटना के बाद से मनीष शर्मा जेल में बंद है. जबकि मनोज शर्मा जमानत पर रिहा हुए थे. सोमवार को दोषी पाए जाने पर जमानत को विखंडित करते हुए मनोज शर्मा को पुनः जेल भेज दिया गया था.
14 अप्रैल 2016 की घटना
14 अप्रैल 2016 को नगर थाना के श्रीकृष्ण नगर शिव मंदिर के पास गुरुवार की सुबह करीब 7 बजे व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता रामकिशोर शर्मा के पुत्र संजय शर्मा की गोली मार हत्या कर दी गई थी. संजय के सीने में 7 गोली लगी थी. घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल से 7.62 बोर के 4 खोखा बरामद भी किया था. गोली लगने के बाद संजय घायल होकर जमीन पर गिर पड़े थे. गोलीबारी की सूचना पर परिजन और मुहल्ले के लोग शिव मंदिर के पास पहुंचे और संजय को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गए थे. जहां चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया था. मगध मेडिकल कॉलेज गया ले जाने के दौरान रास्ते में ही संजय की मौत हो गई थी.
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आजीवन कारावास की सजा
उस वक्त परिजनों ने शव के साथ रमेश चौक जाम कर प्रदर्शन भी किया था. खुदवां पंचायत मुखिया के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे परिजनों ने हत्या में शामिल हत्यारों की गिरफ्तारी करने की मांग कर रहे थे. तत्कालीन एसपी बाबूराम ने इस घटना में हर बिंदु पर जांच करते हुए दोषियों को सजा दिलाने की बात कही थी. करीब पांच वर्षों तक चली सुनवाई के बाद दोनों को सजा सुनाया गया. इस कांड में सरकार की ओर से रंजीत शर्मा और बचाव की ओर से अधिवक्ता अवध बिहारी सिन्हा ने बहस की थी. लेकिन आखिरकार कांड में संलिप्तता पाए जाने पर हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.