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पंचतत्व में विलीन हुए शहीद संतोष कुमार, अंतिम संस्कार में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग

कश्मीर में शहीद हुए संतोष कुमार मिश्रा का औरंगाबाद में अंतिम संस्कार किया गया. देवहरा आने से पहले गया हवाई अड्डे पर सीआरपीएफ ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

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Published : May 6, 2020, 6:12 PM IST

Updated : May 6, 2020, 7:43 PM IST

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औरंगाबाद: बुधवार को कश्मीर के हंदवाड़ा में शहीद हुए औरंगाबाद के लाल संतोष कुमार मिश्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्हें मुखाग्नि उनके 3 वर्षीय बेटे ने दी. 3 वर्षीय बेटे को मुखाग्नि देते देख सबकी आंखें छलक गई. मुखाग्नि से पहले संतोष मिश्र के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जहां गया और औरंगाबाद जिलों के डीएम और एसपी के अलावे सीआरपीएफ के डीजी समेत अन्य अधिकारी और हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.

सीआरपीएफ ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकवादियों की ओर से किए गए हमले में जिले के देवहरा गांव निवासी सीआरपीएफ के जवान संतोष कुमार मिश्रा सोमवार को शहीद हो गए थे. बुधवार को उनके पार्थिव शरीर को विशेष विमान से गया हवाई अड्डा लाया गया. जहां से सड़क मार्ग से उन्हें पैतृक गांव लाया गया. यहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

देवहरा आने से पहले गया हवाई अड्डे पर सीआरपीएफ ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. साथ ही उनके पार्थिव शरीर पर फ्लावर रिंग अर्पित कर पुष्पांजलि दी गई थी. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से उनके गांव देवहरा लाया गया.

कई अधिकारी रहे मौजूद
शहीद संतोष कुमार मिश्रा के पार्थिव शरीर के साथ बिहार सेक्टर के सीआरपीएफ के आईजी राजकुमार, डीआईजी संजय कुमार, गया के डीएम अभिषेक सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा, सीआरपीएफ कमांडेंट डॉ निशित कुमार, कोबरा बटालियन के कमांडेंट दिलीप श्रीवास्तव, एसएसबी के कमांडेंट राजेश कुमार सिंह, सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे.

स्थानीय डीएम सौरभ जोरवाल और एसपी दीपक वर्णवाल समेत अन्य अधिकारियों ने फ्लॉवर रिंग चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि के बाद गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके अलावा भाजपा जिला अध्यक्ष संजय मेहता, गोह विधायक मनोज शर्मा आदि गणमान्य लोगों ने भी उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

देखें रिपोर्ट

सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग

मौसम खराब होने के कारण मंगलवार को सेना के विशेष विमान से आने वाले शहीद जवान के पार्थिव शरीर को बुधवार को लाया गया. श्रीनगर में मौसम खराब होने के कारण मंगलवार को नहीं भेजा जा सका था. बुधवार को जैसे ही शहीद संतोष का पार्थिव शरीर देवहरा गांव में पहुंचा तो संतोष मिश्रा अमर रहे के नारों के साथ पूरा गांव गूंज उठा. गांव में स्थानीय लोग शहीद के सम्मान में सड़क किनारे खड़े होकर 100 मीटर लंबा तिरंगा लहरा रहे थे. शहीद के अंतिम संस्कार में लॉक डाउन के बावजूद आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम पहुंचा था. उनकी एक झलक को देखने के लिए सड़क के चारों तरफ लोग लाइन लगाकर खड़े थे.

साल 2010 में हुई थी शादी

बता दें सोमवार को दिन में 3 बजे तक संतोष अपने घर में परिजनों से बात कर रहे थे. उसके बाद वे ड्यूटी पर निकले थे. तभी आतंकवादियों ने उनके वाहन पर हमला कर दिया. जिसमें में वो शहीद हो गए. संतोष 2006 में सीआरपीएफ के 92 बटालियन में नियुक्त हुए थे. 2010 में उनकी शादी भोजपुर जिले के बजरिया गांव में शिव कुमार पांडे की बेटी दुर्गावती से हुई थी. 3 जून 1984 को जन्मे संतोष 36 वर्ष की उम्र में ही देश के लिए शहीद हो गए.

संतोष पिछले साल 8 नवंबर को घर से एक महीने की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गए थे. वे इस महीने में ही छुट्टी पर पुनः घर आने वाले थे. लेकिन लॉक डाउन के कारण वह घर नहीं आ सके थे. शहीद संतोष औरंगाबाद के गोह प्रखंड के देवहरा गांव के स्वर्गीय योगेंद्र मिश्र के पुत्र थे. संतोष के घर में फिलहाल विधवा मां मालती कुंवर, एक बड़ा भाई विजय मिश्र, छोटा भाई मंतोष मिश्र, बहन रेणु, आरती और रानी समेत एक तीन वर्ष का बेटा आदर्श और पत्नी दुर्गावती देवी है. उनकी पत्नी अभी गर्भवती हैं. लॉक डाउन के बावजूद शहीद संतोष कुमार के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

औरंगाबाद: बुधवार को कश्मीर के हंदवाड़ा में शहीद हुए औरंगाबाद के लाल संतोष कुमार मिश्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्हें मुखाग्नि उनके 3 वर्षीय बेटे ने दी. 3 वर्षीय बेटे को मुखाग्नि देते देख सबकी आंखें छलक गई. मुखाग्नि से पहले संतोष मिश्र के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जहां गया और औरंगाबाद जिलों के डीएम और एसपी के अलावे सीआरपीएफ के डीजी समेत अन्य अधिकारी और हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.

सीआरपीएफ ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकवादियों की ओर से किए गए हमले में जिले के देवहरा गांव निवासी सीआरपीएफ के जवान संतोष कुमार मिश्रा सोमवार को शहीद हो गए थे. बुधवार को उनके पार्थिव शरीर को विशेष विमान से गया हवाई अड्डा लाया गया. जहां से सड़क मार्ग से उन्हें पैतृक गांव लाया गया. यहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

देवहरा आने से पहले गया हवाई अड्डे पर सीआरपीएफ ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. साथ ही उनके पार्थिव शरीर पर फ्लावर रिंग अर्पित कर पुष्पांजलि दी गई थी. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से उनके गांव देवहरा लाया गया.

कई अधिकारी रहे मौजूद
शहीद संतोष कुमार मिश्रा के पार्थिव शरीर के साथ बिहार सेक्टर के सीआरपीएफ के आईजी राजकुमार, डीआईजी संजय कुमार, गया के डीएम अभिषेक सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा, सीआरपीएफ कमांडेंट डॉ निशित कुमार, कोबरा बटालियन के कमांडेंट दिलीप श्रीवास्तव, एसएसबी के कमांडेंट राजेश कुमार सिंह, सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे.

स्थानीय डीएम सौरभ जोरवाल और एसपी दीपक वर्णवाल समेत अन्य अधिकारियों ने फ्लॉवर रिंग चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि के बाद गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके अलावा भाजपा जिला अध्यक्ष संजय मेहता, गोह विधायक मनोज शर्मा आदि गणमान्य लोगों ने भी उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

देखें रिपोर्ट

सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग

मौसम खराब होने के कारण मंगलवार को सेना के विशेष विमान से आने वाले शहीद जवान के पार्थिव शरीर को बुधवार को लाया गया. श्रीनगर में मौसम खराब होने के कारण मंगलवार को नहीं भेजा जा सका था. बुधवार को जैसे ही शहीद संतोष का पार्थिव शरीर देवहरा गांव में पहुंचा तो संतोष मिश्रा अमर रहे के नारों के साथ पूरा गांव गूंज उठा. गांव में स्थानीय लोग शहीद के सम्मान में सड़क किनारे खड़े होकर 100 मीटर लंबा तिरंगा लहरा रहे थे. शहीद के अंतिम संस्कार में लॉक डाउन के बावजूद आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम पहुंचा था. उनकी एक झलक को देखने के लिए सड़क के चारों तरफ लोग लाइन लगाकर खड़े थे.

साल 2010 में हुई थी शादी

बता दें सोमवार को दिन में 3 बजे तक संतोष अपने घर में परिजनों से बात कर रहे थे. उसके बाद वे ड्यूटी पर निकले थे. तभी आतंकवादियों ने उनके वाहन पर हमला कर दिया. जिसमें में वो शहीद हो गए. संतोष 2006 में सीआरपीएफ के 92 बटालियन में नियुक्त हुए थे. 2010 में उनकी शादी भोजपुर जिले के बजरिया गांव में शिव कुमार पांडे की बेटी दुर्गावती से हुई थी. 3 जून 1984 को जन्मे संतोष 36 वर्ष की उम्र में ही देश के लिए शहीद हो गए.

संतोष पिछले साल 8 नवंबर को घर से एक महीने की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गए थे. वे इस महीने में ही छुट्टी पर पुनः घर आने वाले थे. लेकिन लॉक डाउन के कारण वह घर नहीं आ सके थे. शहीद संतोष औरंगाबाद के गोह प्रखंड के देवहरा गांव के स्वर्गीय योगेंद्र मिश्र के पुत्र थे. संतोष के घर में फिलहाल विधवा मां मालती कुंवर, एक बड़ा भाई विजय मिश्र, छोटा भाई मंतोष मिश्र, बहन रेणु, आरती और रानी समेत एक तीन वर्ष का बेटा आदर्श और पत्नी दुर्गावती देवी है. उनकी पत्नी अभी गर्भवती हैं. लॉक डाउन के बावजूद शहीद संतोष कुमार के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

Last Updated : May 6, 2020, 7:43 PM IST

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