औरंगाबाद: जिला प्रशासन ने कोरोना कोविड-19 से निपटने के लिए अब पल्स पोलियो की तर्ज पर घर-घर जाकर जांच करने की शुरुआत की है. यह शुरुआत कुटुंबा प्रखंड के दधपा से की गई है.
जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर 5 दिनों तक घर-घर जाकर कोरोना की जांच की जाएगी. सिविल सर्जन डॉ. अकरम अली ने इस कार्य की शुरुआत कुटुंबा प्रखंड के दधपा गांव से की.सिविल सर्जन ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कुटुंबा प्रखंड में 16 टीम और 5 सुपरवाइजर की मदद से पांच दिनों का कोरोना की जांच घर-घर जाकर की जाएगी.
अस्पताल में नहीं कोरोना संबंधित दवा
वहीं, दूसरी तरफ रेफरल अस्पताल कुटुंबा के स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि जिला से कोरोना से संबंधित जरूरी दवा और सामग्री की मांग पिछले 8 अप्रैल को की गई थी. जो अब तक अस्पताल को कुछ सामग्री को छोड़ दें तो शेष दवा और सामग्री उपलब्ध नहीं हो सका है. कुटुंबा में कार्यरत मैनेजर दीपक कुमार ने बताया कि ब्लीचिंग पाउडर, सेवलोन, फिनाइल, ग्लब्स 6.5, ग्लव्स 7, मास्क 3 लेयर, सर्जिकल मास्क, मास्क एन 95, हैंडवाश, कैप, शू कवर, स्प्रिट, सर्जिकल एप्रोन आदि की मांग की गई थी. जिसमें 1 बैग ब्लीचिंग पाउडर, सेनिटाइजर 1 जार, पीपीई किट 5 पीस, ग्लव्स 200 पीस, मास्क 200 पीस, लेयर 3 मास्क एन - 95 दस पीस दी गई है. जो कि जरूरत के अनुसार बहुत ही कम है.
जिला प्रशासन मिली सामग्री
मैनेजर दीपक कुमार ने बताया कि बाकी के कई दवा और सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि फिलहाल 250 मास्क, 25 साबुन और 200 ग्लव्स जिला प्रशासन से प्राप्त हुआ है. फिर भी नूबिलाइजर 10 पीस, ऑक्सीजन सिलेंडर 5 पीस, ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर 10 पीस, पल्स ऑक्सिमीटर 5 पीस, वेंटिलेटर 10 पीस आदि की भी मांग की गई है. जो कि उपलब्ध नहीं है.
बिहार में 86 कोरोना पॉजिटिव
एक तरफ घर-घर जाकर कोरोना के मरीजों की जांच की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में किट और अन्य दवाइयों का उपलब्धता ना होना. कोरोना से निबटने की लड़ाई में बाधा पहुंचा सकता है. बता दें कि बिहार में कोरोना के 86 पॉजिटिव केस मिले हैं. जिसमें 2 की मौत हो गई है.