औरंगाबाद: लॉकडाउन होने के कारण कई कार्यों में बाधा आ गई है. जिले के उत्तर कोयल नहर परियोजना का काम बीच में फंस गया है. लॉकडाउन के कारण काम अधर में लटका हुआ है. इसको लेकर औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने जल संसाधन मंत्री संजय झा को संदेश भेजा है.
जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय झा को पत्र लिखते हुए पूरी जानकारी दी गई है. बताया गया है कि वैपकोस के प्रमुख ने उत्तर कोयल बांध और बराज प्रमंडल, मोहम्मदगंज के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि 20 अप्रैल से काम शुरू करने के लिए पलामू के उपायुक्त की अनुमति जरूरी है. इसके लिए उन्होंने पत्र जारी किया है. सांसद ने चिंता जताई है कि कार्य अधूरा रहने के कारण इस वर्ष खरीफ मौसम में नहर से सिंचाई के लिए पानी देना संभव नहीं होगा. यदि ऐसा हुआ तो हाहाकार मच जाएगा.
'मजदूरों की बढ़ी परेशानी'
पत्र में आगे लिखा है कि किसानों को इस विषय की जानकारी देने को कहा गया है. कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन के कारण किसानों का कृषि कार्य प्रभावित हैं. इसके अलावा उनकी कोई अतिरिक्त आमदनी भी नहीं है. मजदूरी के अभाव में खेतिहर मजदूर भी परेशान हैं. यदि इस साल खरीफ फसल में उत्तर कोयल नहर से सिंचाई हेतु पानी नहीं मिला तो किसान बर्बाद हो जाएंगे. नहर का जीर्णोधार कार्य विलंब से चल रहा है.
सांसद ने दी जानकारी
इस पूरे मामले में सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि कंक्रीट कार्य से कोई परेशानी नहीं होती. मंत्री की ओर से पहले तय कार्यक्रम के अनुसार परिवर्तन करने का सुझाव देते हुए मांग की गई थी. जिसके कारण दोबारा प्राक्कलन तैयार करने हेतु मापी आदि का कार्य शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि इसके कारण समय बर्बाद हुआ और मुख्य नहर के बिहार के भाग में जीर्णोद्धार की निविदा नहीं निकल सकी. हालांकि सिंचाई जल से खेत में ही पानी जाता और उससे भूजल रिचार्ज होता है.
'व्यक्तिगत प्रयास करने की है जरूरत'
सांसद ने आगे कहा कि विषम परिस्थिति में व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है. केवल किसानों को पानी नहीं मिलने की जानकारी देने से समस्या का निराकरण नहीं होगा. बल्कि इसके लिए कोई ठोस उपाय करना होगा. उन्होंने कहा कि नहर के अधिकतम 211 आरडी तक पानी पहुंच सका था. वर्तमान स्थिति के अनुसार निर्धारित समय 31 दिसंबर 2020 तक इस काम को पूरा कर पाना संभव नहीं है. सांसद सुशील सिंह ने कहा कि किसानों और स्थानीय प्रशासन को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया जाए कि खरीफ फसल की सिंचाई के लिए पानी नहीं उपलब्ध होगा.