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एनपीजीसी से अब बिहार को मिलेगी 1120 मेगावाट बिजली

एनपीजीसी की सुपर थर्मल पावर परियोजना की तीसरी इकाई से अगले छह माह के भीतर बिजली का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा. इकाई के सिंक्रोनाइजेशन का काम 28 मार्च को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.

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Published : Apr 2, 2021, 10:36 PM IST

औरंगाबाद: देश की प्रमुख ऊर्जा उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई नवीनगर पावर जनरेटिग कंपनी (एनपीजीसी) की औरंगाबाद जिले में स्थापित सुपर थर्मल पावर परियोजना से इस माह से बिहार को 1120 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी.

इसे भी पढ़ें: बिहार में एक अप्रैल से बिजली की नई दर, लगेगा करंट का 'झटका'

एनपीजीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि परियोजना की दूसरी इकाई से इसी माह से 660 मेगावाट बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा. इस परियोजना की 660 मेगावाट की एक इकाई से वर्ष 2019 से ही वाणिज्यिक उत्पादन हो रहा है.

85 फीसद हिस्‍सा बिहार को, 10 प्रतिशत यूपी को
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि इस बिजली परियोजना से उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत हिस्सा बिहार को जाता है, वहीं 10 प्रतिशत उत्तर प्रदेश को, चार प्रतिशत झारखंड को और एक प्रतिशत सिक्किम को मिलता है.

इसे भी पढ़ें: बिहार में अब नहीं होगी बिजली की चोरी, प्रीपेड मीटर का रिचार्ज खत्म होते ही कट हो जाएगा पावर

इस तरह से 660 मेगावाट की एक इकाई से बिहार को 560 मेगावाट बिजली मिलती है. पहली इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करते ही बिहार को 560 मेगावाट विद्युत आपूर्ति शुरू हो गई थी, जो अब बढ़कर लगभग दोगुनी यानी 1120 मेगावाट हो जाएगी.

औरंगाबाद: देश की प्रमुख ऊर्जा उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई नवीनगर पावर जनरेटिग कंपनी (एनपीजीसी) की औरंगाबाद जिले में स्थापित सुपर थर्मल पावर परियोजना से इस माह से बिहार को 1120 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी.

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एनपीजीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि परियोजना की दूसरी इकाई से इसी माह से 660 मेगावाट बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा. इस परियोजना की 660 मेगावाट की एक इकाई से वर्ष 2019 से ही वाणिज्यिक उत्पादन हो रहा है.

85 फीसद हिस्‍सा बिहार को, 10 प्रतिशत यूपी को
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि इस बिजली परियोजना से उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत हिस्सा बिहार को जाता है, वहीं 10 प्रतिशत उत्तर प्रदेश को, चार प्रतिशत झारखंड को और एक प्रतिशत सिक्किम को मिलता है.

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इस तरह से 660 मेगावाट की एक इकाई से बिहार को 560 मेगावाट बिजली मिलती है. पहली इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करते ही बिहार को 560 मेगावाट विद्युत आपूर्ति शुरू हो गई थी, जो अब बढ़कर लगभग दोगुनी यानी 1120 मेगावाट हो जाएगी.

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