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औरंगाबादः 'जल जीवन हरियाली' अभियान में अनियमितता, शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं - aurangabad news in hindi

कुटुंबा प्रखंड में 63 लाख की लागत से एक पोखर की उड़ाही की गई. नियम के अनुसार 5 फीट तक इसकी खुदाई करनी थी, लेकिन एक से डेड़ फीट ही खुदाई की गई. मामले में अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है.

औरंगाबाद
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Published : Aug 13, 2020, 1:39 PM IST

औरंगाबाद(कुटुंबा): जिले में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जल संचयन के लिए तालाबों की खुदाई और उड़ाही का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन लगातार अनियमितता के आरोप लग रहे हैं. ताजा मामला कुटुंबा प्रखंड के गेवास बिगहा गांव के खैरी पोखर से जुड़ा है. जिसकी उड़ाही में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं.

कार्य में अनियमितता का आरोप
जिला मत्स्य विभाग की ओर से इस पोखर की निलामी मछली पालन के लिए हुई है. जिसके बाद 63 लाख रुपए की लगात से इसकी उड़ाही होनी थी, लेकिन इसमें घोर अनियमितता के आरोप लग रहे हैं.

यह योजना लघु सिंचाई योजना के जल जीवन हरियाली अभियान के तहत शुरू किया गया था. इसमें पोखर को 5 फीट तक गहरा करना था, लेकिन एक से डेढ़ फीट ही खुदाई की गई है.

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
स्थानीय अमित कुमार सिंह मछली पालन के लिए इस पैखर को सरकार से लीज पर लिया है. उसका कहना है कि उड़ाही के नाम पर मात्र एक से डेढ़ फीट खुदाई की गई है. ऐसे में मछली पालन कैसे होगा. जबकि नियम के अनुसार 5 फीट उड़ाही होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की गई, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

औरंगाबाद
योजना का बोर्ड

जांच की मांग
अमित कुमार सिंह ने बताया कि जिले में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत आहर, पोखर, पइन और तालाबों की खुदाई का कार्य किया गया है. लेकिन इन कार्यों की जांच की जरूरत है.

औरंगाबाद(कुटुंबा): जिले में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जल संचयन के लिए तालाबों की खुदाई और उड़ाही का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन लगातार अनियमितता के आरोप लग रहे हैं. ताजा मामला कुटुंबा प्रखंड के गेवास बिगहा गांव के खैरी पोखर से जुड़ा है. जिसकी उड़ाही में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं.

कार्य में अनियमितता का आरोप
जिला मत्स्य विभाग की ओर से इस पोखर की निलामी मछली पालन के लिए हुई है. जिसके बाद 63 लाख रुपए की लगात से इसकी उड़ाही होनी थी, लेकिन इसमें घोर अनियमितता के आरोप लग रहे हैं.

यह योजना लघु सिंचाई योजना के जल जीवन हरियाली अभियान के तहत शुरू किया गया था. इसमें पोखर को 5 फीट तक गहरा करना था, लेकिन एक से डेढ़ फीट ही खुदाई की गई है.

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
स्थानीय अमित कुमार सिंह मछली पालन के लिए इस पैखर को सरकार से लीज पर लिया है. उसका कहना है कि उड़ाही के नाम पर मात्र एक से डेढ़ फीट खुदाई की गई है. ऐसे में मछली पालन कैसे होगा. जबकि नियम के अनुसार 5 फीट उड़ाही होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की गई, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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योजना का बोर्ड

जांच की मांग
अमित कुमार सिंह ने बताया कि जिले में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत आहर, पोखर, पइन और तालाबों की खुदाई का कार्य किया गया है. लेकिन इन कार्यों की जांच की जरूरत है.

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