औरंगाबाद: साइकिल चलाकर गुरुग्राम से दरभंगा पहुंची ज्योति की खबर पूरी दुनिया के सुर्खियों में है. ऐसा ही एक पिता- पुत्र हरियाणा के पलवल से जमशेदपुर के लिए साइकिल से निकले हैं. औरंगाबाद पहुंचे ये पिता- पुत्र ने अपनी दास्तां सुनाई.
दूसरे प्रदेशों से प्रवासी मजदूर जैसे- तैसे अपने गृह जिला पहुंच रहे हैं. ऐसे ही सुधीर ठाकुर नाम का एक प्रवासी मजदूर और उसका पुत्र बिटू कुमार हरियाणा के पलवल से जमशेदपुर के लिए साइकिल से ही निकल गए हैं. 11 सौ किलोमीटर की यात्रा तय कर औरंगाबाद के एनएच 2 पर मदनपुर पहुंचे. यहां दोनों ने काइजर स्कूल में बने प्रखंड स्तरीय क्वारंटीन सेंटर में भोजन किया. इसके बाद दोनों की मदनपुर स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराई गई.
'नहीं मिलने पर भूखे ही रहते हैं'
सुधीर ठाकुर और उनका बेटा बिट्टू कुमार बताते हैं कि वे लोग 42 सौ रुपये में साइकिल खरीद कर जरूरी सामान के साथ हरियाणा के पलवल से जमशेदपुर के लिए साइकिल से ही निकल गए. 11 सौ किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं. लेकिन अभी 400 किमी तय करना बाकी है. उन्होंने बताया कि वे लोग अब थक चुके हैं. साइकिल चलाने की इच्छा नहीं होती है. लेकिन दूसरा कोई उपाय नहीं है. रात में किसी तरह बारी-बारी से साइकिल चलाते हैं. खाना के संबंध में उन लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से लगातार सफर पर हैं. जब कोई कुछ खाने को दे देता है, तो खा लेते हैं. नहीं मिलने पर भूखे ही रहते हैं.
मजदूरों के लिए लॉकडाउन बनी मुसीबत
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन है. लॉकडाउन से गरीब और मजदूरों के लिए खाने की समस्या खड़ी हो गई. इससे बचने के लिए प्रवासी मजदूर पैदल सहित किसी भी साधन से घर के लिए निकल रहे हैं. वहीं, अब सरकार प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए स्पेशल ट्रेन भी चला रही है.