औरंगाबाद: केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल पर शुरू किए गए कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा रहा है. 16 जनवरी से शुरू हुए अभियान में अबतक कई लोग वैक्सीन ले चुके हैं. जिनमें जिले के कई नामी डॉक्टर्स और स्वास्थ्य समिति के अधिकारी भी शामिल हैं. इस टीकाकरण अभियान में सिविल सर्जन डाॅ. अकरम अली और जिला कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ. कुमार मनोज समेत लगभग 5 हजार स्वास्थ्य कर्मियों का वैक्सीनेशन हो गया है.
'मेरी उम्र लगभग 66 वर्ष है और मुझे डायबिटीज भी है लेकिन टीकाकरण के उपरांत मेरे द्वारा किसी प्रकार का दुष्प्रभाव महसूस नहीं किया गया. प्रारंभ में कुछ भ्रांतियों की वजह से स्वास्थ्य कर्मी भी टीका लेने से कतरा रहे थे लेकिन अब सामान्य रूप से टीकाकरण कराने के लिए आ रहे हैं.'- डॉ. अकरम अली, सिविल सर्जन
'वैक्सीन पूरी तहर है सुरक्षित'
'यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और देशी है. इस वैक्सीन से शरीर में कोविड-19 के विरूद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने के अनुसंधान किये जा चुके हैं. सुरक्षा और प्रभाव के आकड़ों की जांच के आधार पर देश के नियामक निकायों द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है. इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि अब तक जिन लोगों द्वारा वैक्सीन लिया गया है, उनमें से किसी को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई है.'- डॉ. अकरम अली, सिविल सर्जन
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नियमों का हो रहा है पालन
'वैक्सीन लेने के क्रम में सूई की चुभन के अतिरिक्त किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है. सत्र स्थल पर सुरक्षात्मक उपाय और सावधानियां बरती जा रही है और वैक्सीन के भंडारन एवं परिवहन के क्रम में नियामक नियमों का पूर्णतः पालन किया जा रहा है. ऐसे में टीका और टीकाकरण की प्रक्रिया विश्वसनीय है.'- डॉ. अकरम अली, सिविल सर्जन
टीकाकरण की प्रक्रिया को सुरक्षित और विश्वसनीय कोरोना का टीका स्वैच्छिक रूप से लिया जाना है लेकिन देश और समाज में रह रहे लोगों के शरीर में कोरोना के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कराने हेतु अभियान की तरह टीकाकरण कराया जा रहा है जो संपूर्ण मानवता के लिए अतिआवश्यक है.