आरा: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा तीसरे मोर्चे के साथ बिहार की राजनीति में सक्रिय होना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने 'बदलो बिहार-बनाओ बेहतर बिहार' कार्यक्रम की शुरूआत की है. इस कार्यक्रम के तहत यशवंत सिन्हा बिहार के लोगों के मन को टटोलने निकले है. रविवार को 'बदलो बिहार बनाओ बेहतर बिहार' मुहिम के तहत वे आरा पहुंचे.
आरा की सड़कों पर हर वर्ष करोड़ों खर्च होते हैं पर हालात यह कि कई सड़कें वजूद तलाशती बेहतरी से दूर हैं. ऐसे में आरा पहुंचते ही यशवंत सिन्हा गाड़ी हिचकोले खाने लगी. लगे हाथ मौका मिला, तो सड़क की तस्वीरों को उन्होंने कैमरे में कैद कर लिया और ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'अपने बिहार दौरे में आरा बाजार पहुंचा, तो कुर्सी कुमार के विकास को करीब से देखने का मौका मिला. इन खुशनुमा सड़कों पर कभी तो आओ बाबू जी, इस तरफ भी बिहार की जनता ही रहती है.'
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अपने बिहार दौरे में आरा बाज़ार पहुंचा तो कुर्सी कुमार के विकास को करीब से देखने का मौका मिला। इन खुशनुमा सड़कों पर कभी तो आओ बाबू जी, इस तरफ़ भी बिहार की जनता ही रहती है। pic.twitter.com/02BWIsbbcw
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— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) August 10, 2020अपने बिहार दौरे में आरा बाज़ार पहुंचा तो कुर्सी कुमार के विकास को करीब से देखने का मौका मिला। इन खुशनुमा सड़कों पर कभी तो आओ बाबू जी, इस तरफ़ भी बिहार की जनता ही रहती है। pic.twitter.com/02BWIsbbcw
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) August 10, 2020
बिहार में तीसरा मोर्चा
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा बिहार विधान सभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने की तैयारी में जुटे हैं. अब यशवंत सिन्हा युनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस का गठन कर बिहार के सभी छोटे बड़े दलों को मिलाकर एक नया दल बनाने जा रहे हैं. उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और यूपीए दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी.
माना जा रहा हैं कि यशवंत सिन्हा बिहार की राजनीति में पहले यह आंकना चाहते हैं कि कौन-कौन से लोग उनके साथ आ सकते हैं. अभी तक किसी राजनीतिक दल ने औपचारिक रूप से उन्हें संपर्क नहीं किया हैं.
बिहार में कोरोना और बाढ़
बिहार इन दिनों दोहरी मार झेल रहा है. एक तरफ कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ बाढ़ ने नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इन दोनों परिस्थितियों के बीच इसी साल राज्य में चुनाव भी होने हैं. जिससे सरकार के ऊपर चौतरफा दबाव आ गया है. वहीं विपक्ष लगातार दोनों मुद्दों और चुनाव टालने को लेकर सरकार पर हमलावर है.