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मजदूर की बेटी बनेगी जज, बिहार न्यायिक परीक्षा में लायी 14वीं रैंक

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Published : Dec 4, 2019, 10:45 PM IST

भोजपुर की बेटी की सफलता के बाद जैसे ही ईटीवी भारत उनके पैतृक आवास पहुंचा. उनके बड़े पापा दसई प्रसाद बेहद खुश दिखाई दिए. सुनीता के बड़े पापा ने बताया कि वो बचपन से ही मेधावी छात्रा रही है.

डिजाइन इमेज
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भोजपुर: 'जरूरी नहीं रौशनी चिरागों से ही हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं.' इस शानदार लाइन को चरितार्थ कर दिखाया है भोजपुर के शाहपुर प्रखंड के भरौली गांव की रहने वाली सुनीता कुमारी ने. सुनिता ने बिहार न्यायिक सेवा परिषद में 14वां रैंक प्राप्त करने में सफलता हासिल की है.

सुनीता के पिता अजय प्रसाद एक मजदूर हैं, जो दिल्ली में रहकर किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. वहीं माता राजकुमारी गृहणी हैं. सुनिता की सफलता के बाद परिवार के साथ-साथ आसपड़ोस में भी खुशी की लहर है. आज एक बेटी ने सभी का दिल जीत लिया है.

सपनों को लगे पंख
सपनों को लगे पंख (फाइल फोटो)

भरौली हाई स्कूल से पास की मैट्रिक
सुनिता ने भरौली हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की है. इसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा कोलकाता एवं स्नातक की परीक्षा दिल्ली से पास की. सुनीता ने एलएलबी और एलएलएम की परीक्षा कोलकाता के मौसमी कॉलेज से पास की थी. इसके बाद न्यायिक सेवा की तैयारी में जुट गई थी. इसके बाद अब उन्हें सफलता मिली है.

क्या बोले सुनीता के बड़े पापा

'शब्दों में बयां नहीं की जा सकती खुशी'
भोजपुर की बेटी की सफलता के बाद जैसे ही ईटीवी भारत उनके पैतृक आवास पहुंचा. उनके बड़े पापा दसई प्रसाद बेहद खुश दिखाई दिए. सुनीता के बड़े पापा ने बताया कि वो बचपन से ही मेधावी छात्रा रही है. सभी बड़े खुश हैं. दसई प्रसाद ने बताया कि सुनीता कोचिंग ट्यूशन पढ़ाकर अपनी तैयारी भी पूरी करती थी. आज सुनीता ने परिवार के साथ-साथ जिले का मान बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि वो इतने खुश हैं कि अपनी खुशी को शब्दों मे बयां नहीं कर सकते.

भोजपुर: 'जरूरी नहीं रौशनी चिरागों से ही हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं.' इस शानदार लाइन को चरितार्थ कर दिखाया है भोजपुर के शाहपुर प्रखंड के भरौली गांव की रहने वाली सुनीता कुमारी ने. सुनिता ने बिहार न्यायिक सेवा परिषद में 14वां रैंक प्राप्त करने में सफलता हासिल की है.

सुनीता के पिता अजय प्रसाद एक मजदूर हैं, जो दिल्ली में रहकर किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. वहीं माता राजकुमारी गृहणी हैं. सुनिता की सफलता के बाद परिवार के साथ-साथ आसपड़ोस में भी खुशी की लहर है. आज एक बेटी ने सभी का दिल जीत लिया है.

सपनों को लगे पंख
सपनों को लगे पंख (फाइल फोटो)

भरौली हाई स्कूल से पास की मैट्रिक
सुनिता ने भरौली हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की है. इसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा कोलकाता एवं स्नातक की परीक्षा दिल्ली से पास की. सुनीता ने एलएलबी और एलएलएम की परीक्षा कोलकाता के मौसमी कॉलेज से पास की थी. इसके बाद न्यायिक सेवा की तैयारी में जुट गई थी. इसके बाद अब उन्हें सफलता मिली है.

क्या बोले सुनीता के बड़े पापा

'शब्दों में बयां नहीं की जा सकती खुशी'
भोजपुर की बेटी की सफलता के बाद जैसे ही ईटीवी भारत उनके पैतृक आवास पहुंचा. उनके बड़े पापा दसई प्रसाद बेहद खुश दिखाई दिए. सुनीता के बड़े पापा ने बताया कि वो बचपन से ही मेधावी छात्रा रही है. सभी बड़े खुश हैं. दसई प्रसाद ने बताया कि सुनीता कोचिंग ट्यूशन पढ़ाकर अपनी तैयारी भी पूरी करती थी. आज सुनीता ने परिवार के साथ-साथ जिले का मान बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि वो इतने खुश हैं कि अपनी खुशी को शब्दों मे बयां नहीं कर सकते.

Intro:भोजपुर की बेटी ने किया न्यायिक सेवा परिषद में 14 वां रैंक हासिल

भोजपुर।

भोजपुर की बेटी ने बिहार न्यायिक सेवा परिषद में 14 वां रैंक लाकर भोजपुर के साथ-साथ बिहार का भी नाम रोशन किया है. जिले के शाहपुर प्रखंड के भारौली गांव की रहने वाली सुनीता कुमारी ने न्यायिक सेवा परिषद में 14 वां रैंक प्राप्त किया है. सुनीता के बड़े पिताजी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी घर की बेटी शुरू से ही मेघावी छात्रा रही है. सुनीता की प्रारंभिक शिक्षा शाहपुर के भरौली से ही पूरी हुई थी.


Body:मैट्रिक के परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सुनीता 12वीं की पढ़ाई के लिए कोलकाता चली गई.वही स्नातक की पढ़ाई के लिए सुनीता ने फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी का रुख किया.पुनः सुनीता एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई के लिए कोलकाता गई. सुनीता कोलकाता में पीजी में रहकर न्यायिक सेवा परिषद की
तैयारी में जुट गई वहीं वह समय-समय पर वो बच्चों को ट्यूशन भी देने लगी.वही उनकी मौसी की बेटी से प्रेरणा मिली और पहली बार मे ही सुनीता कुमारी ने बिहार न्यायिक सेवा परिषद की परीक्षा पास की. सुनीता के पिताजी अजय प्रसाद दिल्ली में दिहाड़ी मजदूर काम करते हैं वही उनकी माता राजकुमारी देवी गृहणी हैं. तीन भाइयों में सुनीता तीसरे नंबर पर थी. जहां बड़ा भाई दीपक कुमार मुंबई में छोटा कलाकार है तो वही मंझिला भाई सुनील कुमार कोलकाता के कालीघाट क्लब के तरफ से क्रिकेट खेलता है. वही सुनीता का छोटा भाई अपने मां पिताजी के साथ दिल्ली में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. 26 वर्ष की उम्र में सुनीता ने न्यायिक सेवा परिषद में 14 वां रैंक लाकर भोजपुर का नाम रोशन किया है जिससे जिले के साथ-साथ गांव में खुशी की लहर दौड़ उठी है वही गाँव मे हर कोई सुनीता की बड़ाई करते नहीं थक रहा.

बाइट-दसई प्रसाद(बड़े पापा)


Conclusion:
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