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भोजपुर: महीनों से बंद पड़ा है उपस्वास्थ्य केंद्र, मरीजों को इलाज कराने में हो रही परेशानी

भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड के कई पंचायतों (Panchayat of Koilwar Block) में उपस्वास्थ्य केंद्र (Sub Health Center) महीनों से बंद पड़ा है. जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है. बच्चों को टीका दी जाती है तो स्वास्थ्यकर्मी आते हैं. उसके बाद कई सप्ताह तक उपस्वास्थ्य केंद्र बंद रहता है.

महीनों से बंद पड़ा है उपस्वास्थ्य केंद्र
महीनों से बंद पड़ा है उपस्वास्थ्य केंद्र
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Published : Jun 20, 2021, 11:57 AM IST

भोजपुर: बिहार सरकार (Bihar Government) जहां ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ संबंधित सुविधाएं (Health Care Facilities) पहुंचाने का दावा कर रही है. जिसके तहत हर पंचायत में उपस्वास्थ्य केंद्र (Sub-Health-Center) भी खोले गए हैं. लेकिन कोईलवर प्रखंड के कई पंचायतों के स्वास्थ्य केंद्र की हालत खराब है. जिससे लोगों को इलाज कराने शहर जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- प्रसव के बाद ANM मांगती थी पैसे, अब देना होगा स्पष्टीकरण

उपस्वास्थ्य केंद्र अक्सर रहता है बंद
अमूमन लगभग सभी पंचायतों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई है. कुल्हड़िया पंचायत, राजापुर, मानिकपुर के उप स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बदतर है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जब बच्चों को टीका दी जाती है तो स्वास्थ्यकर्मी आते हैं. उसके बाद कई सप्ताह तक उपस्वास्थ्य केंद्र बंद रहता है. वहीं कोरोना जैसे विपदा के समय में भी ये उपस्वास्थ्य केंद्र अक्सर बंद ही रहे. जिस कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें वीडियो

वहीं मानिकपुर उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर होने के कारण पास के एक सरकारी विद्यालय में कई सालों से उपस्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है. सरकार भले ही अस्पतालों को हाईटेक बनाने की दावा करती हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. ताजा मामला जिले के कोईलवर प्रखंड के कुल्हड़िया गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र का है. जहां कोरोना जैसे महामारी में भी यह उपस्वास्थ्य केंद्र कई महीनों से बंद पड़ा था.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: SDO ने मोतीपुर और कांटी PHC का किया औचक निरीक्षण

उपस्वास्थ्य केंद्र के बारे में लोगों जानते ही नहीं
आलम यह है कि गांव के अधिकांश लोगों को पता भी नहीं है कि कुल्हड़िया गांव में कोई उपस्वास्थ्य केंद्र ( Sub Health Center ) भी है. उपस्वास्थ्य केंद्र के आसपास के रहने वाले लोगों ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र को हमलोगों ने कभी खुलता देखा ही नहीं, महीनों से अस्पताल बंद रहने के कारण हमलोग निजी अस्पताल की तरफ रुख करते आ रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र एक निजी भवन में संचालित होता है, जिससे भवन पर पेड़ और झाड़ उग आए हैं और भवन भी जर्जर हो चला है.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुरः वैक्सीनेशन सेंटर बंदरा पीएचसी पर गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां, संक्रमण फैलन का खतरा

चिकित्सा पदाधिकारी ने दी सफाई
स्थानीय निवासी अमरेश सिंह ने बताया कि डेढ़ महीने से उप स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इसे कभी खुलता नहीं देखा. उनके पुत्र का तबीयत खराब था, जिसे पीएचसी कोईलवर ले जाकर इलाज करवाया गया.

'उप स्वास्थ्य केंद्र कुल्हड़िया में 2 एएनएम विभा कुमारी सिन्हा और सविता कुमारी की ड्यूटी है. लेकिन कोरोना को लेकर उनकी ड्यूटी जांच व वैक्सीनेशन सेंटर पर लगाई गई थी, जिस कारण स्वास्थ्य केंद्र बंद था. अब उपस्वास्थ केंद्र को सुचारु रुप से शुरू करवाया जाएगा.' : डॉ० नवीन कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, कोईलवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

भोजपुर: बिहार सरकार (Bihar Government) जहां ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ संबंधित सुविधाएं (Health Care Facilities) पहुंचाने का दावा कर रही है. जिसके तहत हर पंचायत में उपस्वास्थ्य केंद्र (Sub-Health-Center) भी खोले गए हैं. लेकिन कोईलवर प्रखंड के कई पंचायतों के स्वास्थ्य केंद्र की हालत खराब है. जिससे लोगों को इलाज कराने शहर जाना पड़ता है.

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उपस्वास्थ्य केंद्र अक्सर रहता है बंद
अमूमन लगभग सभी पंचायतों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई है. कुल्हड़िया पंचायत, राजापुर, मानिकपुर के उप स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बदतर है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जब बच्चों को टीका दी जाती है तो स्वास्थ्यकर्मी आते हैं. उसके बाद कई सप्ताह तक उपस्वास्थ्य केंद्र बंद रहता है. वहीं कोरोना जैसे विपदा के समय में भी ये उपस्वास्थ्य केंद्र अक्सर बंद ही रहे. जिस कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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वहीं मानिकपुर उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर होने के कारण पास के एक सरकारी विद्यालय में कई सालों से उपस्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है. सरकार भले ही अस्पतालों को हाईटेक बनाने की दावा करती हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. ताजा मामला जिले के कोईलवर प्रखंड के कुल्हड़िया गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र का है. जहां कोरोना जैसे महामारी में भी यह उपस्वास्थ्य केंद्र कई महीनों से बंद पड़ा था.

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उपस्वास्थ्य केंद्र के बारे में लोगों जानते ही नहीं
आलम यह है कि गांव के अधिकांश लोगों को पता भी नहीं है कि कुल्हड़िया गांव में कोई उपस्वास्थ्य केंद्र ( Sub Health Center ) भी है. उपस्वास्थ्य केंद्र के आसपास के रहने वाले लोगों ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र को हमलोगों ने कभी खुलता देखा ही नहीं, महीनों से अस्पताल बंद रहने के कारण हमलोग निजी अस्पताल की तरफ रुख करते आ रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र एक निजी भवन में संचालित होता है, जिससे भवन पर पेड़ और झाड़ उग आए हैं और भवन भी जर्जर हो चला है.

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चिकित्सा पदाधिकारी ने दी सफाई
स्थानीय निवासी अमरेश सिंह ने बताया कि डेढ़ महीने से उप स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इसे कभी खुलता नहीं देखा. उनके पुत्र का तबीयत खराब था, जिसे पीएचसी कोईलवर ले जाकर इलाज करवाया गया.

'उप स्वास्थ्य केंद्र कुल्हड़िया में 2 एएनएम विभा कुमारी सिन्हा और सविता कुमारी की ड्यूटी है. लेकिन कोरोना को लेकर उनकी ड्यूटी जांच व वैक्सीनेशन सेंटर पर लगाई गई थी, जिस कारण स्वास्थ्य केंद्र बंद था. अब उपस्वास्थ केंद्र को सुचारु रुप से शुरू करवाया जाएगा.' : डॉ० नवीन कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, कोईलवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

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