ETV Bharat / state

17 दिन पहले पिता बने थे शहीद कुंदन, पत्नी से किया था वादा- घर लौटकर लूंगा बेटी को गोद

भारत और चीन के बीच हुए हिंसक झड़प में अब तक बिहार के पांच जवान शहीद हो चुके हैं. इस खबर से पूरे राज्य में गमगीन माहौल है.

bhojpur
bhojpur
author img

By

Published : Jun 17, 2020, 7:24 PM IST

भोजपुर: भारत और चीनी सेनाओं के बीच हुए हिंसक झड़प में बिहार का एक और लाल कुंदन कुमार ओझा शहीद हो गये हैं. जवान की शहादत की खबर मिलते ही उनके पिता रविशंकर ओझा बदहवास हो गए और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद कुंदन कुमार जिले के बहोरनपुर ओपी के पहरपुर के रहने वाले थे. इस खबर के बाद से पूरे गांव में मातम पसर गया है.

शहीद कुंदन कुमार ओझा के परिवार में उनके माता, पिता, पत्नी और उनकी 17 दिन की बेटी है. कुंदन ने अपनी पत्नी नेहा को वादा किया था कि वे उसे देखने जरूर आएंगे. लेकिन धरती की रक्षा के लिए उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी. कुंदन ने अपनी 17 दिन की बेटी को कभी करीब से नहीं देखा था, वे हमेशा उसे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से देखा करते थे. अपनी बेटी को गोद में लेने की हसरत अब कभी पूरी नहीं हो सकेगी. शहीद कुंदन कुमार ओझा की शहादत पर उनकी 17 दिन की पुत्री को भी गर्व होगा.

bhojpur
गांव वालों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

6 महीने पहले कुंदन आए थे गांव
बता दें कि दो साल पहले 18 फरवरी 2018 को शहीद जवान कुंदन कुमार ओझा की शादी भागलपुर के सुल्तानगंज प्रखंड अंतर्गत मिरहट्टी निवासी संजय दुबे की बेटी नेहा से हुई थी. संजय दूबे को अपने दामाद कुंदन ओझा पर काफी गर्व था. उन्होंने बताया कि 6 महीने पहले ही कुंदन अपने गांव आया था. उस वक्त सभी लोग बहुत खुश थे. लेकिन आज उसकी मौत की खबर ने सभी को झकझोर दिया है.

गांव वालों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
वहीं, शहीद जवान कुंदन ओझा के गांव वाले इस शहादत पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं. साथ ही भारत सरकार से उन्होंने चीन और उनके सैनिकों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. देश के लिए वीरगति को प्राप्त होने वाले अपने प्यारे लाडले को खोने का गम गांव वालों की आंखों में साफ दिखाई दे रहा था. गांव वालों का सिना एक तरफ गर्व से चौड़ा है तो दूसरी ओर चीन की कायराना हरकत से उनका गुस्सा उबाल मार रहा है. गांव वालों ने शहीद कुंदन ओझा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में नारे भी लगाए.

शहादत की खबर के बात गांव में गम का माहौल

शहीद कुंदन कुमार ओझा का पूरा परिवार झारखंड के साहेबगंज जिला अन्तर्गत डीहारी गांव में रहता है. जहां कुंदन ओझा के माता-पिता और 17 दिन पहले हुई पुत्री के साथ उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य रहते है. कुंदन ओझा 2011 में बिहार रेजमेंट में बहाल हुए थे.

20 जवान शहीद
गौरतलब है कि चाईना बॉर्डर के गलवान घाटी में मंगलवार को अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं. ये सभी बिहार रेजिमेंट के जवान बताए जा रहे हैं. इस हमले में 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर और 19 अन्य जवानों के शहीद होने की खबर आई है. वहींं, 11 जवानों के घायल होने की भी सेना मुख्यालय ने पुष्टि की है. इसमें दर्जनों चीनी अधिकारी और सिपाहियों के भी मृत्यु और घायल होने की खबर है.

चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प
चीन के साथ भारत की ये हिंसक झड़प लद्दाख की गलवान वैली में हुई है. ये वही गलवन वैली है जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी. भारतीय सेना ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है.

संघर्ष हुआ बंद
सेना का कहना है कि इस संघर्ष में 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे और शून्य से कम तापमान वाले ऊंचाई पर स्थित गलवान इलाके में उनकी मौत हो गई. सेना ने मंगलवार रात अपने आधिकारिक बयान में कहा कि गलवान इलाके में अब भारतीय और चीनी दोनों ही देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष बंद हो गया है.

भोजपुर: भारत और चीनी सेनाओं के बीच हुए हिंसक झड़प में बिहार का एक और लाल कुंदन कुमार ओझा शहीद हो गये हैं. जवान की शहादत की खबर मिलते ही उनके पिता रविशंकर ओझा बदहवास हो गए और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद कुंदन कुमार जिले के बहोरनपुर ओपी के पहरपुर के रहने वाले थे. इस खबर के बाद से पूरे गांव में मातम पसर गया है.

शहीद कुंदन कुमार ओझा के परिवार में उनके माता, पिता, पत्नी और उनकी 17 दिन की बेटी है. कुंदन ने अपनी पत्नी नेहा को वादा किया था कि वे उसे देखने जरूर आएंगे. लेकिन धरती की रक्षा के लिए उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी. कुंदन ने अपनी 17 दिन की बेटी को कभी करीब से नहीं देखा था, वे हमेशा उसे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से देखा करते थे. अपनी बेटी को गोद में लेने की हसरत अब कभी पूरी नहीं हो सकेगी. शहीद कुंदन कुमार ओझा की शहादत पर उनकी 17 दिन की पुत्री को भी गर्व होगा.

bhojpur
गांव वालों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

6 महीने पहले कुंदन आए थे गांव
बता दें कि दो साल पहले 18 फरवरी 2018 को शहीद जवान कुंदन कुमार ओझा की शादी भागलपुर के सुल्तानगंज प्रखंड अंतर्गत मिरहट्टी निवासी संजय दुबे की बेटी नेहा से हुई थी. संजय दूबे को अपने दामाद कुंदन ओझा पर काफी गर्व था. उन्होंने बताया कि 6 महीने पहले ही कुंदन अपने गांव आया था. उस वक्त सभी लोग बहुत खुश थे. लेकिन आज उसकी मौत की खबर ने सभी को झकझोर दिया है.

गांव वालों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
वहीं, शहीद जवान कुंदन ओझा के गांव वाले इस शहादत पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं. साथ ही भारत सरकार से उन्होंने चीन और उनके सैनिकों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. देश के लिए वीरगति को प्राप्त होने वाले अपने प्यारे लाडले को खोने का गम गांव वालों की आंखों में साफ दिखाई दे रहा था. गांव वालों का सिना एक तरफ गर्व से चौड़ा है तो दूसरी ओर चीन की कायराना हरकत से उनका गुस्सा उबाल मार रहा है. गांव वालों ने शहीद कुंदन ओझा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में नारे भी लगाए.

शहादत की खबर के बात गांव में गम का माहौल

शहीद कुंदन कुमार ओझा का पूरा परिवार झारखंड के साहेबगंज जिला अन्तर्गत डीहारी गांव में रहता है. जहां कुंदन ओझा के माता-पिता और 17 दिन पहले हुई पुत्री के साथ उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य रहते है. कुंदन ओझा 2011 में बिहार रेजमेंट में बहाल हुए थे.

20 जवान शहीद
गौरतलब है कि चाईना बॉर्डर के गलवान घाटी में मंगलवार को अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं. ये सभी बिहार रेजिमेंट के जवान बताए जा रहे हैं. इस हमले में 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर और 19 अन्य जवानों के शहीद होने की खबर आई है. वहींं, 11 जवानों के घायल होने की भी सेना मुख्यालय ने पुष्टि की है. इसमें दर्जनों चीनी अधिकारी और सिपाहियों के भी मृत्यु और घायल होने की खबर है.

चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प
चीन के साथ भारत की ये हिंसक झड़प लद्दाख की गलवान वैली में हुई है. ये वही गलवन वैली है जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी. भारतीय सेना ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है.

संघर्ष हुआ बंद
सेना का कहना है कि इस संघर्ष में 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे और शून्य से कम तापमान वाले ऊंचाई पर स्थित गलवान इलाके में उनकी मौत हो गई. सेना ने मंगलवार रात अपने आधिकारिक बयान में कहा कि गलवान इलाके में अब भारतीय और चीनी दोनों ही देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष बंद हो गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.