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कोईलवर स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव, यात्रियों को होती है परेशानी

रेलवे को प्रतिमाह लाखो रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है. बावजूद इसके स्टेशन की स्थिति दयनीय बनी हुई है.डाउन प्लेटफॉर्म पर पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है.

कोइलवर स्टेशन पर बुनियादी सुविधा को घोर अभाव
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Published : Oct 3, 2019, 7:27 AM IST

भोजपुरः दानापुर रेल मंडल भोजपुर क्षेत्र के कोईलवर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण यात्रियों को यहां काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. स्टेशन से रोजना दो से ढ़ाई हजार यात्री सफर करते हैं. बावजूद इसके स्टेशन पर न तो पर्याप्त यात्री सेड हैं, और ना ही पेयजल तथा शौचालय की समुचित व्यवस्था. स्टेशन पर पूछताछ काउंटर नहीं होने से यात्रियों को आवागमन करने वाली ट्रेनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती है. इससे यात्रियों और रेल कर्मी के बीच अक्सर तू-तू मैं-मैं होता रहता है.

स्टेशन की स्थिति दयनीय

कोईलवर स्टेशन से प्रतिदिन दो से ढ़ाई हजार यात्री सफर करते है. जिससे रेलवे को प्रतिमाह लाखों रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है. बावजूद इसके स्टेशन की स्थिति दयनीय बनी हुई है. दोनों प्लेटफॉर्म पर पानी पीने की व्यवस्था तक नहीं है. दोनों प्लेटफार्मो पर नलटैप तो लगाये गये हैं, लेकिन नल टैप की टोटियां खराब हो चुकी है. वहीं, स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज नहीं होने से यात्री जान को जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार कर दूसरे प्लेटफार्म पर आते-जाते हैं. वहीं, स्टेशन पर बने शौचालय पर ताला लगा रहता है.

पेश है रिपोर्ट

क्या है यात्रियों की मांग ?

यात्रियों ने स्टेशन पर पटना कुर्ला एक्सप्रेस, पटना-भभुआ इंटरसिटी, फरक्का एक्सप्रेस के ठहराव की मांग की है. साथ ही स्टेशन पर पूछताछ काउंटर, आरक्षण काउंटर, पेयजल, दोनों प्लेटफॉर्म पर यात्री शेड समेत फुटओवर ब्रिज के निर्माण की मांग की है. यात्री बताते हैं कि यात्री शेड अपर्याप्त है. इससे यात्रियों को धूप से बचने में परेशानी होती है.

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खराब पड़ी नल की टोटीयां

जानकारी के अनुसार स्थापना से लेकर अब तक कोईलवर स्टेशन को हाल्ट का दर्जा ही प्राप्त है. इसके कारण स्टेशन के लिये कोई ट्रैफिक कन्ट्रोल सिग्नल नहीं है. कोईलवर में स्टेशन मास्टर की जगह एक जी.ए.इंचार्ज की ड्यूटी लगती है. जो बुकिंग, पूछताछ समेत सारे कार्य करता है.

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शौचालय में लगा ताला

भोजपुरः दानापुर रेल मंडल भोजपुर क्षेत्र के कोईलवर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण यात्रियों को यहां काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. स्टेशन से रोजना दो से ढ़ाई हजार यात्री सफर करते हैं. बावजूद इसके स्टेशन पर न तो पर्याप्त यात्री सेड हैं, और ना ही पेयजल तथा शौचालय की समुचित व्यवस्था. स्टेशन पर पूछताछ काउंटर नहीं होने से यात्रियों को आवागमन करने वाली ट्रेनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती है. इससे यात्रियों और रेल कर्मी के बीच अक्सर तू-तू मैं-मैं होता रहता है.

स्टेशन की स्थिति दयनीय

कोईलवर स्टेशन से प्रतिदिन दो से ढ़ाई हजार यात्री सफर करते है. जिससे रेलवे को प्रतिमाह लाखों रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है. बावजूद इसके स्टेशन की स्थिति दयनीय बनी हुई है. दोनों प्लेटफॉर्म पर पानी पीने की व्यवस्था तक नहीं है. दोनों प्लेटफार्मो पर नलटैप तो लगाये गये हैं, लेकिन नल टैप की टोटियां खराब हो चुकी है. वहीं, स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज नहीं होने से यात्री जान को जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार कर दूसरे प्लेटफार्म पर आते-जाते हैं. वहीं, स्टेशन पर बने शौचालय पर ताला लगा रहता है.

पेश है रिपोर्ट

क्या है यात्रियों की मांग ?

यात्रियों ने स्टेशन पर पटना कुर्ला एक्सप्रेस, पटना-भभुआ इंटरसिटी, फरक्का एक्सप्रेस के ठहराव की मांग की है. साथ ही स्टेशन पर पूछताछ काउंटर, आरक्षण काउंटर, पेयजल, दोनों प्लेटफॉर्म पर यात्री शेड समेत फुटओवर ब्रिज के निर्माण की मांग की है. यात्री बताते हैं कि यात्री शेड अपर्याप्त है. इससे यात्रियों को धूप से बचने में परेशानी होती है.

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खराब पड़ी नल की टोटीयां

जानकारी के अनुसार स्थापना से लेकर अब तक कोईलवर स्टेशन को हाल्ट का दर्जा ही प्राप्त है. इसके कारण स्टेशन के लिये कोई ट्रैफिक कन्ट्रोल सिग्नल नहीं है. कोईलवर में स्टेशन मास्टर की जगह एक जी.ए.इंचार्ज की ड्यूटी लगती है. जो बुकिंग, पूछताछ समेत सारे कार्य करता है.

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शौचालय में लगा ताला
Intro:स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव : यात्री हलकान

भोजपुर
दानापुर रेल मंडल के हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर अवस्थित भोजपुर क्षेत्र अंतर्गत कोईलवर रेलवे स्टेशन के वजूद में आने के वर्षो बाद भी यात्रियों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा निर्मित अब्दुल बारी पुल कोइलवर के साथ ही वजूद में आये इस स्टेशन से रोजना दो से ढ़ाई हजार यात्री अपने गंतव्य स्थानों के लिये सफर करते हैं. लेकिन यात्री शेड, पेयजल, फुटओवर ब्रिज, पूछताछ काउंटर, शौचालय, आरक्षण काउटर की उपलब्धता से आज भी महरूम हैं. पूछताछ की काउंटर नहीं रहने से ट्रेनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है. जिससे यात्रियों व रेल कर्मी के बीच अक्सर तू-तू मैं-मैं होता रहता है. रेलवे के अधिकारियों व विभाग की बेरूखी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि आजादी की लडाई से लेकर अब तक कई उतार चढ़ाव व स्वर्णिम दौर देख चुके इस स्टेशन को पूर्ण स्टेशन का दर्जा तक प्राप्त नहीं है. अब तक इसे फलैग स्टेशन का तमगा मिला हुआ है. जिस कारण इस स्टेशन पर कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पाता. सबसे बड़ी समस्या रेलवे कर्मियों के साथ होती है. शौचालय के अभाव में रेलवे कर्मी खुले में शौच जाने को मजबुर है.Body:आमदनी के अनुरूप नहीं मिलती सुविधाएं

कोईलवर स्टेशन से प्रतिदिन दो से ढ़ाई हजार यात्री सफर करते है. जिससे रेलवे को प्रतिमाह लाखो रूपये राजस्व की प्राप्ति होती है. बावजूद डाउन प्लेटफॉर्म पर चापाकल नहीं है. दोनों प्लेटफार्मो पर नलटैप लगाये गये हैं लेकिन टंकी टुट पलट गया है. स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज नहीं होने से यात्री जान जोखिम में डाल रेलवे ट्रैक पार कर दूसरे प्लेटफार्म पर आते जाते है. अप प्लेटफार्म पर द्वितीय क्लास प्रतिक्षालय है परन्तु अक्सर बंद रहता है. सफाई के अभाव में स्टेशन परिसर से लेकर बुकिंग कार्यालय के पास गंदगी का अंबार लगा रहता है.

क्या चाहिये यात्रियों को सुविधाएं

लोगों की माने तो पटना कुर्ला एक्सप्रेस, पटना-भभुआ ईंटरसिटी, फरक्का एक्सप्रेस का ठहराव, पूछताछ काउंटर, आरक्षण काउंटर, पेयजल, डाउन प्लेटफॉर्म पर यात्री शेड समेत फुटओवर ब्रिज का निर्माण की मांग कई वर्षो से की जा रही है.

क्यों चाहिये यात्रीयों को सुविधाऐं-

बिहार का एकलौता मानसिक आरोग्यशा, सीआरपीएफ का हेड क्वार्टर, इंडियन ऑयल व हिन्दुस्तान पेट्रोलियम का एलपीजी बॉटलिंग प्लांट समेत ,बबुरा के समीप गंगा, सोन,सरयू का संगम स्थल, व छपरा से पटना पहुॅचने का निकटतम रेल मार्ग समेत सैंकड़ो की संख्या में कल कारखाने गीधा औधोगिक क्षेत्र में हैं. जहॉं के कर्मचारियों को सुविधाओं के अभाव में आरा या पटना का रूख करना पड़ता है.Conclusion:अब तक नहीं मिला है स्टेशन का दर्जा

जानकारी के अनुसार अपने स्थापना से लेकर अब तक कोईलवर स्टेशन को हाल्ट का दर्जा ही प्राप्त है. कारण स्टेशन के लिये कोई ट्रैफिक कन्ट्रोल सिग्नल नहीं है. कोईलवर में स्टेशन मास्टर की जगह एक जी.ए.इंचार्ज की ड्यूटी लगती है. जो बुकिंग, पूछताछ समेत सारे कार्य करते हैं.

बाइट :- रेलवे कर्मी व यात्री
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