आराः भोजपुर में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2021) उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. हजारों की संख्या में छठ वर्तियों ने विभिन्न घाटों और तलाबों पर हर्षोल्लास के साथ छठ महापर्व मनाया. इस दौरान लाखों की संख्या में छठ व्रतियों (Chhath Vratis) ने बुधवार को संध्या में डूबते सूर्य और गुरुवार की सुबह उगते सूर्य की अराधना की. काफी संख्या में लोगों ने अपने घरों पर ही भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.
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कोइलवर की सोन नदी के घाटों पर हजारों की संख्या में लोगों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. जहां एनडीआरएफ के अलावे जिला प्रशासन और बिहार पुलिस के जवानों को लगाया गया था. अहले सुबह से ही हजारों की संख्या में आये छठव्रती उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सोन नदी में भगवान भास्कर का इंतजार करते दिखे. जहां स्थानीय पूजा समितियों द्वारा छठ व्रतियों के लिए कच्चा दूध और चाय का इंतजाम किया गया था.
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले ही लोग अपने-अपने घरों से घाटों के लिए निकल पड़ते थे. जैसे ही सूर्य की किरणें उदित हुईं साड़ी और धोती पहने स्त्री–पुरुष भगवान सूर्य की अराधना में मंत्रोच्चार के साथ लीन हो गए.
बता दें कि इस महापर्व को कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद छठ व्रतियों ने काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया है. इस दौरान पूरे बिहार में लाखों की संख्या में छठ व्रतियों ने बुधवार को संध्या में डूबते सूर्य और गुरुवार की सुबह उगते सूर्य की अराधना की. छठ व्रतियों ने देश, समाज और परिवार के सुख-शांति और समृधि की कामना की. चार दिनों तक चलने वाले इस दौरान छठ के गीतों से पूरा बिहार छठमय हो गया. काफी संख्या में लोगों ने अपने घरों पर ही भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.
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