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भोजपुर: उपेक्षा का शिकार बाबू वीर कुंवर सिंह का ऐतिहासिक संग्रहालय, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

महानायक वीर कुंवर सिंह की स्मृति के लिए बनाया गया झांझरिया पोखरा आज अपनी उपेक्षा और बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है.

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Published : Nov 23, 2019, 12:29 PM IST

babu veer kunwar singh

भोजपुर: जिले के महानायक वीर बांकुरा वीर कुंवर सिंह का संग्रहालय आज बदहाल स्थिति में है. इस स्थल के चारो ओर गंदगी फैली रहती है. लेकिन, इसको लेकर प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. लोगों का कहना है कि वीर कुंवर की जंयती पर सब ठीक कर दिया जाता है और बाद में इसका हाल ऐसा ही रहता है.

babu veer kunwar singh
प्रशासन नहीं दे रहा संग्रहालय पर ध्यान

वीर कुंवर सिंह का संग्रहालय का हाल बुरा
दरअसल, जिले के जगदीशपुर में 1857 क्रांति के महानायक वीर बांकुरा वीर कुंवर सिंह का जन्म हुआ था. यहीं से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से चुनावी सभा के दौरान विकास की गंगा बहाने की बातें कही गई. लेकिन आज तक ऐसे वादें धरातल पर नहीं उतर पाये.

babu veer kunwar singh
बाबू वीर कुंवर सिंह की मूर्ति

झांझरिया पोखरा में लोग करते हैं मल-मूत्र
वीर कुंवर सिंह के स्मृति के लिए बनाये गये झांझरिया पोखरा आज अपनी उपेक्षा और बदहाली पर आंसू बहा रहा है. पोखरे के चारो तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इतना ही नहीं व्यवस्था का आलम यह है कि वीर कुंवर सिंह के इस ऐतिहासिक पोखरे का प्रयोग लोग शौच करने और मूत्र उत्सर्जित करने के लिए करते हैं. साथ ही पोखरे के किनारे अतिक्रमण कर बने अवैध दुकानों से निकलने वाले कचरें भी यहीं फेंकें जाते हैं. जिससे वहां जाने वाले लोगों को नाक पर रूमाल रखकर गुजरना पड़ता है. वैसे तो स्थानीय नगर पंचायत के माध्यम से इस ऐतिहासिक पोखरे के सौंदर्यीकरण की पहल की जाती रही है. लेकिन स्थानीय प्रशासन सारी कुव्यवस्थाओं को नजरअंदाज कर रही है.

बाबू वीर कुंवर सिंह का ऐतिहासिक संग्रहालय

यह भी पढ़े- अयोध्या से बक्सर पहुंची भगवान श्री राम की बारात, नगर वासियों ने किया भव्य स्वागत

प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
जगदीशपुर के चेयरमैन मुकेश कुमार ने बताया कि वीर कुंवर सिंह के नाम पर अभी तक सिर्फ राजनीति ही होती रही है. राज्य सरकार समेत स्थानीय सांसद, विधायक की ओर से कोई भी समुचित प्रयास या पहल नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि जिसके फलस्वरूप ऐतिहासिक धरोहरों का समुचित विकास नहीं हो पाया है.

वीर कुंवर सिंह को लेकर लोग जागरूक नहीं
चेयरमैन ने कहा कि विकास कार्यों में प्रशासन का जरा भी सहयोग नहीं मिल पाता है. साथ ही लोगों में भी जागरुकता की कमी है जिसके फलस्वरूप कुव्यवस्था का आलम दिख रहा है. वीर कुंवर सिंह ने देश को बहुत ही आसानी से अपने जीवन का बलिदान दे दिया. लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि उनके ही लोग उन्हें आज उपेक्षित महसूस करवाएंगे.

भोजपुर: जिले के महानायक वीर बांकुरा वीर कुंवर सिंह का संग्रहालय आज बदहाल स्थिति में है. इस स्थल के चारो ओर गंदगी फैली रहती है. लेकिन, इसको लेकर प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. लोगों का कहना है कि वीर कुंवर की जंयती पर सब ठीक कर दिया जाता है और बाद में इसका हाल ऐसा ही रहता है.

babu veer kunwar singh
प्रशासन नहीं दे रहा संग्रहालय पर ध्यान

वीर कुंवर सिंह का संग्रहालय का हाल बुरा
दरअसल, जिले के जगदीशपुर में 1857 क्रांति के महानायक वीर बांकुरा वीर कुंवर सिंह का जन्म हुआ था. यहीं से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से चुनावी सभा के दौरान विकास की गंगा बहाने की बातें कही गई. लेकिन आज तक ऐसे वादें धरातल पर नहीं उतर पाये.

babu veer kunwar singh
बाबू वीर कुंवर सिंह की मूर्ति

झांझरिया पोखरा में लोग करते हैं मल-मूत्र
वीर कुंवर सिंह के स्मृति के लिए बनाये गये झांझरिया पोखरा आज अपनी उपेक्षा और बदहाली पर आंसू बहा रहा है. पोखरे के चारो तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इतना ही नहीं व्यवस्था का आलम यह है कि वीर कुंवर सिंह के इस ऐतिहासिक पोखरे का प्रयोग लोग शौच करने और मूत्र उत्सर्जित करने के लिए करते हैं. साथ ही पोखरे के किनारे अतिक्रमण कर बने अवैध दुकानों से निकलने वाले कचरें भी यहीं फेंकें जाते हैं. जिससे वहां जाने वाले लोगों को नाक पर रूमाल रखकर गुजरना पड़ता है. वैसे तो स्थानीय नगर पंचायत के माध्यम से इस ऐतिहासिक पोखरे के सौंदर्यीकरण की पहल की जाती रही है. लेकिन स्थानीय प्रशासन सारी कुव्यवस्थाओं को नजरअंदाज कर रही है.

बाबू वीर कुंवर सिंह का ऐतिहासिक संग्रहालय

यह भी पढ़े- अयोध्या से बक्सर पहुंची भगवान श्री राम की बारात, नगर वासियों ने किया भव्य स्वागत

प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
जगदीशपुर के चेयरमैन मुकेश कुमार ने बताया कि वीर कुंवर सिंह के नाम पर अभी तक सिर्फ राजनीति ही होती रही है. राज्य सरकार समेत स्थानीय सांसद, विधायक की ओर से कोई भी समुचित प्रयास या पहल नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि जिसके फलस्वरूप ऐतिहासिक धरोहरों का समुचित विकास नहीं हो पाया है.

वीर कुंवर सिंह को लेकर लोग जागरूक नहीं
चेयरमैन ने कहा कि विकास कार्यों में प्रशासन का जरा भी सहयोग नहीं मिल पाता है. साथ ही लोगों में भी जागरुकता की कमी है जिसके फलस्वरूप कुव्यवस्था का आलम दिख रहा है. वीर कुंवर सिंह ने देश को बहुत ही आसानी से अपने जीवन का बलिदान दे दिया. लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि उनके ही लोग उन्हें आज उपेक्षित महसूस करवाएंगे.

Intro:बाबू वीर कुंवर सिंह के ऐतिहासिक किला उपेक्षा का शिकार

भोजपुर।

1857 क्रांति के महानायक वीर बांकुरा वीर कुंवर सिंह के जन्मस्थली कहे जाने वाले भोजपुर के जगदीशपुर में महानायक के बचे हुए स्मृति शेष आज पूरी उपेक्षित नजर आ रहा है वैसे तो वीर कुंवर सिंह की नगरी जगदीशपुर में खुले मंच से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा चुनावी सभा के दौरान विकास की गंगा बहाने की बातें कही जाती रही है लेकिन आज तक किसी के द्वारा कोई खास व्यवस्था नहीं किया गया जिसके फलस्वरूप उनके जुड़ी तमाम चीजें
उपेक्षित नजर आते हैं.


Body:उनकी स्मृति शेष में नगर के बीचोंबीच स्थित झांझरिया पोखरा आज अपनी उपेक्षा एवं बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर दिख रहा है. यूं तो स्थानीय नगर पंचायत के माध्यम से उक्त ऐतिहासिक पोखरे के सौंदर्यीकरण की पहल की जाती रही है.लेकिन समुचित प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने से बदहाली बदस्तूर दिखाई देती नजर आती है. पोखरे के चारो तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है इतना ही नहीं व्यवस्था का आलम यह है कि वीर कुंवर सिंह के इस ऐतिहासिक पोखरे का प्रयोग लोग शौच करने एवं मूत्र उत्सर्जित करने के लिए करते आ रहे हैं. साथ ही पोखरे के किनारे अतिक्रमण कर बने अवैध दुकानों से निकलने वाले कचरे भी फेंका जाता है जिससे वहां जाने वाले लोगों को नाक पर रूमाल रख गुजरना पड़ता है. स्थानीय प्रशासन सारी कुव्यवस्थाओं को नजरअंदाज कर अपनी मानसिकता प्रदर्शित करती नजर आती है. वही जगदीशपुर के चेयरमैन मुकेश कुमार ने बताया कि वीर कुंवर सिंह के नाम पर अभी तक सिर्फ राजनीति ही होती रही है सूबे के सरकार समेत स्थानीय सांसद, विधायक के द्वारा कोई भी समुचित प्रयास या पहल नहीं किया गया है. जिसके फलस्वरूप ऐतिहासिक धरोहरों का समुचित विकास नहीं हो पाया है. वही अपनी मजबूरी व्यक्त करते हुए चेयरमैन ने कहा कि विकास कार्यों में प्रशासन का तनिक भी सहयोग नहीं मिल पाता है साथ ही लोगों में भी जागरूकता की कमी है जिसके फलस्वरूप कुव्यवस्था का आलम दिख रहा है.

बाइट-समाजसेवी(सुरेंद्र राय)
बाइट-महमूद(बच्चा छात्र)
बाइट-मुकेश कुमार(चेयरमैन जगदीशपुर)


Conclusion:
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