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भोजपुर: भारी तादाद में चमगादड़ों की मौत से सहमे ग्रामीण, जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम

ग्रामीणों का कहना है कि ये चमगादड़ यहां कई साल से हैं. लेकिन, अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला था. जानकारों का कहना है कि मरे चमगादड़ों में नर चमगादड़ की संख्या ज्यादा है.

भोजपुर
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Published : May 27, 2020, 1:43 PM IST

Updated : May 27, 2020, 8:14 PM IST

भोजपुर: जिले के तरारी में काफी संख्या में चमगादड़ों की मौत के बाद ग्रामीण सहमे हुए हैं. ग्रामीणों की सूचना पर 7 सदस्यीय मेडिकल टीम तरारी पहुंची. टीम ने मरे हुए चमगादड़ों के सैंपल इकट्ठा कर उन्हें जमीन में गाड़ दिया. वहीं, मेडिकल टीम जांच के लिए सैंपल अपने साथ ले गई.

चमगादड़ों की मौत से लोगों में हड़कंप
भोजपुर जिले के तरारी गांव के पास 200 साल से पेड़ों पर रह रहे दर्जनों चमगादड़ों की अचानक मौत के बाद लोग डर गए. इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी. मौके पर पहुंची मेडिकल टीम ने मौके पर मरे चमगादरों का मुआयना किया. मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मरे हुए चमगादड़ों के सैंपल को लेकर टीम वहां से चली गई.

भोजपुर
जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम

तरारी के पशु चिकित्सक मनोज कुमार ने चमगादड़ों की मौत का कारण मौसम का ज्यादा तापमान होना बताया. उन्होंने कहा कि हालांकि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा. लेकिन, देखने से ऐसा लगता है कि इनकी मौत तेज गर्मी की वजह से हुई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मरने वालों में नर चमगादड़ों की संख्या ज्यादा
ग्रामीणों का कहना है कि ये चमगादड़ यहां कई साल से हैं. लेकिन, अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला था. जानकारों का कहना है कि मरे चमगादड़ों में नर चमगादड़ की संख्या ज्यादा है. उनका कहना है कि मई-जून माह में मादा पक्षी किसी पहाड़ या गुफा में अपने बच्चें को जन्म देने के लिये चली जाती है. फिर कुछ दिनों बाद जाड़े के समय में जाती है. इसी वजह से मरने वालों में नर चमगादड़ों की तादाद ज्यादा है.

भोजपुर
सैंपल कलेक्ट करती टीम

'सैकड़ों साल से यहां रहते हैं चमगादड़'
बुजुर्गों का कहना है कि ये चमगादड़ पहले पीपल के पेड़ पर रहते थे. लेकिन, पेड़ गिर जाने के बाद अब ये चमगादड़ तरारी में रहते हैं. जांच के लिए आई मेडिकल टीम में अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राजनारायण, डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. आशुतोष कुमार और डॉ. शोभा कुमारी शामिल थे.

भोजपुर: जिले के तरारी में काफी संख्या में चमगादड़ों की मौत के बाद ग्रामीण सहमे हुए हैं. ग्रामीणों की सूचना पर 7 सदस्यीय मेडिकल टीम तरारी पहुंची. टीम ने मरे हुए चमगादड़ों के सैंपल इकट्ठा कर उन्हें जमीन में गाड़ दिया. वहीं, मेडिकल टीम जांच के लिए सैंपल अपने साथ ले गई.

चमगादड़ों की मौत से लोगों में हड़कंप
भोजपुर जिले के तरारी गांव के पास 200 साल से पेड़ों पर रह रहे दर्जनों चमगादड़ों की अचानक मौत के बाद लोग डर गए. इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी. मौके पर पहुंची मेडिकल टीम ने मौके पर मरे चमगादरों का मुआयना किया. मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मरे हुए चमगादड़ों के सैंपल को लेकर टीम वहां से चली गई.

भोजपुर
जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम

तरारी के पशु चिकित्सक मनोज कुमार ने चमगादड़ों की मौत का कारण मौसम का ज्यादा तापमान होना बताया. उन्होंने कहा कि हालांकि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा. लेकिन, देखने से ऐसा लगता है कि इनकी मौत तेज गर्मी की वजह से हुई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मरने वालों में नर चमगादड़ों की संख्या ज्यादा
ग्रामीणों का कहना है कि ये चमगादड़ यहां कई साल से हैं. लेकिन, अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला था. जानकारों का कहना है कि मरे चमगादड़ों में नर चमगादड़ की संख्या ज्यादा है. उनका कहना है कि मई-जून माह में मादा पक्षी किसी पहाड़ या गुफा में अपने बच्चें को जन्म देने के लिये चली जाती है. फिर कुछ दिनों बाद जाड़े के समय में जाती है. इसी वजह से मरने वालों में नर चमगादड़ों की तादाद ज्यादा है.

भोजपुर
सैंपल कलेक्ट करती टीम

'सैकड़ों साल से यहां रहते हैं चमगादड़'
बुजुर्गों का कहना है कि ये चमगादड़ पहले पीपल के पेड़ पर रहते थे. लेकिन, पेड़ गिर जाने के बाद अब ये चमगादड़ तरारी में रहते हैं. जांच के लिए आई मेडिकल टीम में अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राजनारायण, डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. आशुतोष कुमार और डॉ. शोभा कुमारी शामिल थे.

Last Updated : May 27, 2020, 8:14 PM IST
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