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भागलपुर: स्मार्ट टॉयलेट का हाल बेहाल, कहीं लटके हैं ताले तो कहीं गायब दरवाजे - Bhagalpur news

भागलपुर में स्मार्ट टॉयलेट का हाल बेहाल है. यहां बनाए गए सभी अत्याधुनिक शौचालय अब जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं. आलम ये है कि कहीं ताले लटके मिल रहे हैं तो कई शौचालयों के दरवाजे गायब हैं.

स्मार्ट टॉयलेट का हाल बेहाल, कहीं लटके हैं ताले तो कहीं गायब दरवाजे
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Published : Sep 10, 2019, 11:54 PM IST

भागलपुर: शहर को साफ और सुंदर रखने के लिए निगम प्रशासन ने कई जगहों पर शौचालय का निर्माण कराया था. जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) सफल हो सके. यही नहीं ये अत्याधुनिक शौचालय केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के निर्धारित मापदंड को पूरा कर सके. लेकिन अब जिले में बनाए गए इन शौचालयों का हाल दयनीय है.

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टॉयलेट से गायब दरवाजे

विभागीय लापरवाही और उचित रखरखाव के अभाव में लाखों रुपए की लागत से बनाए गए शौचालय बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हैं. यहां आम लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए स्मार्ट बायो टॉयलेट और यूरिनल का खस्ता हाल है. वहीं, निगम के बनाए गए शौचालय के ताले 2 साल बाद भी नहीं खुले हैं. फाइबर और स्टील से बने 15 बायो यूरिनल यहां लगाए गए थे. इसमें न पानी और न ही दरवाजे की व्यवस्था है. बता दें कि एक यूरिनल के सेटअप में लगभग 40 हजार रुपए का खर्च आया था. नगर निगम की योजना का भी खस्ताहाल है. 3 साल पहले दो आधुनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था, जो वर्तमान में बंद पड़े हुए हैं.

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टॉयलेट में लटका ताला

500 कम्युनिटी टॉयलेट बनाने की योजना
स्थानीय विभूति राम ने बताया कि यहां शौचालय टूटा हुआ है. मजबूरी में उन्हें बाहर शौच करना पड़ता है. डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि नगर निगम में जितने भी शौचालय उन्हें पीपीपी मॉडल पर देने का प्लान है . जल्द ही बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पास कराया जाएगा. उप नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि निगम में जितने शौचालय हैं, उन्हें ठीक किया जाएगा. यहां 500 कम्युनिटी टॉयलेट बनाने की योजना है. जिसमें से 148 का टेंडर पूरा हो गया है. वहीं, बाकी बचे शौचालयों के लिए एग्रीमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बंद पड़े शौचालयों को भी शुरू किया जाएगा.

स्मार्ट टॉयलेट का हाल बेहाल, कहीं लटके हैं ताले तो कहीं गायब दरवाजे

'वाईफाई के नाम पर मिले पैसे की लूट'
विधायक अजीत शर्मा ने बताया कि नगर निगम में मौजूद शौचालयों में से अधिकांश तो बंद पड़े हैं. गोदाम में कई बायो टॉयलेट पड़े हुए हैं. विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि वाईफाई के नाम पर जो पैसे मिले थे, उनमें लूट हुई है. सारा डाटा विधानसभा में रखा गया है, जिसकी जांच चल रही है.

भागलपुर: शहर को साफ और सुंदर रखने के लिए निगम प्रशासन ने कई जगहों पर शौचालय का निर्माण कराया था. जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) सफल हो सके. यही नहीं ये अत्याधुनिक शौचालय केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के निर्धारित मापदंड को पूरा कर सके. लेकिन अब जिले में बनाए गए इन शौचालयों का हाल दयनीय है.

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टॉयलेट से गायब दरवाजे

विभागीय लापरवाही और उचित रखरखाव के अभाव में लाखों रुपए की लागत से बनाए गए शौचालय बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हैं. यहां आम लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए स्मार्ट बायो टॉयलेट और यूरिनल का खस्ता हाल है. वहीं, निगम के बनाए गए शौचालय के ताले 2 साल बाद भी नहीं खुले हैं. फाइबर और स्टील से बने 15 बायो यूरिनल यहां लगाए गए थे. इसमें न पानी और न ही दरवाजे की व्यवस्था है. बता दें कि एक यूरिनल के सेटअप में लगभग 40 हजार रुपए का खर्च आया था. नगर निगम की योजना का भी खस्ताहाल है. 3 साल पहले दो आधुनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था, जो वर्तमान में बंद पड़े हुए हैं.

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टॉयलेट में लटका ताला

500 कम्युनिटी टॉयलेट बनाने की योजना
स्थानीय विभूति राम ने बताया कि यहां शौचालय टूटा हुआ है. मजबूरी में उन्हें बाहर शौच करना पड़ता है. डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि नगर निगम में जितने भी शौचालय उन्हें पीपीपी मॉडल पर देने का प्लान है . जल्द ही बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पास कराया जाएगा. उप नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि निगम में जितने शौचालय हैं, उन्हें ठीक किया जाएगा. यहां 500 कम्युनिटी टॉयलेट बनाने की योजना है. जिसमें से 148 का टेंडर पूरा हो गया है. वहीं, बाकी बचे शौचालयों के लिए एग्रीमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बंद पड़े शौचालयों को भी शुरू किया जाएगा.

स्मार्ट टॉयलेट का हाल बेहाल, कहीं लटके हैं ताले तो कहीं गायब दरवाजे

'वाईफाई के नाम पर मिले पैसे की लूट'
विधायक अजीत शर्मा ने बताया कि नगर निगम में मौजूद शौचालयों में से अधिकांश तो बंद पड़े हैं. गोदाम में कई बायो टॉयलेट पड़े हुए हैं. विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि वाईफाई के नाम पर जो पैसे मिले थे, उनमें लूट हुई है. सारा डाटा विधानसभा में रखा गया है, जिसकी जांच चल रही है.

Intro:साफ और सुंदर भागलपुर शहर हो उसको लेकर निगम प्रशासन और स्मार्ट सिटी द्वारा जगह-जगह शौचालय का निर्माण कराया गया ,ताकि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना खुले में शौच मुक्त सफल हो सके ,वहीं केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल भागलपुर शहर , सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के लिए निर्धारित मापदंड को पूरा कर सके ।

उचित रखरखाव का अभाव और विभागीय लापरवाही के कारण स्मार्ट सिटी और नगर निगम के लाखों रुपए के सामान बर्बाद हो रहे हैं ,जिसे देखने वाला कोई नहीं ,आम लोगों की सुविधा के लिए शहर में बनाए गए स्मार्ट बायो टॉयलेट और यूरिनल का खस्ता हाल है ,तो निगम द्वारा बनाए गए शौचालय का 2 साल बाद भी ताले नहीं खुले हैं ।


नगर निगम क्षेत्र में स्मार्ट सिटी योजना से सालों पहले लगाई गई स्मार्ट यूरिनल की स्थिति सबसे ज्यादा खराब स्थिति में है , फाइबर और स्टील से बने 15 बायो यूरिनल शहर में लगाए गए थे ,लेकिन सब खराब हो गया है । इन यूरिन नलों में ना पानी की व्यवस्था है और ना ही दरवाजे है । किसी का तो पूरा बॉडी ही टूट कर गिर गया है ।

एक यूरिनल का सेटअप तैयार करने में लगभग 40 हजार रुपए का खर्च आया था ,लेकिन यह पैसा बर्बाद हो रहा है ।

वही नगर निगम की योजना का भी खस्ताहाल है 3 साल पहले दो आधुनिक शौचालय का निर्माण कराया गया ,एक मायागंज अस्पताल जाने वाले रास्ते में तो दूसरा जिला स्कूल के सामने लेकिन अभी तक यह चालू नहीं हो पाया है ।


शौचालय निर्माण पर निगम प्रशासन और स्मार्ट सिटी योजना के द्वारा लाखों रुपए खर्च किये पर इसका लाभ नगर वासियों को नहीं मिल पा रहा है , मजबूरी में नगर वासी और यहां आने वाले राहगीरों को सड़क के किनारे खुले में शौच करने पड़ रहे हैं,खासकर महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ती है । जिससे शहर में गंदगी फैल रही है ,जो स्मार्ट सिटी योजना तथा साफ भागलपुर सुंदर भागलपुर अभियान पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है । इससे एक तरफ लोगों को लाभ भी नहीं मिल पा रहा तो वहीं दूसरी तरफ खर्च होने के बावजूद भी सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा ।

जो शौचालय नगर निगम द्वारा बनवाए गए हैं उसमें पानी की व्यवस्था नहीं की गई है ,कई स्थानों पर शौचालय बन कर तैयार है मगर उन में ताले लटके हुए हैं ।




Body:घंटाघर के पास एक यूरिनल टॉयलेट के बाहर शौच कर रहे विभूति राम से जब पूछा गया कि उन्होंने बाहर क्यों शौच क्यों कि तो उन्होंने कहा कि शौचालय टूटा हुआ है आसपास कहीं शौचालय की व्यवस्था नहीं है इसलिए मजबूरी में शौच उन्हें बाहरी करना पड़ा ।

डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि नगर निगम में जितने भी शौचालय उन्हें पीपीपी मॉडल पर देने का प्लान है । उसको लेकर जल्द ही निगम की बोर्ड के बैठक में प्रस्ताव लाकर पास कराया जाएगा । जिससे कि जितने भी शहर में शौचालय है वह साफ रहे , स्वच्छ रहे और पानी की सुविधा हो । जिससे कि शौच करने वाले को बेहतर सुविधा मिल सके ।


उप नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि नगर निगम में जितने भी पूर्व के बने शौचालय हैं उसकी हालत ठीक नहीं है ,उन्हें ठीक करने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि शहर में 500 कम्युनिटी टॉयलेट बनाने जा रहे हैं जिसमें से 148 का टेंडर पूरा हो गया है , बाकी पर एग्रीमेंट की प्रक्रिया शुरू की गई है । उन्होंने कहा कि वर्तमान में नगर आयुक्त अवकाश पर हैं उनके आने के बाद काम में तेजी आएगी वहीं उन्होंने कहा कि नगर निगम में जो पहले से बने शौचालय उसकी हालत ठीक नहीं है उन्हें रिपेयरिंग की जरूरत है ,कई की स्थिति ज्यादा ही दयनीय है वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करने जा रहे हैं । साथ ही जितने भी निगम क्षेत्र में बंद पड़े शौचालय उन्हें चालू कराया जाएगा ।


इस मामले में विधायक अजीत शर्मा का कहना है कि स्मार्ट सिटी योजना को लेकर बिहार विधानसभा में सवाल उठाया है और स्मार्ट सिटी के नाम पर जिस तरह से भागलपुर में लूट का विकास हुआ हैं । उन्होंने कहा कि नगर निगम में जितने शौचालय लगे हैं अधिक्तर तो बंद पड़े हैं कई टॉयलेट तो देनीये स्थिति में हैं ,कुछ टूट गए हैं । उन्होंने कहा कि नगर निगम के गोदाम में कई बायो टॉयलेट पड़े हुए हैं , वाईफाई के नाम पर जो पैसे दिए गए थे उनमें लूट हुई है ,सारा डाटा के साथ विधानसभा में हमने रखा है ,जिस पर जांच हो रही है । उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर भागलपुर में लूट के सिवा कोई काम नहीं हुआ है ।


Conclusion:visual
byte - विभूति राम ( राहगीर )
byte - राजेश वर्मा ( डिप्टी मेयर )
byte - सत्येंद्र वर्मा ( उप नगर आयुक्त )
byte - अजीत शर्मा ( नगर विधायक )
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