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Bhagalpur News: 21 दिन में डेंगू से लगातार दूसरी मौत, 150 से ज्यादा मरीज अस्पताल में भर्ती

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 7, 2023, 2:00 PM IST

डेंगू को लेकर भागलपुर जिले में हुई दूसरी मौत 4 साल के बच्चे रिद्धिमा की लगातार उल्टी और पेट में दर्द के बाद इंजेक्शन लगाने के बाद डॉक्टर ने उसके परिजनों को बताया कि उसकी मौत हो चुकी है. भागलपुर में जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय मायागंज में डेंगू के मरीजों में कोरोना काल जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है.

भागलपुर में डेंगू से दूसरी मौत
भागलपुर में डेंगू से दूसरी मौत

भागलपुर : बिहार में पटना के बाद भागलपुर जिले में डेंगू के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है. आपको बता दें कि 21 दिन के अंदर डेंगू से भागलपुर दूसरी मौत है. भागलपुर में अब भी डेढ़ सौ से ज्यादा डेंगू पीड़ित मरीज भर्ती हैं. 2 दिन पहले ही भागलपुर के डीएम ने व्यस्था का जायजा लेने के लिए मायागंज अस्पताल का दौरा किया था. लेकिन सरकारी एहतियात और जागरूकता के बावजूद अभी भी डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई है.

ये भी पढ़ें- Bihar Dengue cases : 'यहां जो बच गया, वो ऊपर वाले की कृपा'.. डेंगू के कहर से पटना, भागलपुर में हालात बेकाबू.. आंकड़ा 300 के पार

भागलपुर में डेंगू से दूसरी मौत : भागलपुर में डेंगू की चपेट में आने से मासूम बच्ची की मौत हो चुकी है. उसके पिता भी डेंगू की चपेट में हैं. वो भी अस्पताल में भर्ती हैं. मृत मासूम बच्ची की नाम रिद्धिमा आर्य था. रिद्धिमा तिलकामांझी चौक के हटिया रोड स्थित एक पैथोलॉजी के संचालक रवि कुमार की बेटी थी. रिद्धिमा की उम्र महज 4 वर्ष थी, जो कि डेंगू से उसकी मौत हुई .

उल्टी और दस्त की थी शिकार : परिजनों ने बताया कि 2:00 बजे रात में तेज बुखार के साथ पेट में दर्द हुआ. बच्ची के पिता ने ये बात डॉक्टरों से कही थी उसे इंजेक्शन दिया गया लेकिन वह बच नहीं पाई. रिद्धिमा के पिता रवि कुमार भी डेंगू से ग्रसित हैं. रिद्धिमा मंगलवार की रात से ही 15 बार उल्टी और दस्त की शिकार थी. जो की 2:00 बजे तक तेज बुखार के साथ पेट में दर्द से पीड़ित हुई थी.

भागलपुर में मिले 71 जगह डेंगू के लार्वा : भागलपुर में पटना से पहुंची टीम लगातार दो दिनों से सर्वे कर रही है. इस दौरान करीब 71 जगह पर डेंगू के लारवा मिले हैं. शहर में डेंगू का हॉटस्पॉट तिलकामांझी चौक, हटिया रोड एवं मायागंज अस्पताल के पास बना है. मुख्य रूप से तिलकामांझी चौक के हथिया रोड में डेंगू के मरीजों की संख्या अधिक मिल रही है. कोरोना काल जैसा हाल इस समय मायागंज अस्पताल का हो गया है. डेंगू मरीजों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पा रहे हैं.

अस्पताल में कम पड़ रहे बेड : डीएम सुब्रत कुमार ने मायागंज अस्पताल का निरीक्षण कर 100 बेड वाले फैब्रिकेटेड वार्ड को चालू करने का निर्देश दिया था. लेकिन अब वो भी कम पड़ गया है. आपको बता दें कि मायागंज अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए करीब डेढ़ सौ बेड रिजर्व है. इसके बाद भी लोगों को बेड नहीं मिल पा रहा है. कई लोग लॉबी में जमीन पर चादर बिछाकर अपना इलाज करवा रहे हैं. वहीं स्लाइन चढ़वा रहे हैं.

टेस्ट काउंटर पर उमड़ी भीड़ : मायागंज अस्पताल में डेंगू के मरीज, कोरोना की तर्ज पर बढ़ रहे हैं. लगातार टेस्ट रिपोर्ट काउंटर पर सैकड़ों की संख्या में लोग अपना सेंपल जमा करवा रहे हैं. मरीज और उनके परिजन बताते हैं कि ''रिपोर्ट देने में भी देरी हो रही है. जिस वजह से हमें ना ही बेड मिल पा रहा है और हम ना ही संतुष्ट होकर अपने घर जा पा रहे हैं.''

अस्पताल प्रबंधक सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि ''हमारे यहां किसी की भी जांच रिपोर्ट पेंडिंग नहीं रहती. हमारे पास पर्याप्त मैनपॉवर और लैब टेक्नीशियन हैं. जिस वजह से जांच पेंडिंग नहीं रहती है.'' लेकिन उनकी सफाई कितनी हद तक सही है, यह मरीजों को देखकर पता लगाया जा सकता है.

भागलपुर : बिहार में पटना के बाद भागलपुर जिले में डेंगू के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है. आपको बता दें कि 21 दिन के अंदर डेंगू से भागलपुर दूसरी मौत है. भागलपुर में अब भी डेढ़ सौ से ज्यादा डेंगू पीड़ित मरीज भर्ती हैं. 2 दिन पहले ही भागलपुर के डीएम ने व्यस्था का जायजा लेने के लिए मायागंज अस्पताल का दौरा किया था. लेकिन सरकारी एहतियात और जागरूकता के बावजूद अभी भी डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई है.

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भागलपुर में डेंगू से दूसरी मौत : भागलपुर में डेंगू की चपेट में आने से मासूम बच्ची की मौत हो चुकी है. उसके पिता भी डेंगू की चपेट में हैं. वो भी अस्पताल में भर्ती हैं. मृत मासूम बच्ची की नाम रिद्धिमा आर्य था. रिद्धिमा तिलकामांझी चौक के हटिया रोड स्थित एक पैथोलॉजी के संचालक रवि कुमार की बेटी थी. रिद्धिमा की उम्र महज 4 वर्ष थी, जो कि डेंगू से उसकी मौत हुई .

उल्टी और दस्त की थी शिकार : परिजनों ने बताया कि 2:00 बजे रात में तेज बुखार के साथ पेट में दर्द हुआ. बच्ची के पिता ने ये बात डॉक्टरों से कही थी उसे इंजेक्शन दिया गया लेकिन वह बच नहीं पाई. रिद्धिमा के पिता रवि कुमार भी डेंगू से ग्रसित हैं. रिद्धिमा मंगलवार की रात से ही 15 बार उल्टी और दस्त की शिकार थी. जो की 2:00 बजे तक तेज बुखार के साथ पेट में दर्द से पीड़ित हुई थी.

भागलपुर में मिले 71 जगह डेंगू के लार्वा : भागलपुर में पटना से पहुंची टीम लगातार दो दिनों से सर्वे कर रही है. इस दौरान करीब 71 जगह पर डेंगू के लारवा मिले हैं. शहर में डेंगू का हॉटस्पॉट तिलकामांझी चौक, हटिया रोड एवं मायागंज अस्पताल के पास बना है. मुख्य रूप से तिलकामांझी चौक के हथिया रोड में डेंगू के मरीजों की संख्या अधिक मिल रही है. कोरोना काल जैसा हाल इस समय मायागंज अस्पताल का हो गया है. डेंगू मरीजों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पा रहे हैं.

अस्पताल में कम पड़ रहे बेड : डीएम सुब्रत कुमार ने मायागंज अस्पताल का निरीक्षण कर 100 बेड वाले फैब्रिकेटेड वार्ड को चालू करने का निर्देश दिया था. लेकिन अब वो भी कम पड़ गया है. आपको बता दें कि मायागंज अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए करीब डेढ़ सौ बेड रिजर्व है. इसके बाद भी लोगों को बेड नहीं मिल पा रहा है. कई लोग लॉबी में जमीन पर चादर बिछाकर अपना इलाज करवा रहे हैं. वहीं स्लाइन चढ़वा रहे हैं.

टेस्ट काउंटर पर उमड़ी भीड़ : मायागंज अस्पताल में डेंगू के मरीज, कोरोना की तर्ज पर बढ़ रहे हैं. लगातार टेस्ट रिपोर्ट काउंटर पर सैकड़ों की संख्या में लोग अपना सेंपल जमा करवा रहे हैं. मरीज और उनके परिजन बताते हैं कि ''रिपोर्ट देने में भी देरी हो रही है. जिस वजह से हमें ना ही बेड मिल पा रहा है और हम ना ही संतुष्ट होकर अपने घर जा पा रहे हैं.''

अस्पताल प्रबंधक सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि ''हमारे यहां किसी की भी जांच रिपोर्ट पेंडिंग नहीं रहती. हमारे पास पर्याप्त मैनपॉवर और लैब टेक्नीशियन हैं. जिस वजह से जांच पेंडिंग नहीं रहती है.'' लेकिन उनकी सफाई कितनी हद तक सही है, यह मरीजों को देखकर पता लगाया जा सकता है.

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